27-12-2019, 02:59 PM
“ठीक है एक शर्त पर…दुबारा नही करूँगी…ये पहली और आखरी बार होगा.”
“ठीक है मंजूर है मुझे…” आशु ने हंस कर कहा. उसकी आँखो में चमक आ गयी थी.
श्रद्धा जो कि पूरी तरह नंगी थी उल्टी घूम कर पेट के बल लेट गयी.
“ऐसे नही…कुतिया बन जाओ…गान्ड मारने का मज़ा कुत्ता-कुत्ति बन कर ही आएगा.”
श्रद्धा ने पोज़िशन ले ली और बोली, “भो-भो”
“ये क्या है…”
“तुम्ही तो कह रहे थे कुतिया बन जाओ…अब तुम भी कुत्ते की तरह ही करना ओके…” श्रद्धा ने हंस कर कहा.
“वह यार क्या आइडिया है…तू सच में हॉट आइटम है…मज़ा आएगा तेरी गान्ड मार कर.”
“अब मारेगा भी या बकवास ही करता रहेगा, मेरा मूड बदल गया तो मैं कुछ नही करने दूँगी.”
“ओके…ओके…बस डाल रहा हूँ…वो मैं गुरु की बताई बाते सोच रहा था. उसने मुझे बताया था कि कैसे करना है.”
“गुरु को छोडो…उसने बहुत दर्द किया था मुझे…तुम अपने दिमाग़ से काम लो…आराम से धीरे से डालो.”
“अरे हां यही तो गुरु भी कह रहा था…अच्छा ऐसा करो दोनो हाथो से अपनी गान्ड के पुथो को फैला लो, लंड को अंदर जाने में आसानी होगी.” आशु ने अपने लंड पर थूक रगड़ते हुए कहा.
“थोडा सा मेरे वहां भी थूक लगा देना…” श्रद्धा ने सर घुमा कर कहा और अपने चुतड़ों को आशु के लंड के लिए फैला लिया.
“हां-हां लगा रहा हूँ पहले अपने हथियार को तो चिकना कर लू. चिंता मत कर तेरी गान्ड को चिकनी करके ही मारूँगा.” आशु ने बहके-बहके अंदाज में कहा.
“वैसे तुम्हे आज ये सब करने का भूत कैसे सवार हो गया.”
“गुरु ने मुझे बताया था कि उसे तेरी गान्ड मार के बड़ा मज़ा आया था. तभी से मैं भी लेने को तड़प रहा था.” आशु ने जवाब दिया.
“वैसे मुझे ज़्यादा मज़ा नही आया था.”
“कोई बात नही अब आएगा मज़ा तुझे.” आशु ने कहा
“ठीक है मंजूर है मुझे…” आशु ने हंस कर कहा. उसकी आँखो में चमक आ गयी थी.
श्रद्धा जो कि पूरी तरह नंगी थी उल्टी घूम कर पेट के बल लेट गयी.
“ऐसे नही…कुतिया बन जाओ…गान्ड मारने का मज़ा कुत्ता-कुत्ति बन कर ही आएगा.”
श्रद्धा ने पोज़िशन ले ली और बोली, “भो-भो”
“ये क्या है…”
“तुम्ही तो कह रहे थे कुतिया बन जाओ…अब तुम भी कुत्ते की तरह ही करना ओके…” श्रद्धा ने हंस कर कहा.
“वह यार क्या आइडिया है…तू सच में हॉट आइटम है…मज़ा आएगा तेरी गान्ड मार कर.”
“अब मारेगा भी या बकवास ही करता रहेगा, मेरा मूड बदल गया तो मैं कुछ नही करने दूँगी.”
“ओके…ओके…बस डाल रहा हूँ…वो मैं गुरु की बताई बाते सोच रहा था. उसने मुझे बताया था कि कैसे करना है.”
“गुरु को छोडो…उसने बहुत दर्द किया था मुझे…तुम अपने दिमाग़ से काम लो…आराम से धीरे से डालो.”
“अरे हां यही तो गुरु भी कह रहा था…अच्छा ऐसा करो दोनो हाथो से अपनी गान्ड के पुथो को फैला लो, लंड को अंदर जाने में आसानी होगी.” आशु ने अपने लंड पर थूक रगड़ते हुए कहा.
“थोडा सा मेरे वहां भी थूक लगा देना…” श्रद्धा ने सर घुमा कर कहा और अपने चुतड़ों को आशु के लंड के लिए फैला लिया.
“हां-हां लगा रहा हूँ पहले अपने हथियार को तो चिकना कर लू. चिंता मत कर तेरी गान्ड को चिकनी करके ही मारूँगा.” आशु ने बहके-बहके अंदाज में कहा.
“वैसे तुम्हे आज ये सब करने का भूत कैसे सवार हो गया.”
“गुरु ने मुझे बताया था कि उसे तेरी गान्ड मार के बड़ा मज़ा आया था. तभी से मैं भी लेने को तड़प रहा था.” आशु ने जवाब दिया.
“वैसे मुझे ज़्यादा मज़ा नही आया था.”
“कोई बात नही अब आएगा मज़ा तुझे.” आशु ने कहा