27-12-2019, 02:57 PM
इधर आशु अपने कमरे में वापिस आ जाता है.
“गुरु नही आएगा…वो थका हुआ है…”
“तो मैं कौन सा उसे बुला रही थी…तुम ही चाहते थे उसे बुलाना.” श्रद्धा ने कहा.
“क्यों अच्छे से नही मारी थी क्या गान्ड गुरु ने तुम्हारी पिछली बार जो ऐसे कह रही हो.”
“मुझे बहुत दर्द हुआ था आशु…इसीलिए तो मैं दुबारा वहां से नही करूँगी…”
“ये खूब कहा…तू मेरी गर्ल फ्रेंड है…गुरु को तो गान्ड दे दी…मुझे देने से मना कर रही है.”
“तुम ही लाए थे उस दिन उसे वरना मैं कभी नही होने देती ऐसा…”
“चल छोड़ ये सब आ ना घूम जा…आज बहुत मन कर रहा है गान्ड मारने का, देखूं तो सही कि इसमे कैसा मज़ा आता है.” आशु ने श्रद्धा के चुतड़ों पर हाथ रख कर कहा.
“आगे से करो ना…वहां ऐसा कुछ अलग नही है.” श्रद्धा ने कहा.
“मुझे एक बार टेस्ट तो कर लेने दे…”
“नही मुझे दर्द होता है वहां.”
“कुछ नही होगा…मैं गुरु से सीख कर आया हूँ.”
“क्या सीख कर आए हो.”
“यही कि गान्ड कैसे मारनी है.”
“मुझे नही करना ये सब…आगे से करते हो तो ठीक है वरना मैं चली…मुझे सुबह बहुत काम देखने हैं…लेट हो रही हूँ.”
“तू तो कहती थी कि सारी रात रहेगी मेरे साथ.”
“तो तुमने कौन सा बताया था कि तुम ये सब करोगे…”
“तो तुमने गुरु को क्यों डालने दिया था गान्ड में”
“वो उसने मुझे बातो में फँसा लिया था बस…वरना मेरा कोई इरादा नही था.”
“ह्म्म…यार ऐसे मत तडपा मान जा ना.” आशु ने श्रद्धा को बाहों में भर के कहा.
“गुरु नही आएगा…वो थका हुआ है…”
“तो मैं कौन सा उसे बुला रही थी…तुम ही चाहते थे उसे बुलाना.” श्रद्धा ने कहा.
“क्यों अच्छे से नही मारी थी क्या गान्ड गुरु ने तुम्हारी पिछली बार जो ऐसे कह रही हो.”
“मुझे बहुत दर्द हुआ था आशु…इसीलिए तो मैं दुबारा वहां से नही करूँगी…”
“ये खूब कहा…तू मेरी गर्ल फ्रेंड है…गुरु को तो गान्ड दे दी…मुझे देने से मना कर रही है.”
“तुम ही लाए थे उस दिन उसे वरना मैं कभी नही होने देती ऐसा…”
“चल छोड़ ये सब आ ना घूम जा…आज बहुत मन कर रहा है गान्ड मारने का, देखूं तो सही कि इसमे कैसा मज़ा आता है.” आशु ने श्रद्धा के चुतड़ों पर हाथ रख कर कहा.
“आगे से करो ना…वहां ऐसा कुछ अलग नही है.” श्रद्धा ने कहा.
“मुझे एक बार टेस्ट तो कर लेने दे…”
“नही मुझे दर्द होता है वहां.”
“कुछ नही होगा…मैं गुरु से सीख कर आया हूँ.”
“क्या सीख कर आए हो.”
“यही कि गान्ड कैसे मारनी है.”
“मुझे नही करना ये सब…आगे से करते हो तो ठीक है वरना मैं चली…मुझे सुबह बहुत काम देखने हैं…लेट हो रही हूँ.”
“तू तो कहती थी कि सारी रात रहेगी मेरे साथ.”
“तो तुमने कौन सा बताया था कि तुम ये सब करोगे…”
“तो तुमने गुरु को क्यों डालने दिया था गान्ड में”
“वो उसने मुझे बातो में फँसा लिया था बस…वरना मेरा कोई इरादा नही था.”
“ह्म्म…यार ऐसे मत तडपा मान जा ना.” आशु ने श्रद्धा को बाहों में भर के कहा.