27-12-2019, 03:02 PM
आशु ने श्रद्धा के होल पर ढेर सारा थूक गिरा दिया और उस पर अपने लंड को रगड़ने लगा.
“आह… धीरे से डालना…” श्रद्धा सिहर उठी.
“अभी तो तेरे छेद को चिकना कर रहा हूँ. चिंता मत कर धीरे-धीरे ही अंदर डालूँगा.” आशु ने कहा.
श्रद्धा की गान्ड को अच्छे से चिकना करने के बाद आशु ने अपने लंड को श्रद्धा की गान्ड पर तान दिया. जैसी की किसी के सर पे बंदूक रखते हैं.
“मैं आ रहूं हूँ तुम्हारे अंदर.” आशु ने कहा और अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया.
“ऊऊई मा मर गयी…निकालो इसे बाहर मुझसे नही होगा.”
खेल बिगड़ता देख आशु ने अपने लंड को पूरा का पूरा श्रद्धा की गान्ड में धकेल दिया. “अगर बाहर निकालना ही है तो पूरा डाल कर निकालूँगा. एक बार अच्छे से गान्ड में लंड डालने का मज़ा तो ले लू” आशु ने खुद से मन ही मन कहा.
“नहियीईई ये क्या कर रहे हो आशु…निकालो इसे मैं मर जाउंगी…तुमने तो एकदम से पूरा डाल दिया.”
“सॉरी श्रद्धा…वो लंड चिकना होने के कारण खुद-बा-खुद अंदर फिसल गया.”
“झूठ बोल रहे हो तुम…तुम तो अपने गुरु के भी बाप निकले…निकालो वरना मैं फिर कभी तुम्हारे पास नही आउन्गि.”
“अच्छा थोड़ा रूको तो सही…मुझे ठीक से अहसास तो होने दे कि मैं तेरी गान्ड के अंदर हूँ.”
“तेरे अहसास के चक्कर में मैं मर जवँगी.”
“ऐसा कुछ नही होगा धीरज रखो…” आशु ने श्रद्धा के सर पर हाथ फिरा कर कहा.
“आह… धीरे से डालना…” श्रद्धा सिहर उठी.
“अभी तो तेरे छेद को चिकना कर रहा हूँ. चिंता मत कर धीरे-धीरे ही अंदर डालूँगा.” आशु ने कहा.
श्रद्धा की गान्ड को अच्छे से चिकना करने के बाद आशु ने अपने लंड को श्रद्धा की गान्ड पर तान दिया. जैसी की किसी के सर पे बंदूक रखते हैं.
“मैं आ रहूं हूँ तुम्हारे अंदर.” आशु ने कहा और अपने लंड को हल्का सा धक्का दिया.
“ऊऊई मा मर गयी…निकालो इसे बाहर मुझसे नही होगा.”
खेल बिगड़ता देख आशु ने अपने लंड को पूरा का पूरा श्रद्धा की गान्ड में धकेल दिया. “अगर बाहर निकालना ही है तो पूरा डाल कर निकालूँगा. एक बार अच्छे से गान्ड में लंड डालने का मज़ा तो ले लू” आशु ने खुद से मन ही मन कहा.
“नहियीईई ये क्या कर रहे हो आशु…निकालो इसे मैं मर जाउंगी…तुमने तो एकदम से पूरा डाल दिया.”
“सॉरी श्रद्धा…वो लंड चिकना होने के कारण खुद-बा-खुद अंदर फिसल गया.”
“झूठ बोल रहे हो तुम…तुम तो अपने गुरु के भी बाप निकले…निकालो वरना मैं फिर कभी तुम्हारे पास नही आउन्गि.”
“अच्छा थोड़ा रूको तो सही…मुझे ठीक से अहसास तो होने दे कि मैं तेरी गान्ड के अंदर हूँ.”
“तेरे अहसास के चक्कर में मैं मर जवँगी.”
“ऐसा कुछ नही होगा धीरज रखो…” आशु ने श्रद्धा के सर पर हाथ फिरा कर कहा.