27-12-2019, 02:53 PM
Update 5
“मुझे तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लग रहा है.”
“बस्टर्ड…” अपर्णा ने दाँत भींच कर कहा.
अपर्णा रज़ाई में दुबक कर चुपचाप बैठी थी. ऐसी हालत में उसे नींद आना नामुमकिन था. उसे बस सुबह होने का इंतेज़ार था.
“हे भगवान किसी तरह से ये रात बीत जाए. ना जाने किसका मूह देखा था सुबह.”
“मेडम एक बात बताना भूल गया.” सौरभ ने अचानक कहा.
अपर्णा जो की अपनी सोच में दुबई थी अचानक सौरभ की आवाज़ सुन कर चोंक गयी.
“क्या है अब?”
“तुम्हारी दाई तरफ पर्दे के पीछे टॉयलेट है…”
“ठीक है…ठीक है”
“मुझे लगा तुम्हे बता दूं... कहीं तुम परेशान रहो.”
“ठीक है…तुम सो जाओ”
“वैसे सच कहूँ तो मुझे भी नींद नही आ रही.”
“क्यों तुम्हे क्या हुआ है…तुम्हे तो खुश होना चाहिए आज. तुम्हारा बदला जो पूरा हो गया.”
“मुझे तुम्हारा साथ बहुत अच्छा लग रहा है.”
“बस्टर्ड…” अपर्णा ने दाँत भींच कर कहा.
अपर्णा रज़ाई में दुबक कर चुपचाप बैठी थी. ऐसी हालत में उसे नींद आना नामुमकिन था. उसे बस सुबह होने का इंतेज़ार था.
“हे भगवान किसी तरह से ये रात बीत जाए. ना जाने किसका मूह देखा था सुबह.”
“मेडम एक बात बताना भूल गया.” सौरभ ने अचानक कहा.
अपर्णा जो की अपनी सोच में दुबई थी अचानक सौरभ की आवाज़ सुन कर चोंक गयी.
“क्या है अब?”
“तुम्हारी दाई तरफ पर्दे के पीछे टॉयलेट है…”
“ठीक है…ठीक है”
“मुझे लगा तुम्हे बता दूं... कहीं तुम परेशान रहो.”
“ठीक है…तुम सो जाओ”
“वैसे सच कहूँ तो मुझे भी नींद नही आ रही.”
“क्यों तुम्हे क्या हुआ है…तुम्हे तो खुश होना चाहिए आज. तुम्हारा बदला जो पूरा हो गया.”