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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
अपने पीछे जीतूजी का लण्ड और आगे पति का लण्ड अपर्णा की गाँड़ और चूत को टोच रहा था। अपर्णा उस समय चुदाई के मुड़ में थी। उस समय उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था की उसके पति उसे चोदे या उसके प्रियतम। वह चुदवाने के लिए बस बेसब्र थी। जीतूजी अपर्णा को करीब आधे घंटे चोदते रहे और फिर भी उनको छूटने की आवश्यकता नहीं पड़ी यह उनकी शारीरिक क्षमता दर्शाता था। अक्सर अपर्णा के पति तो दस मिनट में ही झड़ पड़ते थे। आखिर पति और प्रियतम मैं यही तो फर्क होता है। अपर्णा के लिए यह सुनहरी मौक़ा था जब वह दोनों मर्दों से चुदवाना चाहती थी। अक्सर ऐसा होता नहीं है। हिंदुस्तानी औरत के लिए एक ही बिस्तर पर एक साथ दो मर्दों से चुदवाना लगभग नामुमकिन सा होता है। पर आज अपर्णा के दोनों प्रेमी नंगे अपर्णा को मिलकर चोदने के मूड में थे। अपर्णा ने अपने पति का हाथ पकड़ा और दूसरे हाथ से जीतूजी की कमर पकड़ कर अपर्णा अपने दोनों प्रेमियों को पलंग पर ले गयी और खुद दोनों मर्दों के बिच में जाकर लेट गयी।

जीतूजी अपर्णा की उसके पति रोहित द्वारा होती हुई चुदाई देखने के मूड में थे। यह जान कर अपर्णा अपने पति की और घूमी और अपने पति रोहित जी को अपनी दोनों बाँहों में घेर लिया। अपर्णा अपने पति से लिपट गयी। अपना मुंह रोहित के मुंह से सटा कर और अपने होँठ अपने पति के होँठों से मिलाकर अपर्णा ने रोहित जी को एक गहरा प्यार और उत्तेजना भरा चुम्बन किया। रोहितभी मस्त होकर अपनी नग्न बीबी के सुकोमल और कमनीय बदन का अनुभव करते हुए अपर्णा के रसीले होँठों का आनंद लेने लगे। अपर्णा ने अपने बदन को अपने पति से ऐसे चिपका दिया जैसे दोनों बदन एक ही हों। फिर अपनी एक टांग ऊपर उठाकर उसने अपनी चूत को अपने पति के लण्ड से सटा दिया। और अपने पति का जाना मना लण्ड एक हाथ में पकड़ कर उसे सहलाती हुई अपर्णा ने रोहित के लण्ड को अपनी चूत के प्रवेश द्वार पर रख कर रोहित जी के लण्ड को हिलाकर और अपनी चूत के द्वार पर रगड़ कर उसके चूत में दाखिल होनेकी जगह बनायी। एक हल्का धक्कामारकर अपर्णाने अपने पति को उनका लण्ड अपनी चूतमें डालने के लिए इंगित किया। रोहित जीतूजी और अपर्णा की चुदाई देख कर काफी उत्तेजित हो गए थे। उन्हें इंतजार था तो अपनी बीबी और अपने दोस्त के इशारे का। अपर्णा की चूत की सुरंग तो पहले से ही जीतूजी के पूर्व स्राव और अपर्णा के अपने स्त्री रस से पूरी स्निग्ध एवं लथपथ हो चुकी थी। रोहित के लण्ड को अंदर घुसनेमें कोई ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी। एक ही झटके में रोहित ने अपना लण्ड अपनी बीबी की जानी पहचानी चूत में डाल दिया। एक पल के लिए अपर्णा को अपनी चूत की चमड़ी खींचने से कुछ दर्द जरूर हुआ पर वह जो सम्भोग का आनंद था उसकी तुलना में कुछ भी नहीं था।

अपने घरमें तो अपर्णा अपने पति से लगभग रोज ही चुदती रहती थी। पर उस दिन वह इस वजह से ज्यादा उत्तेजित और शर्मीली भी थी की उसकी चुदाई उसके पति किसीकी नजरों के सामने करने वाले थे। जीतूजी नंगी अपर्णा की उसके पति से चुदाई देखने वालेथे। अपर्णाने पीछे मूड कर जीतू जी की और देखा। जीतूजी अपना लण्ड अपर्णा की गाँड़ से सटाकर रोहित से अपर्णाकी चुदाई का इंतजार कर रहे थे। नजरें मिलते ही जीतूजी ने अपर्णा की पलकों पर एक हलकी चुम्मी दी और आँख मारकर चुदाई शुरू करवाने का इशारा किया। अपर्णा पलंग में दो मर्दों के बिच ऐसी पिचकी हुई थी की अगर ध्यान से ना देखा जाए तो शायद दो मर्दों के गठीले बदन के बिच में अपर्णा का हल्का फुल्का बदन तो दिखेही ना। पर दोनों मर्द अपर्णा के कमसिन बदन का भरपूर अनुभव कर रहे थे।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 05:52 PM



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