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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
अपर्णा ने सोचकर कहा, "तोहफा? मैंने आपको कोई तोहफा नहीं दिया था। मैंने तो आपको अपना सर्वस्व और अपने आपको भी आपके हवाले कर दिया था।" रोहित जी, "अपर्णा डार्लिंग, मैंने तो सिर्फ वादा ही किया था, जीतूजी ने तो जैसे अपनी जान ही कुर्बान करदी थी और आपको बचाया। क्या आपका कोई फर्ज नहीं बनता?"

अपर्णा के गालों पर शर्म की लालिमा छा गयी। अपर्णा की नजरें निचे झुक गयीं। अपर्णा समझ गयी थी की पति क्या कहना चाहते हैं। हालांकि अपर्णा ने जीतूजी से चंद घंटों पहले ही जम के चुदाई करवाई थी, पर अपने पति के सामने उसे इसके बारे में बात करना भी एकदम अजीब सा लग रहा था। वह अपने पति के सामने जीतूजी से कैसी प्यार करे? अपर्णा ने शर्माते हुए कहा, "मैं जानती हूँ तुम क्या चाहते हो। पर मुझे शर्म आती है।" रोहित ने पूछा, "देखो, जानेमन, मैं जानता हूँ की तुम भी जीतूजी से बहुत प्यार करती हो। शर्म अथवा लज्जा प्यार का एक अलंकार है। पर कभी कभी वह प्यार में बाधा भी बन सकता है। क्या तुम्हें मेरे सामने उन्हें प्यार करने में शर्म आती है?" अपर्णा ने लज्जा से सर नीचा करके अपना सर हिलाते हुए "हाँ" कहा। रोहित का माथा ठनक गया। वह अपनी बीबी को अपने सामने जीतूजी से चुदवाती हुई देखना चाहते थे। वह जानते थे की उसी रात को ही शायद जीतूजी ने अपर्णा की चुदाई कर के अपर्णा को चोदने की शुरुआत तो कर ही दी थी। पर वह अपनी पत्नी को इस के बारे में पूछ कर उसे उलझन में डालना नहीं चाहते थे। अब अगर वह अपनी बीबी को जीतू जी से चुदवाती हुई नहीं देख पाए तो उनका सपना अधूरा रह जाएगा। उन्होंने अपर्णा से दबी आवाज में पूछा, "पर अगर मैं चोरी से छुप कर देखूं तो?" अपर्णा ने अपना सर हिला कर मना कर दिया। अपर्णा ने कहा, "तुम अपने सामने मुझसे यह सब क्यों करवाना चाहते हो?" रोहित जी ने कहा, "यह मेरी दिली ख्वाहिश है।" अपर्णा ने अपने पति की बात का कोई जवाब नहीं दिया।

रोहितने कहा, "ठीक है भाई। मैंने इसे स्वीकार किया। तो फिर एक काम करो तुम्हें जीतूजी के सामने मुझसे चुदवाने में तो कोई आपत्ति नहीं है ना?" यह तो तुम एक बार कर ही चुकी हो?" अपर्णा चुप हो गयी। वह इस बात से मना नहीं कर सकती थी। उसने अपने पति से जीतूजी के देखते हुए अपनी चुदाई तो करवाई ही थी। तो अब कैसे मना करे? अपर्णा ने कुछ ना बोल कर अपने पति को अपनी स्वीकृति दे दी। रोहित जब उस कमरे में दाखिल हुए थे तो उन्होंने देख ही लिया था की अपर्णा नग्न अवस्था में बिस्तर में लेटी हुई थी और जीतूजी ने भी अपने कपडे आनन फानन में ही पहन रक्खेl थे। इसका मतलब साफ़ था की अपर्णा और जीतूजी एक ही बिस्तर में एक साथ नंगे सोये थे, तो जीतू जी को जानते हुए यह सोचना कठिन नहीं था की जीतूजी ने अपर्णा को उसरात जरूर चोदा होगा। यह तो एकदम स्वाभाविक था। अगर एक हट्टा-कट्टा नंगा जवान मर्द एक खूब सूरत नग्न स्त्री के साथ एक ही बिस्तर में रात भर सोता है तो उनके बिच चुदाई ना हो यह तो एक अकल्पनीय घटना ही मानी जा सकती है। पर फिरभी रोहित खुद अपनी आँखों से अपनी बीबी की चुदाई देखना चाहते थे। और साथ साथ वह भी अपनी बीबी को किसी और के सामने चोदनाभी चाहते थे। वह चाहते थे की कोई और उनको उनकी बीबी को चोदते हुए देखे और फिर दोनों मर्द मिलकर अपर्णा को चोदें। इसे इंग्लिश भाषा में "थ्री सम एम् एम् ऍफ़" याने दो मर्द मिलकर एक औरत को एक साथ या बारीबारी से एकदूसरे के सामने चोदें। अब जब अपर्णा के माँ को दिए हुए वचन की भली भाँति पूर्ति हो चुकी थी तो अपर्णाके अवरोध का बांध तो टूट ही चुका था। अब मौक़ा था की रोहित अपनी ख्वाहिश या यूँ कहिये की पागलपन पूरा करना चाहते थे। वह यह भी जान गए थे की अपर्णा को भी अब धीरे धीरे यह बात गले उतर ही गयी थी की उसके पति अब उससे यह "थ्री सम एम् एम् ऍफ़" करवाकर ही छोड़ेंगे।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 05:40 PM



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