27-12-2019, 04:00 PM
रूम के अंदर लॅपटॉप पर पॉर्न मूवी चल रही है और माहौल गरम है.
'देखो कैसे चूस रही है ये ब्लोंड हप्सी का मोटा लंड...देखी है ऐसी मूवी कभी'
'नही सर...'
'साली देखा कर...जब अपनी गान्ड तूने बाजार में उतार दी है तो कुछ स्किल तो सीख...बहुत कमाएगी अगर मेरी बात मानेगी तो.'
'ओके सर... मैं सीख लूँगी'
'अभी सीखा कुछ...'
'हां-हां बिल्कुल.'
'चल फिर चूस मेरे लंड को...बिल्कुल उसी तरह जैसे मूवी में वो हप्सी का चूस रही है'
लड़की ने बड़ी सावधानी से संजय के लंड को पकड़ा और जैसे मूवी में दिखाया था वैसे मूह में लेने की कोशिश की.
'आअहह..... तू तो सीख गयी...पक्की रंडी बन जाएगी तू आज'
तभी रूम की बेल बज उठी.
'कौन आ गया इस वक्त...मैने मना किया था कि डिस्टर्ब मत करना' संजय बड़बड़ाया.
"कोई गड़बड़ तो नही" लड़की ने पूछा.
"चिंता मत कर, ये होटेल बिल्कुल सेफ है...ज़रूर कोई बेवकूफ़ वेटर होगा...तू मूवी पर ध्यान लगा...मैं अभी आता हूँ"
वो दरवाजा खोलता है लेकिन पोलीस को वहां पाकर उसके पसीने छूट जाते हैं.
"क्या हुआ जनाब...चेहरे का रंग क्यों उड़ गया हमे देख कर" इनस्पेक्टर चौहान ने कहा.
"क्या बात है सर?"
"तुम्हारे साथ और कौन-कौन है!" चौहान ने पूछा.
"मेरी फियान्से है साथ मेरे"
"क्या नाम है उसका"
"जी मुस्कान"
"ह्म्म मुस्कान, ठीक है मुझे तुम्हारा रूम चेक करना है" चौहान ने रूम में घुसते हुए कहा.
"पर इनस्पेक्टर साहब बताए तो सही कि बात क्या है"
"थोड़ी देर में सब पता चल जाएगा ज़ुबान बंद रख" चौहान ने रोब से कहा.
इनस्पेक्टर कमरे में आ गया. लड़की ने तब तक चेहरे पर दुपपता लपेट लिया था.
"हे लड़की चेहरा दिखा अपना" चौहान ने पूछा.
"क्या बात है सर!"
"सुना नही...दुपपता हटा मूह से और थोबड़ा दिखा अपना"
लड़की ने दुपपता मूह से हटा लिया.
"अरे पूजा जी आप यहा...आप यहा क्या कर रही हैं?"
"जी मैं अपने फियान्से से मिलने आई थी"
इनस्पेक्टर का माथा ठनका. उसने लॅपटॉप में झाँक कर देखा. उसमें अभी भी पॉर्न मूवी चल रही थी. "हे तुम मेरे साथ बाहर आओ एक मिनट" चौहान ने संजय से कहा.
"पर बात क्या है इनस्पेक्टर साहब" संजय ने कहा
कमरे से बाहर आ कर चौहान ने कहा,"सच-सच बता क्या रिस्ता है तेरा इस लड़की से"
"सर...वो मेरी फियान्से है"
"अच्छा क्या करती है तेरी फियान्से"
"वो बी.ए फाइनल में है"
"कौन से कॉलेज में"
"भूल गया सर पता नही"
"अच्छा...चल ये बता कहा रहती है तेरी फियान्से काअड्रेस तो पता होगा तुझे उसका"
"आप ये सब क्यों पूछ रहे हैं"
तभी चौहान ने एक थप्पड़ रसीद कर दिया संजय के मूह पर. थप्पड़ इतनी ज़ोर का था कि संजय का सर घूम गया.
"अब सच बताता है या के एक और दूं कान के नीचे"
"बताता हूँ-बताता हूँ सर...वो एस्कॉर्ट है"
"क्या कहा?" चौहान को इस सच की उम्मीद नही थी. वो तो सोच रहा था कि उनका कोई इल्लिसिट अफेर है.
"सच कह रहा हूँ सर...वो लड़की एस्कॉर्ट है"
"तुम कहाँ से आए हो"
"सर मैं देल्ही से आया हूँ"
"कब आए थे यहा"
"मैं रात 12 बजे आया था यहा"
"विजय..." चौहान ने विजय को आवाज़ लगाई जो कि कमरे में था.
"जी सर" विजय फ़ौरन हाजिर हो गया.
"ये लड़की तो वो नही है जिसकी हमे तलाश थी...कमरा अच्छे से चेक किया और कोई तो नही है अंदर" चौहान ने कहा.
"नही सर कमरे में और कोई नही है...हां पर कमरे में बेड के तकिये के नीचे से ये चाकू मिला है" विजय ने कहा.
"इतने बड़े चाकू को तकिये के नीचे रख कर क्या कर रहे थे तुम"
"जी वो मैं...मैं" संजय ने हकलाते हुए कहा.
"क्या मैं-मैं लगा रखा है...क्या मतलब है ऐसा चाकू रखने का"
"सर मेरे ग्रह-नक्षत्र खराब चल रहे है उसी के उपाए के लिए मैं रोज अपने तकिये के नीचे ये चाकू रखता हूँ. ज्योतिसी ने बताया था."
'देखो कैसे चूस रही है ये ब्लोंड हप्सी का मोटा लंड...देखी है ऐसी मूवी कभी'
'नही सर...'
'साली देखा कर...जब अपनी गान्ड तूने बाजार में उतार दी है तो कुछ स्किल तो सीख...बहुत कमाएगी अगर मेरी बात मानेगी तो.'
'ओके सर... मैं सीख लूँगी'
'अभी सीखा कुछ...'
'हां-हां बिल्कुल.'
'चल फिर चूस मेरे लंड को...बिल्कुल उसी तरह जैसे मूवी में वो हप्सी का चूस रही है'
लड़की ने बड़ी सावधानी से संजय के लंड को पकड़ा और जैसे मूवी में दिखाया था वैसे मूह में लेने की कोशिश की.
'आअहह..... तू तो सीख गयी...पक्की रंडी बन जाएगी तू आज'
तभी रूम की बेल बज उठी.
'कौन आ गया इस वक्त...मैने मना किया था कि डिस्टर्ब मत करना' संजय बड़बड़ाया.
"कोई गड़बड़ तो नही" लड़की ने पूछा.
"चिंता मत कर, ये होटेल बिल्कुल सेफ है...ज़रूर कोई बेवकूफ़ वेटर होगा...तू मूवी पर ध्यान लगा...मैं अभी आता हूँ"
वो दरवाजा खोलता है लेकिन पोलीस को वहां पाकर उसके पसीने छूट जाते हैं.
"क्या हुआ जनाब...चेहरे का रंग क्यों उड़ गया हमे देख कर" इनस्पेक्टर चौहान ने कहा.
"क्या बात है सर?"
"तुम्हारे साथ और कौन-कौन है!" चौहान ने पूछा.
"मेरी फियान्से है साथ मेरे"
"क्या नाम है उसका"
"जी मुस्कान"
"ह्म्म मुस्कान, ठीक है मुझे तुम्हारा रूम चेक करना है" चौहान ने रूम में घुसते हुए कहा.
"पर इनस्पेक्टर साहब बताए तो सही कि बात क्या है"
"थोड़ी देर में सब पता चल जाएगा ज़ुबान बंद रख" चौहान ने रोब से कहा.
इनस्पेक्टर कमरे में आ गया. लड़की ने तब तक चेहरे पर दुपपता लपेट लिया था.
"हे लड़की चेहरा दिखा अपना" चौहान ने पूछा.
"क्या बात है सर!"
"सुना नही...दुपपता हटा मूह से और थोबड़ा दिखा अपना"
लड़की ने दुपपता मूह से हटा लिया.
"अरे पूजा जी आप यहा...आप यहा क्या कर रही हैं?"
"जी मैं अपने फियान्से से मिलने आई थी"
इनस्पेक्टर का माथा ठनका. उसने लॅपटॉप में झाँक कर देखा. उसमें अभी भी पॉर्न मूवी चल रही थी. "हे तुम मेरे साथ बाहर आओ एक मिनट" चौहान ने संजय से कहा.
"पर बात क्या है इनस्पेक्टर साहब" संजय ने कहा
कमरे से बाहर आ कर चौहान ने कहा,"सच-सच बता क्या रिस्ता है तेरा इस लड़की से"
"सर...वो मेरी फियान्से है"
"अच्छा क्या करती है तेरी फियान्से"
"वो बी.ए फाइनल में है"
"कौन से कॉलेज में"
"भूल गया सर पता नही"
"अच्छा...चल ये बता कहा रहती है तेरी फियान्से काअड्रेस तो पता होगा तुझे उसका"
"आप ये सब क्यों पूछ रहे हैं"
तभी चौहान ने एक थप्पड़ रसीद कर दिया संजय के मूह पर. थप्पड़ इतनी ज़ोर का था कि संजय का सर घूम गया.
"अब सच बताता है या के एक और दूं कान के नीचे"
"बताता हूँ-बताता हूँ सर...वो एस्कॉर्ट है"
"क्या कहा?" चौहान को इस सच की उम्मीद नही थी. वो तो सोच रहा था कि उनका कोई इल्लिसिट अफेर है.
"सच कह रहा हूँ सर...वो लड़की एस्कॉर्ट है"
"तुम कहाँ से आए हो"
"सर मैं देल्ही से आया हूँ"
"कब आए थे यहा"
"मैं रात 12 बजे आया था यहा"
"विजय..." चौहान ने विजय को आवाज़ लगाई जो कि कमरे में था.
"जी सर" विजय फ़ौरन हाजिर हो गया.
"ये लड़की तो वो नही है जिसकी हमे तलाश थी...कमरा अच्छे से चेक किया और कोई तो नही है अंदर" चौहान ने कहा.
"नही सर कमरे में और कोई नही है...हां पर कमरे में बेड के तकिये के नीचे से ये चाकू मिला है" विजय ने कहा.
"इतने बड़े चाकू को तकिये के नीचे रख कर क्या कर रहे थे तुम"
"जी वो मैं...मैं" संजय ने हकलाते हुए कहा.
"क्या मैं-मैं लगा रखा है...क्या मतलब है ऐसा चाकू रखने का"
"सर मेरे ग्रह-नक्षत्र खराब चल रहे है उसी के उपाए के लिए मैं रोज अपने तकिये के नीचे ये चाकू रखता हूँ. ज्योतिसी ने बताया था."
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