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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
मेरी तो साँसें ही रुक गई उस बूढ़े की हिम्मत देखकर। मैं घबरा गई लेकिन अब मैं फैंस चुकी थी, मैंने ही उसे लिफ्ट दी थी। मैं अपने हाथ से फिर से उस बूढ़े का हाथ पकड़कर झटकने लगी। मगर उस बूढ़े ने अपना दूसरा हाथ बढ़ाकर मेरे हाथ को पकड़ लिया और अपना हाथ मेरे चिकने पेट पर फिराने लगा। मेरी हालत बिगड़ती जा रही थी। उस बूढ़े के हाथ में गजब का जादू था। मेरी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया था। उसे बूढ़े ने अपना हाथ मेरे पेट से ऊपर ले जाते हुए मेरी ब्रा की तरफ बढ़ाने लगा। मेरी साँसें बहुत जोर से ऊपर-नीचे होने लगी।

मोहित ने भी अपना लण्ड उस लड़की की गाण्ड पर रगड़ते हुए अपना हाथ उसकी गाण्ड पर रख दिया। लड़की के लिए अब आगे बढ़ने की कोई जगह ना थी, इसलिए मजबूर होकर वो वहीं खड़ी रही। मोहित लड़की के ना छटपटाने पर अपना हाथ उसकी गोल-गोल गाण्ड पर फिराते हुए अपने हाथों से उसकी मोटी गाण्ड को दबाने लगा। मोहित के हाथों से अपनी गाण्ड दबने से वो लड़की भी गरम हो गई और अपने चूतड़ों को पीछे की तरफ धकेलने लगी। मोहित लड़की की इजाजत पाकर अपना हाथ उसकी गाण्ड से आगे ले जाते हुए उसके पेट पर फिराते हुए ऊपर करने लगा।


मोहित के हाथ अपने पेट पर महसूस करके वो लड़की बिल्कुल गरम हो चुकी थी, इसलिए वो अपने चूतड़ों को पीछे धकेलते हुए थोड़ा सा नीचे झुक गई। जिस वजह से मोहित का लण्ड उसकी गाण्ड के साथ चूत पर भी महसूस होने लगा। मोहित ने अपने लण्ड को उसके चूतड़ों में दबाते हुए अपना हाथ ऊपर करते हुए उसकी भारीभारी चूचियों को पकड़ लिया। अपनी चूचियों पर मोहित का हाथ महसूस करके वो लड़की जोर से हाँफने लगी। मोहित अपने हाथों से उस लड़की के चूचियां दबाता रहा।

उस लड़की का हाँफना बंद हुआ तो वो सीधी हो गई, और मोहित का हाथ पकड़कर अपनी चूचियों से दूर झटक दिया। मैं समझ गई वो झड़ चुकी है अब वो मोहित को घास नहीं डालेगी।

बूढ़े का हाथ ऊपर मेरी चूचियों तक पहुँच चुका था, और मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबा रहा था।

मोहित ने फिर से अपना हाथ बढ़ाकर उस लड़की की चूचियों को पकड़ लिया।

तभी अचानक बस रुक गई क्योंकी गाँव आ चुका था। बस के रुकते ही सभी बस से उतरने लगे। उस बूढ़े ने भी मुझे छोड़ दिया। मगर मोहित ने उस लड़की के साथ उतरते हुए उसके कान में कुछ कहा।

उस लड़की ने बस से नीचे उतरते ही शोर मचाना शुरू कर दिया- “भाइयों और बहनों देखो यह लड़का मुझे छेड़ रहा है। मेरे मना करने पर भी यह नहीं माना और मुझसे गंदी बातें कर रहा है...”

उस लड़की की बात सुनकर वहाँ खड़े तीन-चार आदमियों ने मोहित को घेर लिया और मोहित को गले से पकड़ते हुए कहा- “क्या है बहुत चर्बी चढ़ गई है क्या? लड़की को छेड़ता है। लगता है की तुम शहर से आए हो...” यह कहते हुए वो सभी मोहित को पीटने लगे। हम सभी तमाशायी बनकर देखने लगे। मोहित जमीन पर पड़ा था और वो उसे पीट रहे थे।

तभी मनीष ने आगे बढ़ते उए उन आदमियों से कहा- “छोड़ो इसको मार ही डालोगे क्या? बस इसे अपने किए की सजा मिल गई...”

वो आदमी मनीष की बात को सुनकर हट गए। मोहित की हालत देखकर मैं और करुणा हँसने लगे। उसकी शर्ट फट चुकी थी, और उसका मुँह सूज चुका था, उसकी नाक से खून निकल रहा था।

मनीष ने अपना रुमाल मोहित की तरफ बढ़ते हुए कहा- “तुम्हें क्या जरूरत थी उस लड़की से छेड़-छाड़ करने की? यह शहर नहीं गाँव है...”

मोहित ने रुमाल से अपनी नाक का खून साफ करते हुए कहा- “यार मनीष वो लड़की बहुत चालू थी। बस में मुझे पूरा लिफ्ट दे रही थी, और बाहर आते ही सती-सावत्री हो गई...”

मनीष ने हँसते हुए कहा- “तो तुमने बस के बाहर उससे छेड़-छाड़ क्यों की? यह गाँव है, अगर कोई उसे देख लेता तो उसको जिंदा गाड़ देते...”
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 29-01-2019, 11:32 PM



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