29-01-2019, 11:33 PM
मनीष और हम पैदल चल रहे थे की अचानक एक बाइक आकर हमारे सामने रुकी। उसपर एक हैंडसम और क्यूट लड़का बैठा था उसकी उँचाई 56" रंग गोरा, उसका जिश्म भरा हुआ था और उसका सीना चौड़ा था, दिखने में बिल्कुल हैंडसम लग रहा था। मनीष उसे देखते ही भागते हुए रवी कहते हुए उसके गले से जा लगा। थोड़ी देर तक वो आपस में मिलने के बाद मनीष ने उसे हमसे मिलवाया- “रवी यह है करुणा, धन्नो, और मोहित...”
रवी ने हम सबको हाय कहा और मोहित की तरफ देखते हुए कहा- “इसे क्या हुआ?”
मनीष ने हँसते हुए कहा- “किसी लड़की को धक्का लग गया इसका, उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। गाँव वालों ने इसकी धुलाई कर दी...”
रवी ने हँसते हुए मोहित की तरफ देखते हुए कहा- “क्यों मोहित, गाँव की छोरी इतनी खूबसूरत थी क्या?” और हँसने लगा। रवी बातें करते हुए मुझे घूर रहा था, उसकी नजरों में अजीब किस्म की कशिश थी।
मनीष ने हम सबसे कहा- “शाम को मेरे घर पर चाय पीने जरूर आना, मैं रवी के साथ चलता हूँ...”
रवी जाते हुए भी मुझे घूर रहा था। बाइक स्टार्ट करते हुए रवी ने हमें बाइ कहा और आँखों ही आँखों में मुझसे कह दिया- “छोरी तुम तो बहुत खूबसूरत हो..”
मनीष और रवी के जाते ही हम मोहित के साथ घर जाने लगे। घर पहुँचते ही सीता मौसी ने मोहित को घायल देखकर भागती हुई मोहित से लिपट गई- “बेटे मेरे लाल क्या हुआ, तुम्हें किसने मारा है?”
मोहित शर्म के मारे चुप रहा।
मैंने मौसी से कहा- “मौसी मोहित बस से उतरते वक़्त गिर गया था...”
मेरी बात सुनकर मौसी ने मोहित से कहा- “इतना बड़ा हो गया है, फिर भी बस से गिर गये। आओ बैठो मैं पानी लेकर आती हूँ..”
मौसी के जाते ही मोहित ने मुझे देखते हुए आँखों ही आँखों में बैंक्स कहा। मौसी एक जग पानी का और एक तौलिया लेकर आ गई, और मोहित को मुँह धोने के लिए कहा। मोहित के मुँह धोने के बाद मौसी ने उसका मुँह तौलिया से साफ कर दिया। मौसी मोहित के चक्कर में हमको भूल गई थी। मोहित का मुँह साफ करने के बाद मौसी ने उसे खटिया पर लिटा दिया।
फिर मौसी ने हमारी तरफ बढ़ते हुए कहा- “धन्नो तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, और करुणा तुम भी तो पूरी जवान हो चुकी हो। कोई रिश्ता वगैरह आया है तुम दोनों के लिए या ऐसे ही बैठी हो?”
मौसी की बात सुनकर करुणा शर्म के मारे लाल हो गई।
मैंने मौसी से कहा- “मौसी बिंदिया की शादी फिक्स हो गई है और करुणा तो अभी बहुत छोटी है...”
रवी ने हम सबको हाय कहा और मोहित की तरफ देखते हुए कहा- “इसे क्या हुआ?”
मनीष ने हँसते हुए कहा- “किसी लड़की को धक्का लग गया इसका, उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। गाँव वालों ने इसकी धुलाई कर दी...”
रवी ने हँसते हुए मोहित की तरफ देखते हुए कहा- “क्यों मोहित, गाँव की छोरी इतनी खूबसूरत थी क्या?” और हँसने लगा। रवी बातें करते हुए मुझे घूर रहा था, उसकी नजरों में अजीब किस्म की कशिश थी।
मनीष ने हम सबसे कहा- “शाम को मेरे घर पर चाय पीने जरूर आना, मैं रवी के साथ चलता हूँ...”
रवी जाते हुए भी मुझे घूर रहा था। बाइक स्टार्ट करते हुए रवी ने हमें बाइ कहा और आँखों ही आँखों में मुझसे कह दिया- “छोरी तुम तो बहुत खूबसूरत हो..”
मनीष और रवी के जाते ही हम मोहित के साथ घर जाने लगे। घर पहुँचते ही सीता मौसी ने मोहित को घायल देखकर भागती हुई मोहित से लिपट गई- “बेटे मेरे लाल क्या हुआ, तुम्हें किसने मारा है?”
मोहित शर्म के मारे चुप रहा।
मैंने मौसी से कहा- “मौसी मोहित बस से उतरते वक़्त गिर गया था...”
मेरी बात सुनकर मौसी ने मोहित से कहा- “इतना बड़ा हो गया है, फिर भी बस से गिर गये। आओ बैठो मैं पानी लेकर आती हूँ..”
मौसी के जाते ही मोहित ने मुझे देखते हुए आँखों ही आँखों में बैंक्स कहा। मौसी एक जग पानी का और एक तौलिया लेकर आ गई, और मोहित को मुँह धोने के लिए कहा। मोहित के मुँह धोने के बाद मौसी ने उसका मुँह तौलिया से साफ कर दिया। मौसी मोहित के चक्कर में हमको भूल गई थी। मोहित का मुँह साफ करने के बाद मौसी ने उसे खटिया पर लिटा दिया।
फिर मौसी ने हमारी तरफ बढ़ते हुए कहा- “धन्नो तुम तो बहुत बड़ी हो गई हो, और करुणा तुम भी तो पूरी जवान हो चुकी हो। कोई रिश्ता वगैरह आया है तुम दोनों के लिए या ऐसे ही बैठी हो?”
मौसी की बात सुनकर करुणा शर्म के मारे लाल हो गई।
मैंने मौसी से कहा- “मौसी बिंदिया की शादी फिक्स हो गई है और करुणा तो अभी बहुत छोटी है...”