26-12-2019, 06:05 PM
जीतूजी को अपनी बगलमें खड़ा रख कर अपर्णा ने रोहित के दोनों पाँव चौड़े किये और खुद बिच में आ गयी। बदन को घुटनों पर टिकाकर अपनी गाँड़ ऊपर की और उठाकर अपर्णाने आगे झुक कर अपने पति का लण्ड के अग्र भाग (टोपे) को बड़े प्यार से चूमा और जीतूजी को अपने पीछे आने का इशारा किया। जीतूजी अपर्णा की इच्छा समझ गए। अपर्णा अपने पति का लण्ड चूसते हुए खुद घोड़ी बनकर जीतूजी से पीछे से चुदवाना चाहती थी। जीतू जी ने आगे बढ़कर अपर्णा की गाँड़से अपना लण्ड सटा दिया। अपर्णा ने उसे अपने हाथ में पकड़ कर सहलाते हुए अपनी चूत पर रगड़ा और धीरे से अपनी चूत की पंखुड़ियों को खोल कर उसके बिच अपने प्रेम छिद्र में हल्का सा घुसाया। बाकी काम जीतूजी ने आगे से धक्का मार कर पूरा किया। जीतूजी का लण्ड पीछे से चूत में घुसते ही अपर्णा की चीख निकल गयी। थोड़ा सा धक्का ज्यादा लगने से और चूत चिकनी होने के कारण जीतूजी का लण्ड काफी अंदर घुस गया था। जैसे तैसे अपर्णा ने अपने आप को सम्हाला। आगे अपर्णा अपने पति का लंड चूस रही थी तो पीछे से जीतूजी अपर्णा को घोड़ी बनाकर अपर्णाकी चूत में अपना लण्ड पेलने लगे और उसे हलके धक्के मार कर चोदने लगे। अपर्णा की भरी हुई चूँचियाँ हवा में मस्ती से झूल रही थीं। जीतूजी ने अपने हाथ आगे कर उनको अपने दोनों हाथों की हथेलियों में पकड़ा और उन्हें प्यारसे दबाने और मसलने लगे।
अपर्णा जीतूजी के पीछे से लगते हुए धक्कों से पूरी तरह हिल रही थी और उसे अपने पति का लण्ड चूसने में भी कुछ कठिनाई हो रही थी। यह देखते हुए जीतूजी ने अपर्णा की नंगी कमर दोनों हाथों से पकड़ कर अपर्णाको थोड़ा संतुलित और स्थिर करने की कोशिश करते हुए अपने पीछे धक्के मारने की रफ़्तार कम की। पर ऐसा करने से जीतूजी का लण्ड अपर्णा की चूत में ज्यादा गहराई तक चला गया। अपर्णा की चूत में अब उसे आगे जाने देने के लिए जगह ही नहीं थी। वह अपर्णा की बच्चे दानी को धक्के मारने लगा। अपर्णा फिर से चीख उठी। जीतूजी अपर्णा की सहमी हुई चीख सुनकर थोड़े चिंतित हो गए और थम गए। पर अपर्णा वैसेही खड़ी रही तो जीतूजी अपने धक्के के पीछे जोश कम कर हलके हलके से ही अपर्णा की चूत में अपना लण्ड पेलने लगे। अपर्णा को अब मजा आ रहा था। रोहित अपनी बीबी के बालों में अपनी उंगलियां डाल कर अपर्णा का माथा पकड़ कर अपने लण्ड को चुसवाने का मजा लेरहे थे। ऐसेही कुछ देर चलता रहा तब रोहितने थोड़ासा ऊपर उठकर अपनी बीबी अपर्णा के कानों के पास अपना मुंह लाकर (जिससे की पीछे से अपर्णा को चोद रहे जीतूजी सुन ना सके) पूछा, "डार्लिंग, इतना तो तुम कर ही चुकी हो। तो क्यों ना आज तुम हम दोनों से एक साथ चुदवालो? बोलो, कर सकती हो?"
अपर्णा ने अपनी आँखें खोल कर अपने पति की और देखा। उसकी आँखोंमें सवाल था की आखिर उसके पति क्या चाहते थे? रोहित ने कहा, "क्या तुम मेरे और जीतूजी से एक साथ चूत और गाँड़ मरवाना चाहोगी? अगर तुम हिम्मत करो तो?" कह कर रोहित जैसे अपनी बीबी की मिन्नत करते हुए अपर्णा के बालों को चूमने लगे। अपर्णा ने धीमी आवाज में कहा, "क्या तुम मुझे मरवाना चाहते हो? रोहित ने उतनी ही धीमी आवाज में अपनी बीबी की मिन्नत करते हुए कहा, "देखो, मेरा तो अब ढीला पड़ चुका है। वह क्या परेशान करेगा? और फिर मैं हर्बल तेल से उसे पूरी तरह सराबोर करकेही घुसाउँगा। प्लीज? करने दो ना? बस एक बार? थोड़ेसे समय के लिए ही?" अपने पतिकी बचकाना बातें सुनकर अपर्णा की हंसी फुट पड़ी। इतने बड़े पत्रकार, जिनका हर तीसरे दिन टीवी पर साक्षात्कार होता है और आम जनता जिन के शब्दों का इतना विश्वास करती है, वह अपनी बीबी के सामने उसे दो मर्दों से एक साथ चुदवाने के लिए कैसे गिड़गिड़ा रहे थे? अपर्णा यह देख कर हैरान थी।
अपर्णा जीतूजी के पीछे से लगते हुए धक्कों से पूरी तरह हिल रही थी और उसे अपने पति का लण्ड चूसने में भी कुछ कठिनाई हो रही थी। यह देखते हुए जीतूजी ने अपर्णा की नंगी कमर दोनों हाथों से पकड़ कर अपर्णाको थोड़ा संतुलित और स्थिर करने की कोशिश करते हुए अपने पीछे धक्के मारने की रफ़्तार कम की। पर ऐसा करने से जीतूजी का लण्ड अपर्णा की चूत में ज्यादा गहराई तक चला गया। अपर्णा की चूत में अब उसे आगे जाने देने के लिए जगह ही नहीं थी। वह अपर्णा की बच्चे दानी को धक्के मारने लगा। अपर्णा फिर से चीख उठी। जीतूजी अपर्णा की सहमी हुई चीख सुनकर थोड़े चिंतित हो गए और थम गए। पर अपर्णा वैसेही खड़ी रही तो जीतूजी अपने धक्के के पीछे जोश कम कर हलके हलके से ही अपर्णा की चूत में अपना लण्ड पेलने लगे। अपर्णा को अब मजा आ रहा था। रोहित अपनी बीबी के बालों में अपनी उंगलियां डाल कर अपर्णा का माथा पकड़ कर अपने लण्ड को चुसवाने का मजा लेरहे थे। ऐसेही कुछ देर चलता रहा तब रोहितने थोड़ासा ऊपर उठकर अपनी बीबी अपर्णा के कानों के पास अपना मुंह लाकर (जिससे की पीछे से अपर्णा को चोद रहे जीतूजी सुन ना सके) पूछा, "डार्लिंग, इतना तो तुम कर ही चुकी हो। तो क्यों ना आज तुम हम दोनों से एक साथ चुदवालो? बोलो, कर सकती हो?"
अपर्णा ने अपनी आँखें खोल कर अपने पति की और देखा। उसकी आँखोंमें सवाल था की आखिर उसके पति क्या चाहते थे? रोहित ने कहा, "क्या तुम मेरे और जीतूजी से एक साथ चूत और गाँड़ मरवाना चाहोगी? अगर तुम हिम्मत करो तो?" कह कर रोहित जैसे अपनी बीबी की मिन्नत करते हुए अपर्णा के बालों को चूमने लगे। अपर्णा ने धीमी आवाज में कहा, "क्या तुम मुझे मरवाना चाहते हो? रोहित ने उतनी ही धीमी आवाज में अपनी बीबी की मिन्नत करते हुए कहा, "देखो, मेरा तो अब ढीला पड़ चुका है। वह क्या परेशान करेगा? और फिर मैं हर्बल तेल से उसे पूरी तरह सराबोर करकेही घुसाउँगा। प्लीज? करने दो ना? बस एक बार? थोड़ेसे समय के लिए ही?" अपने पतिकी बचकाना बातें सुनकर अपर्णा की हंसी फुट पड़ी। इतने बड़े पत्रकार, जिनका हर तीसरे दिन टीवी पर साक्षात्कार होता है और आम जनता जिन के शब्दों का इतना विश्वास करती है, वह अपनी बीबी के सामने उसे दो मर्दों से एक साथ चुदवाने के लिए कैसे गिड़गिड़ा रहे थे? अपर्णा यह देख कर हैरान थी।