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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
प्रवीण का अंडरवेर उतरते ही उसका फनफनाता हुआ लण्ड मेरी आँखों के सामने झूमने लगा। मैंने प्रवीण के लण्ड को ऐसे पकड़ लिया जैसे मुझे कोई खोई हुई चीज मिल गई हो। मैंने प्रवीण के लण्ड को अपने हाथों से सहलाते हुए अपना मुँह नीचे ले जाते हुए उसके गुलाबी सुपाड़े को चूम लिया। मैंने उसके लण्ड के सुपाड़े को चूमने के बाद अपनी जीभ निकालकर उसके सुपाड़े पर फिराने लगी। प्रवीण मजे से सिसकते हुए मेरे सिर में हाथ डालते हुए मेरे बालों को सहलाने लगा। मैं कुछ देर तक उसके सुपाड़े को चाटने के बाद अपना मुँह खोलते हुए उसके लण्ड के सुपाड़े को अपने मुँह में भर लिया।

प्रवीण का लण्ड मेरे मुँह में जाते ही उसके मुँह से “आअहह...” की सिसकी निकल गई। मैं अपने होंठों से उसके लण्ड के सुपाड़े को चाटने लगी। उसके लण्ड से थोड़ा-थोड़ा वीर्य निकालकर मेरे मुँह में आ रहा था, जिसे मैं बड़े मजे से चाट रही थी। आज मुझे प्रवीण का लण्ड बहुत प्यारा लग रहा था।


मैंने अपना मुँह थोड़ा सा ज्यादा खोलते हुए उसका लण्ड जितना हो सकता था अपने मुँह में ले लिया। मैं प्रवीण का आधा से ज्यादा लण्ड अपने मुँह में डालकर अपने मुँह को उसके लण्ड पर आगे-पीछे करने लगी। प्रवीण का लण्ड मेरे मुँह की गरमाइश की वजह से बिल्कुल लोहा बन चुका था और प्रवीण ने अब सिसकते हुए मेरे सिर को पकड़ते हुए अपने लण्ड को तेजी के साथ मेरे मुँह में अंदर-बाहर करने लगा। प्रवीण का लण्ड मेरे मुँह में तेजी के साथ अंदर-बाहर होते हुए मेरी हलक तक पहुँच रहा था।

मुझे अपने मुँह में दर्द होने लगा और मेरी आँखों से आँसू निकालने लगे। मेरी मोटी आँखों में आँसू देखकर प्रवीण ने अपने लण्ड को मेरे मुँह से निकाल दिया। प्रवीण की यह अदा मुझे बहुत पसंद आई। मैंने अपना मुँह खोलते हुए उसके लण्ड का सुपाड़ा अपने मुँह में भरते हुए अपने दाँतों से उसे हल्का काट दिया।

प्रवीण के मुँह से “ऊईई...” की चीख निकल गई और वो मेरे मुँह से अपना लण्ड निकालते हुए मुझे बर्थ पर सीधा लेटाते हुए मेरे ऊपर चढ़कर मेरी चूचियों को अपने हाथों से जोर से मसलते हुए अपने मुँह में भरकर चूसते हुए काटने लगा।

“ऊईए इस्स्स्स
..” इस बार चीखने की बारी मेरी थी।

प्रवीण मेरी चूचियों को कुछ देर तक चाटने के बाद नीचे होते हुए मेरी टाँगों को ऊपर उठाते हुए घुटनों तक मोड़ते हुए मेरे पेट पर रख दी। और मेरी रस टपकाती हुई चूत को गौर से देखने लगा। प्रवीण अपना मुँह नीचे ले जाते हुए मेरी चूत को चूमने लगा। प्रवीण की इस हरकत से मेरा सारा जिश्म काँपने लगा। प्रवीण मेरी चूत को चूमते हुए उससे निकलता हुआ पानी अपनी जीभ से चाटने लगा।

मेरी बर्दाश्त खतम हो रही थी इसलिए मैंने प्रवीण को सिर से पकड़ते हुए उसे ऊपर करते हुए कहा- “मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है अपना लण्ड मेरी चूत में डालकर मुझे चोदो..”

प्रवीण मेरे मुँह से यह सब सुनकर उत्तेजित होते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत के छेद पर रखते हुए बहुत जोर के दो तीन धक्के मार दिये। मेरे मुँह से मजे के मारे “आअह्ह्ह...” की हल्की चीख निकल गई। प्रवीण का लण्ड जड़ तक मेरी चूत में घुस चुका था और उसकी गोटियां मेरी गाण्ड से टकरा रही थी। प्रवीण अपना लण्ड पूरा मेरी चूत से बाहर निकालकर फिर जोर के साथ अंदर घुसा देता। मेरा पूरा शरीर पहले से पशीने में भीगा हुआ था। प्रवीण के 4-5 धक्कों में ही मेरी चूत ने खुशी के आँसू बहाने शुरू कर दिये।

मैं- “ऊहह... आअहह्ह...” करते हुए झड़ने लगी।

प्रवीण मुझे झड़ता हुआ देखकर बहुत जोर के धक्के लगाने लगा और मैं मजे से अपनी आँखें बंद करके झड़ने का मजा लेने लगी। जब मेरा झड़ना बंद हुआ तो प्रवीण ने मेरी चूत से अपना लण्ड निकालते हुए मुझे उल्टा लेटा दिया और अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत में डाल दिया। प्रवीण आधे घंटे तक मेरी चूत को चोदता रहा और मेरी चूत में अपना वीर्य भरने लगा। इस बीच में दो दफा और झड़ चुकी थी। प्रवीण का वीर्य अपनी चूत में । महसूस करते ही मेरी चूत में लगी हुई आग शांत हो गई, और मैं निढाल होकर वहीं लेट गई।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 29-01-2019, 11:31 PM



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