26-12-2019, 05:47 PM
अपर्णा के चेहरे पर पसीना आ रहा था। रोहित ने निचे झुक कर अपनी बीबी के कपाल को चुम कर उसका पसीना चाट गए। फिर धीमे से बोले, "ज्यादा दर्द तो नहीं होरहा ना मेरी जान?" अपर्णा ने दर्द भरी निगाहों से अपने पति की और देखा और फिर चेहरे पर मुस्कराहट लाती हुई बोली, "यह तो झेलना ही पडेगा। आपको खुश जो करना है।" अपर्णा ने जीतूजी की और देखा और अपना पेंडू से ऊपर धक्का मारकर जीतूजी का लण्ड थोड़ा और अंदर घुसड़ने की कोशिश की। जीतूजी समझ गए की अपर्णा कितना ही दर्द हो, चुदाई को रुकने देना नहीं चाहती। जीतूजी भी तो रुकना नहीं चाहते थे। आज तो एक साथ दो काम सफल हुए। एक तो अपर्णा को चोद ने का मौक़ा मिला और दूसरे अपर्णाके पति की न सिर्फ पूर्ण सहमति बल्कि उनका साथ भी मिला।
किसीकी बीबी को उसकी सहमतिके साथ चोदना एक बात है, पर उसके पति की सहमति से उसे चोदने का मजा ही कुछ और है। और जब पति भी साथ में सामने बैठ कर अपनी पत्नी की चुदाई ख़ुशी ख़ुशी देखता हो तो बात कुछ और ही होती है। यह तो जिन्होंने अनुभव किया होगा वह ही जान सकते हैं। जब ऐसा होता है तो इसका मतलब है की आप अपना स्वार्थ, अहंकार और अपना सर्वस्व एक दूसरे के प्यार के लिए न्योछावर कर रहे हो। इसका मतलब है ना सिर्फ आप अपने दोस्त को बल्कि आप अपनी बीबी को भी बहुत ज्यादा प्यार करते हो। पर इससे भी एक और बात उभर कर आती है। एक शादीशुदा औरत का एक पराये मर्द से चोरी छुपके चुदवाना अक्सर होता रहता है। यह कोई नयी बात नहीं है। पर उस औरत का अपने मर्द की सहमति से या अपने मर्द के आग्रहसे किसी पराये मर्दसे चुदवाना एक दूसरे लेवल की ही बात है। इसमें ना सिर्फ मर्द की बड़ाई है पर उससे भी ज्यादा उस स्त्री का बड़प्पन है। अक्सर अपने पति के सामने किसी गैर मर्द से चुदवाने में औरतें कतराती हैं, क्यूंकि अगर आगे चलके पति पत्नी में कोई तनातनी हुई तो पति पत्नी की उस करतूत को जाहिर कर पत्नी के मुंह पर कालिख पोतने की कोशिश कर सकता है। इसी लिए पति और पत्नी दोनों का बड़प्पन तब ज्यादा होता है जब पत्नी किसी गैर मर्द से अपने पति के सामने चुदवाती है। ऐसा तो तभी हो सकता है जब पति और पत्नी में एक दूसरे के लिए अटूट विश्वास और बहुत ज्यादा प्यार हो।
रोहित ने जब पहले अपर्णा को जीतूजी से चुदवाने की बात की तो अपर्णा को पूरा विश्वास नहीं था की उसके पति रोहित अपर्णा से उतना प्यार करते थे की कभी इस बातका नाजायज फायदा नहीं उठाएंगे। शायद इस लिए भी वह जीतूजी से चुदवाने के लिये तैयार नहीं हुई थी। उसे अपनी माँ को दिया हुआ वचन का सहारा (या बहाना ही कह लो) भी मिल गया था। पर अपर्णा ने देखा की रोहित ने जब डॉ. खान के क्लिनिक में जीतूजी और अपर्णा को नंग्न हालत में देखा तो समझ तो गए की जीतूजी और अपर्णा ने उनकी गैर मौजदगी में चुदाई की थी। फिर भी उन्होंने कोई कड़वाहट नहीं दिखाई और ना ही कोई गलत टिपण्णी की। बल्कि वह तो जीतूजी का आभार जाहिर करते रहे। तब अपर्णा को यकीन हो गया की रोहित ना सिर्फ अपनी बीबी माने अपर्णा को खूब प्यार करते थे बल्कि वह जीतूजी से भी सच्चा प्यार करतेथे। जब प्यार सच्चा हो तो उसमें छिपने छिपाने के लायक कुछ भी नहीं होता। तब हमें जो ठीक लगता है वह हम बेझिझक कह और कर सकते हैं। अगर पति और पत्नी में एक दूसरे के लिए सम्प्पूर्ण विश्वास होता है तब वह एक दूसरे के सामने किसी भी गैर मर्द या औरत (जो की पति और पत्नी दोनों को स्वीकार्य हो) को चुम्मी करना, गले लगना, यहां तक की उससे चोदना और चुदवाना भी हो सकता है।
किसीकी बीबी को उसकी सहमतिके साथ चोदना एक बात है, पर उसके पति की सहमति से उसे चोदने का मजा ही कुछ और है। और जब पति भी साथ में सामने बैठ कर अपनी पत्नी की चुदाई ख़ुशी ख़ुशी देखता हो तो बात कुछ और ही होती है। यह तो जिन्होंने अनुभव किया होगा वह ही जान सकते हैं। जब ऐसा होता है तो इसका मतलब है की आप अपना स्वार्थ, अहंकार और अपना सर्वस्व एक दूसरे के प्यार के लिए न्योछावर कर रहे हो। इसका मतलब है ना सिर्फ आप अपने दोस्त को बल्कि आप अपनी बीबी को भी बहुत ज्यादा प्यार करते हो। पर इससे भी एक और बात उभर कर आती है। एक शादीशुदा औरत का एक पराये मर्द से चोरी छुपके चुदवाना अक्सर होता रहता है। यह कोई नयी बात नहीं है। पर उस औरत का अपने मर्द की सहमति से या अपने मर्द के आग्रहसे किसी पराये मर्दसे चुदवाना एक दूसरे लेवल की ही बात है। इसमें ना सिर्फ मर्द की बड़ाई है पर उससे भी ज्यादा उस स्त्री का बड़प्पन है। अक्सर अपने पति के सामने किसी गैर मर्द से चुदवाने में औरतें कतराती हैं, क्यूंकि अगर आगे चलके पति पत्नी में कोई तनातनी हुई तो पति पत्नी की उस करतूत को जाहिर कर पत्नी के मुंह पर कालिख पोतने की कोशिश कर सकता है। इसी लिए पति और पत्नी दोनों का बड़प्पन तब ज्यादा होता है जब पत्नी किसी गैर मर्द से अपने पति के सामने चुदवाती है। ऐसा तो तभी हो सकता है जब पति और पत्नी में एक दूसरे के लिए अटूट विश्वास और बहुत ज्यादा प्यार हो।
रोहित ने जब पहले अपर्णा को जीतूजी से चुदवाने की बात की तो अपर्णा को पूरा विश्वास नहीं था की उसके पति रोहित अपर्णा से उतना प्यार करते थे की कभी इस बातका नाजायज फायदा नहीं उठाएंगे। शायद इस लिए भी वह जीतूजी से चुदवाने के लिये तैयार नहीं हुई थी। उसे अपनी माँ को दिया हुआ वचन का सहारा (या बहाना ही कह लो) भी मिल गया था। पर अपर्णा ने देखा की रोहित ने जब डॉ. खान के क्लिनिक में जीतूजी और अपर्णा को नंग्न हालत में देखा तो समझ तो गए की जीतूजी और अपर्णा ने उनकी गैर मौजदगी में चुदाई की थी। फिर भी उन्होंने कोई कड़वाहट नहीं दिखाई और ना ही कोई गलत टिपण्णी की। बल्कि वह तो जीतूजी का आभार जाहिर करते रहे। तब अपर्णा को यकीन हो गया की रोहित ना सिर्फ अपनी बीबी माने अपर्णा को खूब प्यार करते थे बल्कि वह जीतूजी से भी सच्चा प्यार करतेथे। जब प्यार सच्चा हो तो उसमें छिपने छिपाने के लायक कुछ भी नहीं होता। तब हमें जो ठीक लगता है वह हम बेझिझक कह और कर सकते हैं। अगर पति और पत्नी में एक दूसरे के लिए सम्प्पूर्ण विश्वास होता है तब वह एक दूसरे के सामने किसी भी गैर मर्द या औरत (जो की पति और पत्नी दोनों को स्वीकार्य हो) को चुम्मी करना, गले लगना, यहां तक की उससे चोदना और चुदवाना भी हो सकता है।