Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 1.75 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed}
#34
Update 10

"छोटे-मोटे चाकू से काम नही चलता था तुम्हारा जो इतना बड़ा चाकू रख लिया" चौहान ने कहा.

"सर मुझे यही पसंद आया...मैने रख लिया"

"ह्म्म....विजय एक मिनट इधर आओ" चौहान ने विजय को कहा.

"जी सर" विजय ने कहा.

"तुम इसे थाने ले जाओ और डरा धमका कर छोड़ देना. और हां 1 पेटी से कम मत लेना. ज़्यादा तीन-पाँच करे तो अंदर डाल देना" चौहान ने कहा.

"सर एक बात कहूँ अगर बुरा ना माने तो" विजय ने कहा.

"हां-हां बोलो"

"जिस कॉलेज गर्ल का कतल हुआ था उसकी फ़्रेंड है ना ये लड़की"

"हां ठीक कहा वही है ये...तुम इसे ले कर जाओ मैं यही रूम में रुकुंगा" चौहान ने कहा.

"जी सर समझ गया...सर सुंदर लड़की है... थोड़ा हमारा भी ध्यान...."

"पहले मुझे तो घोड़ी चढ़ने दे..."

"ओके सर समझ गया...मैं फ़ौरन इस लफंगे को लेकर थाने पहुँचता हूँ" विजय ने कहा.

"और हां...उस अपर्णा का कुछ भी पता चले तो फ़ौरन मुझे फोन करना" चौहान ने कहा.

सब इनस्पेक्टर विजय को भेज कर इनस्पेक्टर चौहान वापिस कमरे में घुसता है और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लेता है.

“हां तो पूजा जी...क्या आप अब सच बताएँगी कि आप यहा क्या कर रही हैं,” चौहान ने रोब से पूछा.

“सर मैने बताया ना कि मैं अपने फियान्से से मिलने आई हूँ.”

“वो तो आपका नाम मुस्कान बता रहा था.”

“मुस्कान…नही नही आपको कोई ग़लत फ़हमी हुई है…मेरा नाम तो पूजा है आप भी जानते हैं.”

“ह्म्म हो सकता है कि ग़लतफहमी हुई हो.”

“जी बिल्कुल आप से सुन-ने में ग़लती लगी है.”

“वो तो ये भी कह रहा था कि तुम एस्कॉर्ट हो…”

“क्या…?” लड़की के चेहरे का रंग उड़ गया.

“हां-हां और उसने ये भी बताया कि उसने 50,000/- दिए हैं तुम्हे.”

“ये सब झूठ है.”

“पर्स दिखाओ अपना.”

“सर प्लीज़ मेरा यकीन कीजिए…आप तो जानते हैं ना कि मैं ऐसी लड़की नही हूँ.”

“तभी इतनी नर्मी से पेश आ रहा हूँ…वरना अब तक वो हो जाता यहा जो तुम सोच भी नही सकती…दीखाओ पर्स अपना”

“सर प्लीज़…ऐसा कुछ नही है जैसा आप सोच रहे हैं.”

चौहान ने उसके हाथ से पर्स छीन लिया और उसे खोल कर देखा. 50,000 की गद्दी बाहर निकाल कर बोला, “ये क्या है…एक दिन का किराया तुम्हारा.”

“सर मुझे छोड़ दीजिए मैं अपनी ग़लती मानती हूँ.”

“मुझ से झूठ बोल कर कोई बच नही सकता. कब बनी तुम एस्कॉर्ट?”

“ये मेरा पहला असाइनमेंट था…अभी बस एक हफ़्ता पहले ही जॉइन किया था”

“कौन सी एस्कॉर्ट एजेन्सी में जॉइन किया तुमने?”

“मिस्टर कुमार इस एजेन्सी को चलाता है.”

“अच्छा मिस्टर कुमार…कमिने ने नयी चिड़िया भरती कर ली और हमे बताया भी नही.”

“सर…मैं अभी ये सब छोड़ दूँगी प्लीज़ मुझे जाने दीजिए.”

“देखो हमारी रेजिस्ट्रेशन फीस तो तुम्हे देनी ही पड़ेगी.” चौहान ने कहा.

“मैं समझी नही सर.”

“देखो इस शहर में हर क्राइम करने वाले को पोलीस को रेजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है.”

“ठीक है…आप ये 50,000 रख लीजिए”

“हर जगह पैसा नही चलता पूजा जी”

“फिर और क्या दूं आपको.”

“कैसी बात करती हैं आप भी…इतना सुंदर मुखड़ा दिया है और इतना सुंदर शरीर दिया है भगवान ने आपको…ये कब काम आएगा”

“सर मैं ये काम आज ही अभी से छोड़ रही हूँ. वैसे भी मैं अपनी ख़ुशी से नही आई थी इस लाइन में.”

“वो सब मुझे नही पता…तुमने कदम तो रखा है ना इस लाइन में फीस तो लगेगी ही. और अगर फीस नही देना चाहती तो जैल जाकर चक्की पीसो…चाय्स तुम्हारी है…मैं तुम्हे मजबूर नही करूँगा”

“क्या करना होगा मुझे?”

“उस नालयक के साथ जो करने वाली थी वही हमारे साथ करो”

“ ठीक है सर…उसके बाद तो मुझे छोड़ देंगे ना आप?”
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बात एक रात की - The Immortal Romance - {Completed} - by usaiha2 - 27-12-2019, 04:07 PM



Users browsing this thread: 15 Guest(s)