27-12-2019, 04:20 PM
“ सर आप क्या मेरे आगे से नही डालेंगे” पूजा ने चौहान से कहा.
“हां यार मेरा मन इसकी मुलायम गान्ड मारने का कर रहा है…चल तू नीचे आजा मैं इसके उपर आता हूँ.” परवीन ने कहा
जब उन्होने पोज़िशन चेंज कर ली तो पूजा ने धीरे से चौहान के कान में कहा, “यही है वो आदमी जो उस दिन मेरा और रागिनी का पीछा कर रहा था.”
“क्या मतलब” चौहान हैरानी में बोला.
“मतलब कि परवीन ही वो आदमी है.”
“क्या बकवास कर रही है…तुझे कुछ भूल हुई है.”
“मुझे भूल नही हुई है…वो आदमी परवीन ही था” पूजा ये शब्द ज़ोर से बोल गयी. फिर उसे अफ़सोस हुआ.
परवीन जैसे सब कुछ समझ गया.
वो पूजा की गान्ड में बहुत ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा.
“ऊहह नो…प्लीज़ सर रोको इसे मैं मर जाउंगी.” पूजा गिड़गिडाई.
“साली मुझ पर इल्ज़ाम लगाती है हा तेरी गान्ड ना फाड़ दी तो मेरा नाम परवीन नही.” परवीन ने कहा.
“परवीन कोई बात नही... इसे कोई ग़लत फ़हमी हुई है तू आराम से कर.” चौहान ने कहा.
“पर इल्ज़ाम तो लगा दिया ना साली ने मैं इसकी गान्ड लाल कर दूँगा” परवीन ने कहा.
उसने उसके बाल पकड़े और पूरे ज़ोर लगा कर अपने लंड को पूजा की गान्ड में अंदर बाहर करने लगा.
पूजा ने अपनी आँखे बंद कर ली. जो भी हो उसे मज़े का अहसास तो हो ही रहा था. पूजा को शांत देख कर चौहान ने भी नीचे से पूजा की चूत में रगडे लगाने शुरू कर दिए. कुछ ही पॅलो में पूजा सब कुछ भूल कर आनंद के सागर में गोते लगा रही थी.
जब दोनो ने अपना अपना पानी उसके अंदर छ्चोड़ा और वो रुके तो उसे होश आया.
“कातिल मेरे उपर है और पोलीस वाला नीचे…वाह री किस्मत.” पूजा ने कहा
"ओह गॉड...मज़ा आ गया...क्यों परवीन कैसी रही ?" चौहान ने कहा.
परवीन किन्ही ख़यालो में खोया था. उसने कोई जवाब नही दिया. परवीन का लंड अभी भी पूजा की गान्ड में फँसा था. चौहान का लंड आधा पूजा की चूत से बाहर था और आधा अंदर.
"कहा खोए हो जनाब...कहीं तुम सच में वो आदमी तो नही....हे..हे" चौहान ने हंसते हुए कहा.
"मज़ाक मत कर यार मैं अभी मदहोश हूँ...क्या गान्ड है साली की"
गाली पूजा के दिल पर फिर से चोट कर गयी और वो बोली, "सर मैं अब जाउ?"
"तू कही नही जाएगी अभी मुझे और मारनी है तेरी" परवीन ने कहा.
"सर प्लीज़...मैं थक गयी हूँ...मुझे जाने दीजिए अब."
"भाई तेरे जाने का फ़ैसला तो बर्थडे बॉय ही करेगा...मैं इस में कुछ नही कर सकता...और सच कहूँ तो मेरा मन भी है तुझे फिर से चोद्ने का." चौहान ने कहा और पूजा के होठ चूम लिए.
"बाहर तो निकाल लीजिए मैं सच में थक गयी हूँ."
"चल परवीन इसे थोड़ा आराम देते हैं. जब तक ये अपनी थकान उतारती है, हम दारू का मज़ा लेते हैं."
"ह्म ठीक है" परवीन ने कहा.
परवीन ने पूजा की गान्ड की गहराई से अपने लंड को ज़ोर से खींचा.
"आहह" पूजा कराह उठी.
"इसे कहते हैं गान्ड...लंड बाहर निकालने पर भी आवाज़ करती है ये...जबरदस्त गान्ड है" परवीन ने कहा.
जब दौनो ने अपने लंड बाहर निकाल लिए तो पूजा बोली, "वॉशरूम कहा है."
"रामू!" परवीन ने आवाज़ लगाई.
"जी मालिक."
"इसे वॉश रूम का रास्ता बता दे." परवीन ने कहा.
रामू ने पूजा को उपर से नीचे तक देखा और घिनोनी हँसी के साथ बोला, "मेरे पीछे-पीछे आ जाओ"
पूजा ने उसकी हँसी देख कर अपनी नज़रे झुका ली और मन ही मन कहा, "किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान"
पूजा रामू के साथ चल दी
"कितने में बिकी तुम?" रामू ने कहा.
"हे ज़ुबान संभाल कर बात करो ऐसा कुछ नही है जो तुम समझ रहे हो." पूजा गुर्राई.
"तो क्या फ्री में कर रही हो ये तमासा?"
"तुम्हे इस से क्या लेना देना अपना काम करो."
"लो आ गया टॉयलेट...वो सामने है."
"ठीक है...तुम जाओ यहा से"
रामू ने पूजा की गान्ड पर हाथ रखा और बोला, "अगर फ्री में कर रही हो तो मुझे भी कुछ...."
रामू अपने शब्द पूरे नही कर पाया क्योंकि अगले ही पल पूजा की पाँचो उंगलिया उसके चेहरे पर पड़ चुकी थी.
“हां यार मेरा मन इसकी मुलायम गान्ड मारने का कर रहा है…चल तू नीचे आजा मैं इसके उपर आता हूँ.” परवीन ने कहा
जब उन्होने पोज़िशन चेंज कर ली तो पूजा ने धीरे से चौहान के कान में कहा, “यही है वो आदमी जो उस दिन मेरा और रागिनी का पीछा कर रहा था.”
“क्या मतलब” चौहान हैरानी में बोला.
“मतलब कि परवीन ही वो आदमी है.”
“क्या बकवास कर रही है…तुझे कुछ भूल हुई है.”
“मुझे भूल नही हुई है…वो आदमी परवीन ही था” पूजा ये शब्द ज़ोर से बोल गयी. फिर उसे अफ़सोस हुआ.
परवीन जैसे सब कुछ समझ गया.
वो पूजा की गान्ड में बहुत ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा.
“ऊहह नो…प्लीज़ सर रोको इसे मैं मर जाउंगी.” पूजा गिड़गिडाई.
“साली मुझ पर इल्ज़ाम लगाती है हा तेरी गान्ड ना फाड़ दी तो मेरा नाम परवीन नही.” परवीन ने कहा.
“परवीन कोई बात नही... इसे कोई ग़लत फ़हमी हुई है तू आराम से कर.” चौहान ने कहा.
“पर इल्ज़ाम तो लगा दिया ना साली ने मैं इसकी गान्ड लाल कर दूँगा” परवीन ने कहा.
उसने उसके बाल पकड़े और पूरे ज़ोर लगा कर अपने लंड को पूजा की गान्ड में अंदर बाहर करने लगा.
पूजा ने अपनी आँखे बंद कर ली. जो भी हो उसे मज़े का अहसास तो हो ही रहा था. पूजा को शांत देख कर चौहान ने भी नीचे से पूजा की चूत में रगडे लगाने शुरू कर दिए. कुछ ही पॅलो में पूजा सब कुछ भूल कर आनंद के सागर में गोते लगा रही थी.
जब दोनो ने अपना अपना पानी उसके अंदर छ्चोड़ा और वो रुके तो उसे होश आया.
“कातिल मेरे उपर है और पोलीस वाला नीचे…वाह री किस्मत.” पूजा ने कहा
"ओह गॉड...मज़ा आ गया...क्यों परवीन कैसी रही ?" चौहान ने कहा.
परवीन किन्ही ख़यालो में खोया था. उसने कोई जवाब नही दिया. परवीन का लंड अभी भी पूजा की गान्ड में फँसा था. चौहान का लंड आधा पूजा की चूत से बाहर था और आधा अंदर.
"कहा खोए हो जनाब...कहीं तुम सच में वो आदमी तो नही....हे..हे" चौहान ने हंसते हुए कहा.
"मज़ाक मत कर यार मैं अभी मदहोश हूँ...क्या गान्ड है साली की"
गाली पूजा के दिल पर फिर से चोट कर गयी और वो बोली, "सर मैं अब जाउ?"
"तू कही नही जाएगी अभी मुझे और मारनी है तेरी" परवीन ने कहा.
"सर प्लीज़...मैं थक गयी हूँ...मुझे जाने दीजिए अब."
"भाई तेरे जाने का फ़ैसला तो बर्थडे बॉय ही करेगा...मैं इस में कुछ नही कर सकता...और सच कहूँ तो मेरा मन भी है तुझे फिर से चोद्ने का." चौहान ने कहा और पूजा के होठ चूम लिए.
"बाहर तो निकाल लीजिए मैं सच में थक गयी हूँ."
"चल परवीन इसे थोड़ा आराम देते हैं. जब तक ये अपनी थकान उतारती है, हम दारू का मज़ा लेते हैं."
"ह्म ठीक है" परवीन ने कहा.
परवीन ने पूजा की गान्ड की गहराई से अपने लंड को ज़ोर से खींचा.
"आहह" पूजा कराह उठी.
"इसे कहते हैं गान्ड...लंड बाहर निकालने पर भी आवाज़ करती है ये...जबरदस्त गान्ड है" परवीन ने कहा.
जब दौनो ने अपने लंड बाहर निकाल लिए तो पूजा बोली, "वॉशरूम कहा है."
"रामू!" परवीन ने आवाज़ लगाई.
"जी मालिक."
"इसे वॉश रूम का रास्ता बता दे." परवीन ने कहा.
रामू ने पूजा को उपर से नीचे तक देखा और घिनोनी हँसी के साथ बोला, "मेरे पीछे-पीछे आ जाओ"
पूजा ने उसकी हँसी देख कर अपनी नज़रे झुका ली और मन ही मन कहा, "किस्मत मेहरबान तो गधा पहलवान"
पूजा रामू के साथ चल दी
"कितने में बिकी तुम?" रामू ने कहा.
"हे ज़ुबान संभाल कर बात करो ऐसा कुछ नही है जो तुम समझ रहे हो." पूजा गुर्राई.
"तो क्या फ्री में कर रही हो ये तमासा?"
"तुम्हे इस से क्या लेना देना अपना काम करो."
"लो आ गया टॉयलेट...वो सामने है."
"ठीक है...तुम जाओ यहा से"
रामू ने पूजा की गान्ड पर हाथ रखा और बोला, "अगर फ्री में कर रही हो तो मुझे भी कुछ...."
रामू अपने शब्द पूरे नही कर पाया क्योंकि अगले ही पल पूजा की पाँचो उंगलिया उसके चेहरे पर पड़ चुकी थी.