27-12-2019, 04:38 PM
"ह्म्म तो आप हो अपर्णा, बहुत सुंदर हो" श्रद्धा ने अपर्णा को देख कर कहा
"तुम भी कम नही हो तभी तो......" अपर्णा ने हंस कर कहा.
"तभी तो मतलब!"
"कुछ नही तुम अपना काम शुरू करो" अपर्णा ने कहा
"ये सब मैं आशु के लिए कर रही हूँ वरना यहा कभी नही आती मैं"
"आशु के लिए तुम कुछ भी कर लेती हो" अपर्णा ने पूछा.
"हां तो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है वो"
"मैं अच्छे से जानती हूँ की कितना अच्छा दोस्त है वो तुम्हारा, शोषण कर रहा है वो तुम्हारा"
"हा...हा...हे..हे मेरा सोसन और आशु...हो ही नही सकता"
"उसने तुम्हे अपने गुरु मतलब सौरभ के साथ.....तुम जानती हो मैं क्या कह रही हूँ"
"आशु की बात बताउ"
"हां बोलो" अपर्णा ने कहा
"बहुत मज़े किए थे मैने सौरभ के साथ. आशु की तरह उसका भी मोटा तगड़ा लंड है...बहुत अच्छे से मारी थी उसने मेरी गान्ड, हां बस थोड़ी देर बहुत दर्द हुआ था पर बाद में तो मज़ा ही मज़ा था"
"छी... तुम्हे शरम नही आती ऐसी बाते करते हुए" अपर्णा ने कहा.
"शरम तो लड़को से की जाती है तुझ से क्या शरम क्या तुम मज़ा नही लेती लंड का"
"मैं शादी शुदा हूँ, मुझे तेरे जैसी लत नही है"
"ह्म्म तो क्या हुआ तेरा मर्द तो अच्छे से मारता होगा ना तेरी"
"मैं अपने पति को छोड़ चुकी हूँ, अपने मायके में हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर कैसे काम चलता है तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड तो होगा ही"
"नही कोई नही है, तुम अपना काम करो अब"
"काम भी हो जाएगा, अच्छा ये तो बता कि कितना बड़ा था तेरे मर्द का"
"तुझे उस से क्या मतलब? तू जल्दी काम शुरू कर हमे देर हो रही है"
"मुझे आदमियों के लंड के बारे में सुन-ना अच्छा लगता है"
"तो मैं क्या करूँ?"
"आप तो नाराज़ हो गयी...मैं तो बस यू ही मज़ाक कर रही हूँ"
"सादे पाँच इंच था उनका...अब काम शुरू करें"
"बस सादे पाँच इंच, उतने से तेरा क्या होता होगा" श्रद्धा ने हंस कर कहा.
"मेरे लिए बहुत था वो....हँसो मत"
"हां पर सादे पाँच इंच गहराई तक नही पहुँच पाएगा" श्रद्धा ने चुटकी ली.
"साइज़ डज़ नोट मॅटर ओके"
"अँग्रेज़ी मुझे नही आती सिर्फ़ सातवी तक पढ़ी हूँ, हां मेरी छोटी बहन कॉलेज में है वो खूब सीख गयी है अँग्रेज़ी" श्रद्धा ने कहा.
मैने कहा छोटे बड़े से कुछ फर्क नही पड़ता"
"तुम्हे कैसे पता तुमने क्या दौनो तरह के लिए है चूत में"
"हे भगवान तू लड़की है विश्वास नही होता"
"बता तो क्या तूने दोनो लिए है अंदर"
"नही मैने बस अपने पति से किया है मैं तुम्हारे जैसी नही हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर तुम कैसे इतने विश्वास से कह सकती हो" श्रद्धा ने कहा.
"मैं इस बारे में और बात नही करना चाहती" अपर्णा ने कहा.
"एक बात तो सुन" श्रद्धा ने हंसते हुए कहा.
"अब क्या है?"
"मैने दोनो ट्राइ किए है. आशु से पहले मेरा टांका दिनेश से था. तेरे पति जितना ही था उसका. जब तक मैने आशु का नही लिया तब तक मुझे भी नही पता था कि बड़े लंड का क्या मज़ा है."
"ये सब बकवास है...अब तुम काम शुरू करती हो या नही" अपर्णा ने कहा.
"करती हूँ बाबा करती हूँ....."
श्रद्धा आख़िर अपना काम शुरू कर देती है. पर बीच बीच में कुछ ना कुछ बोलती रहती है.
"देखो मैं तो अपना काम कर दूँगी, पर जो तुम्हे बहुत अच्छे से जानता है वो तुम्हे हर हाल में पहचान लेगा" श्रद्धा ने कहा.
"पोलीस तो मुझे अच्छे से नही जानती...बस वो ना पहचान पाए"
"उनकी चिंता नही है, जिसने तुम्हे बहुत बार देखा हो वही तुम्हे पहचान पाएगा किसी और के बस की बात नही. वैसे भी पोलीस के पास तुम्हारी फोटो है जो कि टीवी पर दीखाई जा रही है. उस फोटो को देख कर कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे"
"ह्म्म फिर ठीक है" अपर्णा ने कहा
"अरे मुझे याद आया, मुझे भी एक पोलीस वाले के पास जाना है आज, काश मैं भी बच पाती"
"क्यों तुम्हे तो मज़ा लेने का शौक है, बचना क्यों चाहती हो" अपर्णा ने कहा.
"तो क्या तुम्हे सब पता है कि मैं भोलू के पास जाउंगी आज?" श्रद्धा ने पूछा.
"हां" अपर्णा ने जवाब दिया.
"तुम भी कम नही हो तभी तो......" अपर्णा ने हंस कर कहा.
"तभी तो मतलब!"
"कुछ नही तुम अपना काम शुरू करो" अपर्णा ने कहा
"ये सब मैं आशु के लिए कर रही हूँ वरना यहा कभी नही आती मैं"
"आशु के लिए तुम कुछ भी कर लेती हो" अपर्णा ने पूछा.
"हां तो मेरा बहुत अच्छा दोस्त है वो"
"मैं अच्छे से जानती हूँ की कितना अच्छा दोस्त है वो तुम्हारा, शोषण कर रहा है वो तुम्हारा"
"हा...हा...हे..हे मेरा सोसन और आशु...हो ही नही सकता"
"उसने तुम्हे अपने गुरु मतलब सौरभ के साथ.....तुम जानती हो मैं क्या कह रही हूँ"
"आशु की बात बताउ"
"हां बोलो" अपर्णा ने कहा
"बहुत मज़े किए थे मैने सौरभ के साथ. आशु की तरह उसका भी मोटा तगड़ा लंड है...बहुत अच्छे से मारी थी उसने मेरी गान्ड, हां बस थोड़ी देर बहुत दर्द हुआ था पर बाद में तो मज़ा ही मज़ा था"
"छी... तुम्हे शरम नही आती ऐसी बाते करते हुए" अपर्णा ने कहा.
"शरम तो लड़को से की जाती है तुझ से क्या शरम क्या तुम मज़ा नही लेती लंड का"
"मैं शादी शुदा हूँ, मुझे तेरे जैसी लत नही है"
"ह्म्म तो क्या हुआ तेरा मर्द तो अच्छे से मारता होगा ना तेरी"
"मैं अपने पति को छोड़ चुकी हूँ, अपने मायके में हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर कैसे काम चलता है तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड तो होगा ही"
"नही कोई नही है, तुम अपना काम करो अब"
"काम भी हो जाएगा, अच्छा ये तो बता कि कितना बड़ा था तेरे मर्द का"
"तुझे उस से क्या मतलब? तू जल्दी काम शुरू कर हमे देर हो रही है"
"मुझे आदमियों के लंड के बारे में सुन-ना अच्छा लगता है"
"तो मैं क्या करूँ?"
"आप तो नाराज़ हो गयी...मैं तो बस यू ही मज़ाक कर रही हूँ"
"सादे पाँच इंच था उनका...अब काम शुरू करें"
"बस सादे पाँच इंच, उतने से तेरा क्या होता होगा" श्रद्धा ने हंस कर कहा.
"मेरे लिए बहुत था वो....हँसो मत"
"हां पर सादे पाँच इंच गहराई तक नही पहुँच पाएगा" श्रद्धा ने चुटकी ली.
"साइज़ डज़ नोट मॅटर ओके"
"अँग्रेज़ी मुझे नही आती सिर्फ़ सातवी तक पढ़ी हूँ, हां मेरी छोटी बहन कॉलेज में है वो खूब सीख गयी है अँग्रेज़ी" श्रद्धा ने कहा.
मैने कहा छोटे बड़े से कुछ फर्क नही पड़ता"
"तुम्हे कैसे पता तुमने क्या दौनो तरह के लिए है चूत में"
"हे भगवान तू लड़की है विश्वास नही होता"
"बता तो क्या तूने दोनो लिए है अंदर"
"नही मैने बस अपने पति से किया है मैं तुम्हारे जैसी नही हूँ" अपर्णा ने कहा.
"फिर तुम कैसे इतने विश्वास से कह सकती हो" श्रद्धा ने कहा.
"मैं इस बारे में और बात नही करना चाहती" अपर्णा ने कहा.
"एक बात तो सुन" श्रद्धा ने हंसते हुए कहा.
"अब क्या है?"
"मैने दोनो ट्राइ किए है. आशु से पहले मेरा टांका दिनेश से था. तेरे पति जितना ही था उसका. जब तक मैने आशु का नही लिया तब तक मुझे भी नही पता था कि बड़े लंड का क्या मज़ा है."
"ये सब बकवास है...अब तुम काम शुरू करती हो या नही" अपर्णा ने कहा.
"करती हूँ बाबा करती हूँ....."
श्रद्धा आख़िर अपना काम शुरू कर देती है. पर बीच बीच में कुछ ना कुछ बोलती रहती है.
"देखो मैं तो अपना काम कर दूँगी, पर जो तुम्हे बहुत अच्छे से जानता है वो तुम्हे हर हाल में पहचान लेगा" श्रद्धा ने कहा.
"पोलीस तो मुझे अच्छे से नही जानती...बस वो ना पहचान पाए"
"उनकी चिंता नही है, जिसने तुम्हे बहुत बार देखा हो वही तुम्हे पहचान पाएगा किसी और के बस की बात नही. वैसे भी पोलीस के पास तुम्हारी फोटो है जो कि टीवी पर दीखाई जा रही है. उस फोटो को देख कर कोई नही पहचान पाएगा तुम्हे"
"ह्म्म फिर ठीक है" अपर्णा ने कहा
"अरे मुझे याद आया, मुझे भी एक पोलीस वाले के पास जाना है आज, काश मैं भी बच पाती"
"क्यों तुम्हे तो मज़ा लेने का शौक है, बचना क्यों चाहती हो" अपर्णा ने कहा.
"तो क्या तुम्हे सब पता है कि मैं भोलू के पास जाउंगी आज?" श्रद्धा ने पूछा.
"हां" अपर्णा ने जवाब दिया.