27-12-2019, 04:12 PM
Update 11
“ये तो हम शहर से बाहर ही आ गये.”
“फार्म हाउस है पूजा जी…शहर से दूर तो होगा ही.”
“कितना टाइम रुकना पड़ेगा मुझे….पार्टी में” पूजा ने पूछा.
“पार्टी है…देर भी हो सकती है….हहहे.”
कुछ ही देर में जीप एक बड़े से फार्म हाउस पर आ कर रुक गयी. परवीन वही खड़ा था.
जीप से उतरते ही चौहान ने परवीन को गले लगाया और बोला, “हॅपी बर्थडे यार…देख ध्यान से पटाखा लाया हूँ तेरे लिए.”
परवीन ने पूजा को उपर से नीचे तक देखा और एक अजीब सी हँसी उसके चेहरे पर उभर आई जिसे देख कर पूजा ने फ़ौरन अपनी नज़रे झुका ली.
“बोल ना कैसा लगा बर्थडे गिफ्ट?” चौहान ने कहा.
“कुछ बोलने लायक छोड़ा है तूने जो बोलूं मैं. एक तो ये लड़की वैसे ही बहुत सुंदर है उपर से ये इसका चूड़ीदार शूट सितम ढा रहा है…तेरे हाथ कैसे लगी ये” परवीन ने कहा.
“वो सब छोड़ तू आम खा गुठलिया मत गिन.” चौहान ने कहा.
पूजा चुपचाप सर झुकाए सब सुनती रही.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, “क्या नाम है तेरा?”
“जी पूजा?”
“क्या करती हो?”
“जी कॉलेज में पढ़ती हूँ.”
“तुझे अंदाज़ा भी है कि आज तेरे साथ क्या होगा.”
“जी क्या मतलब”
“मतलब कभी एक साथ 2 आदमियों को दी है तूने या नही…”
पूजा ने चौहान की तरफ देखा और बोली, “सर……”
“अरे परवीन चल अंदर डरा मत बेचारी को ये बाजारू लड़की नही है…समझा कर”
“क्या बात है…फिर तो सच में नायाब तोहफा है ये…सच बता कहा मिली ये तुझे.”
“छोड़ यार ये सब और ये बता कि सारा इंतज़ाम किया कि नही.”
“सब इंतज़ाम पूरा है. खुली हवा में धूप कर नीचे बिस्तर लगवा दिए हैं. बोतल-सोटल पानी-वानी सब रखवा दिया है.”
“नौकर को कहना वहां से दूर ही रहे…डिस्टर्ब ना करे हमे.”
“तुम तो जानते ही हो उसे वो वहां फटकेगा भी नही. हम तीनो बिल्कुल अकेले रहेंगे.”
चलते-चलते परवीन ने पूजा के पिछवाड़े पर हाथ रखा और उन्हे मसल्ते हुए बोला, “बहुत सॉफ्ट हैं…मज़ा आएगा दोस्त ये गान्ड मारने में…तू भी हाथ लगा के देख.”
चौहान ने भी पूजा की गान्ड पर हाथ रखा और उसे मसल्ने लगा, “बिल्कुल सही कहा यार एक दम मस्त गान्ड है. इसकी गान्ड ऐसी है तो चूत कैसी होगी.”
पूजा ने घूम कर चौहान को घूरा. चौहान के चेहरे पर घिनोनी हँसी उभर आई.
“चूत भी अभी सामने आ जाएगी…क्यों पूजा क्या कहती हो?” परवीन ने गान्ड पर थप्पड़ मार कर पूछा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. “हे भगवान ये वक्त बीत जाए मेरा…” पूजा ने मन ही मन कहा.
कुछ ही देर में वो वहां पहुँच गये जहाँ परवीन ने सारा इंतज़ाम कर रखा था.
“दोस्त इंतज़ाम तो सारा कर रखा है मैने पर मुझे नही लगता कि इस शराब के आगे वो बोतल की शराब टिक पाएगी.”
“तो क्या कहता है…मन गया ना बर्थ डे तेरा”
“हां यार उम्मीद से बढ़कर…इसे कहते है सच्ची दोस्ती…इसे मैं नंगी करूँगा समझे… तू बीच में नही आएगा.”
“तेरा गिफ्ट है…रॅपर तू ही तो खोलेगा…हहहे.”
“हहा….हहे….” दौनो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे. पूजा एक खिलोने की तरह खड़ी रही.
“ये तो हम शहर से बाहर ही आ गये.”
“फार्म हाउस है पूजा जी…शहर से दूर तो होगा ही.”
“कितना टाइम रुकना पड़ेगा मुझे….पार्टी में” पूजा ने पूछा.
“पार्टी है…देर भी हो सकती है….हहहे.”
कुछ ही देर में जीप एक बड़े से फार्म हाउस पर आ कर रुक गयी. परवीन वही खड़ा था.
जीप से उतरते ही चौहान ने परवीन को गले लगाया और बोला, “हॅपी बर्थडे यार…देख ध्यान से पटाखा लाया हूँ तेरे लिए.”
परवीन ने पूजा को उपर से नीचे तक देखा और एक अजीब सी हँसी उसके चेहरे पर उभर आई जिसे देख कर पूजा ने फ़ौरन अपनी नज़रे झुका ली.
“बोल ना कैसा लगा बर्थडे गिफ्ट?” चौहान ने कहा.
“कुछ बोलने लायक छोड़ा है तूने जो बोलूं मैं. एक तो ये लड़की वैसे ही बहुत सुंदर है उपर से ये इसका चूड़ीदार शूट सितम ढा रहा है…तेरे हाथ कैसे लगी ये” परवीन ने कहा.
“वो सब छोड़ तू आम खा गुठलिया मत गिन.” चौहान ने कहा.
पूजा चुपचाप सर झुकाए सब सुनती रही.
परवीन पूजा के पास आया और बोला, “क्या नाम है तेरा?”
“जी पूजा?”
“क्या करती हो?”
“जी कॉलेज में पढ़ती हूँ.”
“तुझे अंदाज़ा भी है कि आज तेरे साथ क्या होगा.”
“जी क्या मतलब”
“मतलब कभी एक साथ 2 आदमियों को दी है तूने या नही…”
पूजा ने चौहान की तरफ देखा और बोली, “सर……”
“अरे परवीन चल अंदर डरा मत बेचारी को ये बाजारू लड़की नही है…समझा कर”
“क्या बात है…फिर तो सच में नायाब तोहफा है ये…सच बता कहा मिली ये तुझे.”
“छोड़ यार ये सब और ये बता कि सारा इंतज़ाम किया कि नही.”
“सब इंतज़ाम पूरा है. खुली हवा में धूप कर नीचे बिस्तर लगवा दिए हैं. बोतल-सोटल पानी-वानी सब रखवा दिया है.”
“नौकर को कहना वहां से दूर ही रहे…डिस्टर्ब ना करे हमे.”
“तुम तो जानते ही हो उसे वो वहां फटकेगा भी नही. हम तीनो बिल्कुल अकेले रहेंगे.”
चलते-चलते परवीन ने पूजा के पिछवाड़े पर हाथ रखा और उन्हे मसल्ते हुए बोला, “बहुत सॉफ्ट हैं…मज़ा आएगा दोस्त ये गान्ड मारने में…तू भी हाथ लगा के देख.”
चौहान ने भी पूजा की गान्ड पर हाथ रखा और उसे मसल्ने लगा, “बिल्कुल सही कहा यार एक दम मस्त गान्ड है. इसकी गान्ड ऐसी है तो चूत कैसी होगी.”
पूजा ने घूम कर चौहान को घूरा. चौहान के चेहरे पर घिनोनी हँसी उभर आई.
“चूत भी अभी सामने आ जाएगी…क्यों पूजा क्या कहती हो?” परवीन ने गान्ड पर थप्पड़ मार कर पूछा.
पूजा ने कोई जवाब नही दिया. “हे भगवान ये वक्त बीत जाए मेरा…” पूजा ने मन ही मन कहा.
कुछ ही देर में वो वहां पहुँच गये जहाँ परवीन ने सारा इंतज़ाम कर रखा था.
“दोस्त इंतज़ाम तो सारा कर रखा है मैने पर मुझे नही लगता कि इस शराब के आगे वो बोतल की शराब टिक पाएगी.”
“तो क्या कहता है…मन गया ना बर्थ डे तेरा”
“हां यार उम्मीद से बढ़कर…इसे कहते है सच्ची दोस्ती…इसे मैं नंगी करूँगा समझे… तू बीच में नही आएगा.”
“तेरा गिफ्ट है…रॅपर तू ही तो खोलेगा…हहहे.”
“हहा….हहे….” दौनो ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे. पूजा एक खिलोने की तरह खड़ी रही.