27-12-2019, 02:35 PM
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अपर्णा ने दाया हाथ उसकी ज़िप में डाला. जैसे ही उसका हाथ नक़ाबपोश के तने हुए लंड से टकराया उसके पसीने छूटने लगे. उसे अहसास हो चला था कि वो जिसे बाहर निकालने की कोशिश कर रही है वो बड़ी भारी भरकम चीज़ है. 'ओह गॉड ये तो बहुत बड़ा है' उसने अपने मन में कहा. उसने अब तक अपने पति का ही देखा और छुआ था और वो अब इस नकाब पोश के हथियार से बहुत छोटा मालूम पड़ रहा था. अपर्णा इतने लंबे लंड को अपने हाथ में पाकर अचंभित भी थी और परेशान भी.
'कैसे सक करूँगी इसे...ये तो बहुत बड़ा है.'
'अरे निकालो ना जल्दी बाहर और जल्दी से मूह में डालो. मुझ से इंतजार नही हो रहा.'
अपर्णा ने धीरे से उसके लंड को ज़िप से बाहर निकाला. और अपना मूह बिल्कुल उसके लंड के नज़दीक ले आई. उसने उसे मूह में लेने के लिए मूह खोला ही था कि......
एक दर्द भरी ज़ोर की चीख अचानक वहा गूंजने लगी.
'एक मिनट रूको. मुझे देखना होगा कि ये कौन चीखा था' नक़ाबपोश ने अपने लंड को वापिस पेण्ट के अंदर डालते हुए कहा.
अपर्णा को कुछ भी समझ में नही आ रहा था कि आख़िर हो क्या रहा है.
चलो मेरे साथ और ज़रा भी आवाज़ की तो अंजाम बहुत बुरा होगा,’’ नकाब पोश ने अपर्णा के गले पर चाकू रख कर कहा.
अपर्णा के पास कोई और चारा भी नही था. वो चुपचाप उसके साथ चल दी.
वो नकाब पोश अपर्णा को ले कर सड़क के करीब ले आया. पर वो दोनो अभी भी घनी झाड़ियों के पीछे थे. वहां पहुँच कर अपर्णा ने देखा कि उसकी कार के पास कोई खड़ा है. वो तुरंत नकाब पोश को ज़ोर से धक्का दे कर भाग कर अपनी कार के पास आ गयी.
“प्लीज़ हेल्प मी वो दरिन्दा मुझे मारना चाहता है. उसी ने इस आदमी को भी मारा है जो मेरी कार के पास पड़ा है.”
"अच्छा ऐसा है क्या बताओ मुझे कहा है वो,’’ उस आदमी ने कहा.
“वो वहां उन झाड़ियों के पीछे है,” अपर्णा ने इशारा करके बताया.
उस आदमी ने टॉर्च निकाली और झाड़ियों की तरफ रोशनी की. “वहां तो कोई नही है, आपको ज़रूर कोई वहम हुआ है”
“मेरा यकीन कीजिए वो यहीं कहीं होगा. इस आदमी को भी उसी ने मारा है. क्या ये लाश आपको दिखाई नही दे रही”
“हां दिखाई दे रही है…पर हो सकता है इसे आपने मारा हो.”
“क्या बकवास कर रहे हैं. मैं क्या आपको खूनी नज़र आती हूँ”
“खूनी नज़र तो नही आती पर हो सकता है कि तुमने ही ये सब किया हो और अब कहानियाँ बना रही हो. चलो मेरे साथ पोलीस स्टेशन.”
“देखिए मेरा यकीन कीजिए…मैने किसी का खून नही किया. मैं आपको कैसे समझाऊ.”
“मुझे कुछ समझाने की ज़रूरत नही है. ये खून तुमने ही किया है बस.”
अपर्णा ने दाया हाथ उसकी ज़िप में डाला. जैसे ही उसका हाथ नक़ाबपोश के तने हुए लंड से टकराया उसके पसीने छूटने लगे. उसे अहसास हो चला था कि वो जिसे बाहर निकालने की कोशिश कर रही है वो बड़ी भारी भरकम चीज़ है. 'ओह गॉड ये तो बहुत बड़ा है' उसने अपने मन में कहा. उसने अब तक अपने पति का ही देखा और छुआ था और वो अब इस नकाब पोश के हथियार से बहुत छोटा मालूम पड़ रहा था. अपर्णा इतने लंबे लंड को अपने हाथ में पाकर अचंभित भी थी और परेशान भी.
'कैसे सक करूँगी इसे...ये तो बहुत बड़ा है.'
'अरे निकालो ना जल्दी बाहर और जल्दी से मूह में डालो. मुझ से इंतजार नही हो रहा.'
अपर्णा ने धीरे से उसके लंड को ज़िप से बाहर निकाला. और अपना मूह बिल्कुल उसके लंड के नज़दीक ले आई. उसने उसे मूह में लेने के लिए मूह खोला ही था कि......
एक दर्द भरी ज़ोर की चीख अचानक वहा गूंजने लगी.
'एक मिनट रूको. मुझे देखना होगा कि ये कौन चीखा था' नक़ाबपोश ने अपने लंड को वापिस पेण्ट के अंदर डालते हुए कहा.
अपर्णा को कुछ भी समझ में नही आ रहा था कि आख़िर हो क्या रहा है.
चलो मेरे साथ और ज़रा भी आवाज़ की तो अंजाम बहुत बुरा होगा,’’ नकाब पोश ने अपर्णा के गले पर चाकू रख कर कहा.
अपर्णा के पास कोई और चारा भी नही था. वो चुपचाप उसके साथ चल दी.
वो नकाब पोश अपर्णा को ले कर सड़क के करीब ले आया. पर वो दोनो अभी भी घनी झाड़ियों के पीछे थे. वहां पहुँच कर अपर्णा ने देखा कि उसकी कार के पास कोई खड़ा है. वो तुरंत नकाब पोश को ज़ोर से धक्का दे कर भाग कर अपनी कार के पास आ गयी.
“प्लीज़ हेल्प मी वो दरिन्दा मुझे मारना चाहता है. उसी ने इस आदमी को भी मारा है जो मेरी कार के पास पड़ा है.”
"अच्छा ऐसा है क्या बताओ मुझे कहा है वो,’’ उस आदमी ने कहा.
“वो वहां उन झाड़ियों के पीछे है,” अपर्णा ने इशारा करके बताया.
उस आदमी ने टॉर्च निकाली और झाड़ियों की तरफ रोशनी की. “वहां तो कोई नही है, आपको ज़रूर कोई वहम हुआ है”
“मेरा यकीन कीजिए वो यहीं कहीं होगा. इस आदमी को भी उसी ने मारा है. क्या ये लाश आपको दिखाई नही दे रही”
“हां दिखाई दे रही है…पर हो सकता है इसे आपने मारा हो.”
“क्या बकवास कर रहे हैं. मैं क्या आपको खूनी नज़र आती हूँ”
“खूनी नज़र तो नही आती पर हो सकता है कि तुमने ही ये सब किया हो और अब कहानियाँ बना रही हो. चलो मेरे साथ पोलीस स्टेशन.”
“देखिए मेरा यकीन कीजिए…मैने किसी का खून नही किया. मैं आपको कैसे समझाऊ.”
“मुझे कुछ समझाने की ज़रूरत नही है. ये खून तुमने ही किया है बस.”