26-12-2019, 06:01 PM
अपर्णा ने अपने पति के कानों में फुसफुसा कर शर्माते हुए कहा, "जानू, अपने आपको रोकिये मत। अपना सारा माल मुझ में निकाल दीजिये। आप के झड़ने के बाद मुझे जीतूजी से भी पेलना है। आप ने जीतूजी का मोटा और तगड़ा टूल तो देखा ही है। आप की मलाई मेरे अंदर रहेगी तो मुझे जीतूजी का मोटा टूल लेने में कुछ और आसानी रहेगी। अपर्णाकी बात सुनकर रोहित ने एक के बाद एक हलके पर जोरदार धक्के मार कर अपने लण्ड को अपर्णा की चूत में पेलते रहे। रोहित के दिमाग में अचानक एक धमाके के साथ उनके लण्ड के छिद्रसे फव्वारेकी तरह उनके वीर्य की पिचकारी निकली और उनकी बीबी अपर्णा की चूत की पूरी सुरंग जैसे रोहित के वीर्य से लबालब भर गयी। अपर्णा को अपनी चूत में अपने पति के गरमा गरम वीर्य की पिचकारी छूटने का अनुभव हुआ तो वह भी उत्तेजना के चरम पर पहुँच गयी। अपर्णा के लिए भी उस दिन की घटना एक अद्भुत अनुभव और उत्तेजना का अनुभव था। वह भी अपने आप को रोकना नहीं चाहती थी। पति के साथ उनके बैडरूम में तो वह करीब करीब हर रोज चुदती थी। और ऐसा करते हुए रोमांच भी होता था। पर उस समय की बात कुछ और ही थी। पहाड़ों और वादियों में कुदरत की गोद में अपने प्यारे अझीझ दो मर्दों से एक साथ चूदवाना जिंदगी का असाधारण अनुभव था। अपर्णाका बदनभी उत्तेजना के कारण कांपने लगा और एक हलकी सी सिसकारी के साथ अपर्णा भी झड़ गयी। उस समय अपर्णाके दिमाग में भी अभूतपूर्व सा उत्तेजना भरा धमाका जैसे हुआ। वह अपने पति की बाँहों में समा गयी और बार बार उनसे चिपक कर "रोहित आई लव यू वैरी मच" कहती हुई हांफती अनूठे रोमांच का एहसास करने लगी।
झड़ते ही अपर्णा के दिमाग में जैसे एक अभूतपूर्व शान्ति और ठहरे हुए आनंदका अंतरानुभव हुआ। तन और मन में जैसे एक धीरगंभीर पूर्णता प्रतीत हुई। अपने पति के साथ ऐसा अनुभव अपर्णा ने शायद सुहागरात को ही किया था। कुछ देर आँखें बंद कर के शान्ति से पड़े रह कर आराम करने के बाद अपर्णा ने आँखें खोल अपने पति की आँखों में आँख मिलाकर देखा। अपने प्रेमी और अपने पति दोनों से अच्छी खासी चुदाई होने के बाद अपनी बीबी के चेहरे पर कैसे भाव आते हैं यह देखने के लिए रोहित तो बस एकटक अपनी बीबी के संतृप्त चेहरे को देखे जा रहे थे। अपर्णा की आँखें जैसेही मुस्कुराते हुए अपने पतिसे मिलीं तो अपर्णाने शर्मा कर अपनी नजरें झुकालीं। पति ने अपनी बीबी अपर्णा की ठुड्डी पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर उठाकर अपर्णाके होँठों पर प्यार भरा चुम्बन किया। रोहित जानते थे की जीतूजी का तो अभी तक काम पूरा नहीं हुआथा। रोहित जी जीतूजी की काफी लम्बे अरसे तक बगैर झड़ने के चुदाई करने की क्षमता से बड़े प्रभावित हुए थे। उन्होंने देखा था की जीतूजी ने अपर्णा को करीब आधे घंटे तक एक से बढ़ कर एक पोजीशन में रख कर कितने बढ़िया तरीकेसे चोदा था और फिर भी वह झड़े नहीं थे। अपर्णा जरूर थक गयी थी पर जीतूजी और उनका कड़ा लण्ड दोनों वैसे के वैसे ही खड़े थे।
झड़ते ही अपर्णा के दिमाग में जैसे एक अभूतपूर्व शान्ति और ठहरे हुए आनंदका अंतरानुभव हुआ। तन और मन में जैसे एक धीरगंभीर पूर्णता प्रतीत हुई। अपने पति के साथ ऐसा अनुभव अपर्णा ने शायद सुहागरात को ही किया था। कुछ देर आँखें बंद कर के शान्ति से पड़े रह कर आराम करने के बाद अपर्णा ने आँखें खोल अपने पति की आँखों में आँख मिलाकर देखा। अपने प्रेमी और अपने पति दोनों से अच्छी खासी चुदाई होने के बाद अपनी बीबी के चेहरे पर कैसे भाव आते हैं यह देखने के लिए रोहित तो बस एकटक अपनी बीबी के संतृप्त चेहरे को देखे जा रहे थे। अपर्णा की आँखें जैसेही मुस्कुराते हुए अपने पतिसे मिलीं तो अपर्णाने शर्मा कर अपनी नजरें झुकालीं। पति ने अपनी बीबी अपर्णा की ठुड्डी पकड़ कर उसका चेहरा ऊपर उठाकर अपर्णाके होँठों पर प्यार भरा चुम्बन किया। रोहित जानते थे की जीतूजी का तो अभी तक काम पूरा नहीं हुआथा। रोहित जी जीतूजी की काफी लम्बे अरसे तक बगैर झड़ने के चुदाई करने की क्षमता से बड़े प्रभावित हुए थे। उन्होंने देखा था की जीतूजी ने अपर्णा को करीब आधे घंटे तक एक से बढ़ कर एक पोजीशन में रख कर कितने बढ़िया तरीकेसे चोदा था और फिर भी वह झड़े नहीं थे। अपर्णा जरूर थक गयी थी पर जीतूजी और उनका कड़ा लण्ड दोनों वैसे के वैसे ही खड़े थे।