29-01-2019, 11:28 PM
करुणा के मुँह से मजे की “आअहहह.ऊओहह...” की सिसकी निकली मगर वो नाटक करते हुए रोते हुए बोली“मनीष बहुत दर्द हो रहा है... निकालो... मेरी चूत को तुमने फाड़ दिया। तुमने कहा था की आराम से डालोगे, इतनी बेदर्दी से मेरी चूत में अपना लण्ड घुसा दिया...”
मनीष करुणा के नाटक को सच मानते हुए उसके ऊपर झुकते हुए करुणा की चूचियों को सहलाने लगा। करुणा कुछ ही देर में अपने चूतड़ उछालने लगी।
मनीष ने करुणा से कहा- “दर्द तो नहीं हो रहा है?”
करुणा ने कहा- “नहीं पहले बहुत हो रहा था अब अच्छा लग रहा है...”
मनीष करुणा के ऊपर से उठते हुए अपने आधे लण्ड से ही करुणा को चोदने लगा। करुणा की चूत इतनी देर से अपने आपको रोके हुए थी। मनीष के मोटे लण्ड की रगड़ से करुणा का जिश्म अकड़ने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए मनीष के लण्ड पर पानी छोड़ने लगी।
करुणा “आअह्ह्ह..” करते हुए झड़ने लगी। झड़ते हुए उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने चूतड़ों को बहुत जोर से मनीष के लण्ड पर उछालने लगी।
मनीष ने करुणा की चूत में से पानी को निकलते हुए देखकर बहुत जोर के धक्के लगाते हुए अपना पूरा लण्ड करुणा की चूत में घुसा दिया। करुणा जो अपने झड़ने का मजा ले रही थी मनीष का पूरा लण्ड अपनी चूत में घुसते ही दर्द के मारे काँप उठी- “ऊईई माँ.. मर गई, बहुत मोटा है तुम्हारा मेरी चूत को फाड़ दिया...”
मनीष का लण्ड मोहित से ज्यादा मोटा और लंबा था, इसलिए करुणा के मुँह से चीखें निकल गई। मनीष ने अब अपने पूरे लण्ड से करुणा को चोदना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में करुणा मजे से सिसकते हुए किसी दूसरी दुनियां में पहुँच गई। मनीष के हर धक्के के साथ उसके मुँह से आअह्ह्ह... निकल रही थी। उसे मनीष का लण्ड अपनी बच्चेदानी पर ठोकरें मारता हुआ महसूस हो रहा था और उसकी रगड़ उसे अपनी चूत में हर जगह महसूस हो रही थी, जिससे उसका पूरा शरीर मजे से काँपते हुए पशीना-पशीना हो गया।
मनीष भी झड़ने के करीब था। मगर मनीष से पहले करुणा का जिश्म अकड़ने लगा और करुणा की चूत से फिर से पानी की नदियां बहने लगी- “आअह्ह्ह...” करते हुए करुणा झड़ने लगी और उसकी आँखें बंद हो गई।
मनीष भी बहुत तेजी के साथ अपना पूरा लण्ड अंदर-बाहर करते हुए हाँफते हुए करुणा की चूत में अपना वीर्य भरने लगा। मनीष का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करके करुणा की चूत से भी ज्यादा पानी निकलने लगा। मनीष अपनी पहली चुदाई का भरपूर मजा लेते हुए करुणा की चूत में ना जाने कितना वीर्य भरते हुए झड़ रहा था। कुछ देर तक झड़ने के बाद मनीष करुणा के ऊपर ढेर हो गया।
मनीष कुछ देर तक करुणा के ऊपर पड़ा रहा। उसका लण्ड झड़ने के बाद भी करुणा की चूत के अंदर था और वो पूरा ढीला नहीं हुआ था। करुणा ने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली तो मनीष उसके होंठों को चूमने लगा। करुणा भी मनीष का साथ देते हुए उसकी कमर में अपनी बाहें डालकर उसके चुंबनों का जवाब देने लगी। मनीष का लण्ड करुणा की चूत में फिर से तन गया।
करुणा अपनी चूत में मनीष के लण्ड को बढ़ता हुआ देखकर मजे से अपने चूतड़ हिलाने लगी।
मनीष करुणा के होंठों को जी भरकर चूसने के बाद उसकी छोटी-छोटी चूचियों को पकड़कर एक-एक करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मनीष का लण्ड अब पूरी तरह तन चुका था। इसलिए मनीष ने करुणा की चूचियों को चूसते हुए नीचे से अपने लण्ड से उसकी चूत में धक्के लगाने लगा। मनीष इस बार करुणा को आधे घंटे तक तेजी के चोदने के बाद उसकी चूत में फिर से झड़ गया। इस बीच करुणा भी दो बार अपनी चूत से पानी निकाल चुकी थी।
मनीष ने करुणा के ऊपर से उठते हुए अपने कपड़े पहन लिए और अपनी सीट पर आकर लेट गया। करुणा भी दो बार चुदाकर थक चुकी थी इसलिए वो भी अपने कपड़े पहनकर अपनी बर्थ पर घोड़े बेचकर सो गई।
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मनीष करुणा के नाटक को सच मानते हुए उसके ऊपर झुकते हुए करुणा की चूचियों को सहलाने लगा। करुणा कुछ ही देर में अपने चूतड़ उछालने लगी।
मनीष ने करुणा से कहा- “दर्द तो नहीं हो रहा है?”
करुणा ने कहा- “नहीं पहले बहुत हो रहा था अब अच्छा लग रहा है...”
मनीष करुणा के ऊपर से उठते हुए अपने आधे लण्ड से ही करुणा को चोदने लगा। करुणा की चूत इतनी देर से अपने आपको रोके हुए थी। मनीष के मोटे लण्ड की रगड़ से करुणा का जिश्म अकड़ने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए मनीष के लण्ड पर पानी छोड़ने लगी।
करुणा “आअह्ह्ह..” करते हुए झड़ने लगी। झड़ते हुए उसने अपनी आँखें बंद कर ली और अपने चूतड़ों को बहुत जोर से मनीष के लण्ड पर उछालने लगी।
मनीष ने करुणा की चूत में से पानी को निकलते हुए देखकर बहुत जोर के धक्के लगाते हुए अपना पूरा लण्ड करुणा की चूत में घुसा दिया। करुणा जो अपने झड़ने का मजा ले रही थी मनीष का पूरा लण्ड अपनी चूत में घुसते ही दर्द के मारे काँप उठी- “ऊईई माँ.. मर गई, बहुत मोटा है तुम्हारा मेरी चूत को फाड़ दिया...”
मनीष का लण्ड मोहित से ज्यादा मोटा और लंबा था, इसलिए करुणा के मुँह से चीखें निकल गई। मनीष ने अब अपने पूरे लण्ड से करुणा को चोदना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में करुणा मजे से सिसकते हुए किसी दूसरी दुनियां में पहुँच गई। मनीष के हर धक्के के साथ उसके मुँह से आअह्ह्ह... निकल रही थी। उसे मनीष का लण्ड अपनी बच्चेदानी पर ठोकरें मारता हुआ महसूस हो रहा था और उसकी रगड़ उसे अपनी चूत में हर जगह महसूस हो रही थी, जिससे उसका पूरा शरीर मजे से काँपते हुए पशीना-पशीना हो गया।
मनीष भी झड़ने के करीब था। मगर मनीष से पहले करुणा का जिश्म अकड़ने लगा और करुणा की चूत से फिर से पानी की नदियां बहने लगी- “आअह्ह्ह...” करते हुए करुणा झड़ने लगी और उसकी आँखें बंद हो गई।
मनीष भी बहुत तेजी के साथ अपना पूरा लण्ड अंदर-बाहर करते हुए हाँफते हुए करुणा की चूत में अपना वीर्य भरने लगा। मनीष का गरम वीर्य अपनी चूत में महसूस करके करुणा की चूत से भी ज्यादा पानी निकलने लगा। मनीष अपनी पहली चुदाई का भरपूर मजा लेते हुए करुणा की चूत में ना जाने कितना वीर्य भरते हुए झड़ रहा था। कुछ देर तक झड़ने के बाद मनीष करुणा के ऊपर ढेर हो गया।
मनीष कुछ देर तक करुणा के ऊपर पड़ा रहा। उसका लण्ड झड़ने के बाद भी करुणा की चूत के अंदर था और वो पूरा ढीला नहीं हुआ था। करुणा ने कुछ देर बाद अपनी आँखें खोली तो मनीष उसके होंठों को चूमने लगा। करुणा भी मनीष का साथ देते हुए उसकी कमर में अपनी बाहें डालकर उसके चुंबनों का जवाब देने लगी। मनीष का लण्ड करुणा की चूत में फिर से तन गया।
करुणा अपनी चूत में मनीष के लण्ड को बढ़ता हुआ देखकर मजे से अपने चूतड़ हिलाने लगी।
मनीष करुणा के होंठों को जी भरकर चूसने के बाद उसकी छोटी-छोटी चूचियों को पकड़कर एक-एक करके अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। मनीष का लण्ड अब पूरी तरह तन चुका था। इसलिए मनीष ने करुणा की चूचियों को चूसते हुए नीचे से अपने लण्ड से उसकी चूत में धक्के लगाने लगा। मनीष इस बार करुणा को आधे घंटे तक तेजी के चोदने के बाद उसकी चूत में फिर से झड़ गया। इस बीच करुणा भी दो बार अपनी चूत से पानी निकाल चुकी थी।
मनीष ने करुणा के ऊपर से उठते हुए अपने कपड़े पहन लिए और अपनी सीट पर आकर लेट गया। करुणा भी दो बार चुदाकर थक चुकी थी इसलिए वो भी अपने कपड़े पहनकर अपनी बर्थ पर घोड़े बेचकर सो गई।
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