26-12-2019, 04:59 PM
जैसे ही आयेशा ने यह सुना तो एकदम बाँहें खोल कर परदेसी को अपनी बाँहों में सिमट कर बोली, "परदेसी, मैं जाग रही हूँ और तुम्हारे प्यार के लिए तड़प रही हूँ।" आयेशा ने अपनी बाँहें फैला कर अपनी जाँघों में रोहित की टांगों को दबोच लिया और रोहित से चिपक कर उनके होँठों से अपने होँठ चिपका कर बोली, "अब ना तो मैं सोऊंगी, ना आप। हम पूरी रात भर प्यार करेंगे। तुम तैयार रहो।" रोहित ने कहा, "मैं तो कभी से तैयार हूँ।" आयेशा ने प्यार भरे हांथों से रोहित जी की पीठ सहलाना शुरू किया और जब रोहित जी ने अपने लण्ड को आयेशा की टांगों के बिच में धक्का मार कर घुसेड़ ने की कोशिश की तो आयेशा हँस कर बोली, "परदेसी, तुम तो बिलकुल तैयार लग रहे हो। तुम्हारा लण्ड तो फौलादी छड़ की तरह तैयार है?" रोहित ने आयेशा के सलवार का नाडा खोलते हुए कहा, "मैं देखता हूँ की क्या तुम तैयार हो की नहीं?" नाडा खुलते ही रोहित ने आयेशा की जाँघों के बिच में अपना हाथ डाला और पाया की आयेशा की चूत में से उसका पानी रिसना चालू हो गया था। रोहित ने एक उंगली आयेशा की चूत में डाली और उसे प्यार से उसकी चूत की त्वचा पर रगड़ने लगे। आयेशा की चूत में रोहित की उंगली का स्पर्श होते ही आयेशा के बदन में कम्पन फ़ैल गया। आयेशा गद्दे पर रोहित की बाँहों में मचलने लगी।
आयेशा ने रोहित की आँखों में आँखें डालकर पूछा, "मेरे प्यारे परदेसी, क्या मौक़ा मिला तो तुम तुम्हारी इस नाजायज बेगम और उसके नाजायाज बच्चे को कभी मिलने आओगे?" रोहित जी ने पूछा, "आयेशा क्या तुम वाकई में मेरे बच्चे को जनम देने पर आमादा हो? मैं तो तुम्हें यही कहूंगा की अगर तुम्हारा पीरियड मिस हो तो तुम फ़ौरन बच्चेको गिरा देना। मैं तुम्हारे सरपर कोई बदनामी का दाग देखना नहीं चाहता।" आयेशा ने बड़ी ही नजाकत और प्यार भरी नज़रों से अपने आशिक़ की और देखते हुए कहा, "अरे परदेसी, यह मुल्क हैवानीयत का अड्डा बन चुका है। यहाँ प्यार नहीं, पैसा, ताकत और हवस चलता है। यहां बात बात पर लोग एक दूसरे को गोली से उड़ा देते हैं। यहां औरतोंकी कोई इज्जत नहीं। इस मुल्क में इज्जत क्या और जिल्लत क्या? तुमने मुझे चंद घंटों के लिए ही सही, पर जो प्यार और इज्जत दी है वह अगर मेरे पेट में बच्चे के रूप में पैदा होगी तो मैं उसे जिंदगी भर पालूंगी और उसे इस जाहिल दुनिया में एक अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करुँगी।"
आयेशा की बात सुनकर रोहित की आँखोंमें आँसू आगये। आयेशा ने अपने आशिक़ के आँसूं पोंछते हुए कहा, "परदेसी, यह वक्त आँसूं बहाने का नहीं है। यह वक्त प्यार करने का है। आँसूं बहाने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है। प्यार करने के लिए तो बस यही वक्त है।" आयेशा ने रोहित जी को गद्दे पर लेटने को कहा और खुद उठकर अपने घुटनोँ पर रोहित की कमर को अपनी टाँगों के बिचमें फँसा कर खड़ी हुई और रोहित जी का लण्ड अपनी उँगलियों में लेकर उसे प्यार से हिलाने लगी। रोहित के लण्ड की धमनियों में पहले से ही उनके वीर्य का दबाव बढ़ा हुआ था। रोहित का लण्ड अपनी माशूका से दुबारा मिलकर उसको प्यार करने के लिए बेचैन था। थोड़ी देर परदेसी का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ कर अपनी चूत के होँठों से रगड़ कर उसे स्निग्ध कर आयेशा ने अपनी चूत को नीचा किया ताकि अपने आशिक़ का लण्ड वह अपनी चूत में घुसा सके। रोहित का चिकनाहट भरा वीर्य तभी भी आयेशा की चूत में भरा हुआ था। लण्ड को चूत में घुसनेमें पहलेसे ज्यादा दिक्कत अथवा दर्द नहीं हुआ। रोहित ने भी अपना पेंडू ऊपर कर आयेशाकी चूतमें धीरेसे अपना लण्ड घुसाया। आयेशा की चूत अच्छा खासा पानी छोड़ रही थी। आयेशाने अपने आशिक़ के हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए। वह चाहती थी की चुदाई करवाते हुए उसका आशिक़ उसकी चूँचियों को खूब मसलदे और दबा दबा कर उसका दूध निकालदे। खैर दूध भले ही ना निकले पर उसके बूब्स पर निशान तो पड़े! रोहित ने फ़ौरन आयेशा के मदमस्त स्तनोँ को दबा कर मसलना शुरू किया और अपने लण्ड को धीरे धीरे से आयेशा की चूत में घुसते हुए महसूस किया। आयेशा ने धीरे धीरे अपनी टाँगों के बल पर उठकर और फिर बैठ कर अपने आशिक़ को चोदना शुरू किया। कुछ ही देर में अपने आशिक़ का लण्ड आयेशा की चूत में पूरा घुस गया।
आयेशा ने रोहित की आँखों में आँखें डालकर पूछा, "मेरे प्यारे परदेसी, क्या मौक़ा मिला तो तुम तुम्हारी इस नाजायज बेगम और उसके नाजायाज बच्चे को कभी मिलने आओगे?" रोहित जी ने पूछा, "आयेशा क्या तुम वाकई में मेरे बच्चे को जनम देने पर आमादा हो? मैं तो तुम्हें यही कहूंगा की अगर तुम्हारा पीरियड मिस हो तो तुम फ़ौरन बच्चेको गिरा देना। मैं तुम्हारे सरपर कोई बदनामी का दाग देखना नहीं चाहता।" आयेशा ने बड़ी ही नजाकत और प्यार भरी नज़रों से अपने आशिक़ की और देखते हुए कहा, "अरे परदेसी, यह मुल्क हैवानीयत का अड्डा बन चुका है। यहाँ प्यार नहीं, पैसा, ताकत और हवस चलता है। यहां बात बात पर लोग एक दूसरे को गोली से उड़ा देते हैं। यहां औरतोंकी कोई इज्जत नहीं। इस मुल्क में इज्जत क्या और जिल्लत क्या? तुमने मुझे चंद घंटों के लिए ही सही, पर जो प्यार और इज्जत दी है वह अगर मेरे पेट में बच्चे के रूप में पैदा होगी तो मैं उसे जिंदगी भर पालूंगी और उसे इस जाहिल दुनिया में एक अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करुँगी।"
आयेशा की बात सुनकर रोहित की आँखोंमें आँसू आगये। आयेशा ने अपने आशिक़ के आँसूं पोंछते हुए कहा, "परदेसी, यह वक्त आँसूं बहाने का नहीं है। यह वक्त प्यार करने का है। आँसूं बहाने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है। प्यार करने के लिए तो बस यही वक्त है।" आयेशा ने रोहित जी को गद्दे पर लेटने को कहा और खुद उठकर अपने घुटनोँ पर रोहित की कमर को अपनी टाँगों के बिचमें फँसा कर खड़ी हुई और रोहित जी का लण्ड अपनी उँगलियों में लेकर उसे प्यार से हिलाने लगी। रोहित के लण्ड की धमनियों में पहले से ही उनके वीर्य का दबाव बढ़ा हुआ था। रोहित का लण्ड अपनी माशूका से दुबारा मिलकर उसको प्यार करने के लिए बेचैन था। थोड़ी देर परदेसी का लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ कर अपनी चूत के होँठों से रगड़ कर उसे स्निग्ध कर आयेशा ने अपनी चूत को नीचा किया ताकि अपने आशिक़ का लण्ड वह अपनी चूत में घुसा सके। रोहित का चिकनाहट भरा वीर्य तभी भी आयेशा की चूत में भरा हुआ था। लण्ड को चूत में घुसनेमें पहलेसे ज्यादा दिक्कत अथवा दर्द नहीं हुआ। रोहित ने भी अपना पेंडू ऊपर कर आयेशाकी चूतमें धीरेसे अपना लण्ड घुसाया। आयेशा की चूत अच्छा खासा पानी छोड़ रही थी। आयेशाने अपने आशिक़ के हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए। वह चाहती थी की चुदाई करवाते हुए उसका आशिक़ उसकी चूँचियों को खूब मसलदे और दबा दबा कर उसका दूध निकालदे। खैर दूध भले ही ना निकले पर उसके बूब्स पर निशान तो पड़े! रोहित ने फ़ौरन आयेशा के मदमस्त स्तनोँ को दबा कर मसलना शुरू किया और अपने लण्ड को धीरे धीरे से आयेशा की चूत में घुसते हुए महसूस किया। आयेशा ने धीरे धीरे अपनी टाँगों के बल पर उठकर और फिर बैठ कर अपने आशिक़ को चोदना शुरू किया। कुछ ही देर में अपने आशिक़ का लण्ड आयेशा की चूत में पूरा घुस गया।