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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
आयेशा ने अपनी आँखें खोलीं और अपनी खूबसूरत घनी और नजाकत भरी पलकें उठा कर रोहित के चेहरे की और देखा और शर्मीली नयी नवेली दुल्हन सा शर्मा कर बोली, "परदेसी, क्या बताऊँ? आज तुमने मुझे हमारे इस बदन के मिलन से अपना बना दिया है। तुम्हारे इस मोटे और लम्बे लण्ड ने मुझे सही मायने में एक औरत की इज्जत बक्शी है। आज मैं तुम्हारी मर्दानगी को अपने बदन के कोने कोने में महसूस कर रही हूँ। तुम्हारा लण्ड मेरी बच्चेदानी तक पहुँच चुकाहै, और इंशाअल्लाह मैं खुदा से इबादत करती हूँ की आज तुम मुझे अपने बच्चे की माँ बना सको तो मेरा जीवन कामयाब हो जाएगा।"
रोहित आयेशा की बात सुनकर पिघल से गए। उनसे चुदवाते समय उन्हें कभी किसी औरत ने इतने प्यार भरे शब्द नहीं कहे थे। उन्होंने कई औरतोंको चोदा था। कई औरतें उनपर फ़िदा थीं, पर आयेशा ने उन्हें ऐसी बात कह दी जो हर मर्द अपने साथ चुदाई करवाने के लिए लेटी हुई औरत से सुनना चाहता है। रोहित ने तय किया की वह उस रात आयेशा को इतना प्यार करेंगे जितना उन्होंने किसी को नहीं किया। रोहित ने अपने होँठ आयेशा के होँठों से चिपका दिए और उसे और कुछ ना बोलपाने पर मजबूर किया। आयेशा के रसीले होँठों का रस वह जिंदगी भर के लिए चूसना चाहते थे। आयेशा के मुंह से निकला रस भी इतना स्वादिष्ट था की वह बरबस ही आयेशा की मुंह की लार चूसते और निगलते रहे। आयेशा के मुँह में अपनी जीभ डाल उसे अंदर बाहर करते हुए रोहित आयेशा के मुँह को अपनी जुबान से पता नहीं कितने समय तक चोदते रहे। बिच बिच में वह अपना लण्ड ऊपर निचे कर आयेशा को यह दिलासादे रहेथे की अभी छूटनेमें वक्त लगेगा। रोहित का लण्ड अपनी चूत की सुरंग में पूरी तरह भर जाने के कारण आयेशा की चूत पूरी तरह से अपना पूरा तनाव में थी। पर आयेशा की उत्तेजना उसकी चूत की पूरी सुरंग के स्नायु की फड़कन से रोहित महसूस कर रहे थे। उनका लण्ड बार बार आयेशा की चूत की दीवारें एकदम दबा के पकड़ लेतीं तो कभी थोड़ा कम दबाव होता। आयेशा भी उसकी इतनी उत्तेजक चुदाई से उन्मादित हो कर परदेसी को कभी होँठों पर तो कभी उनकी गर्दन पर, कभी उनके कानों को तो कभी उनकी दाढ़ी को अपने होंठों से परदेसी के बदन के निचे दबी हुई आयेशा चूमती रहती थी। एक औरत प्यार भरी चुदाई कितना एन्जॉय कर सकती है यह आयेशा के चहरे के भाव बता देते थे।

कभी रोहित के भारी भरखम लण्ड के अंदर बाहर होने के कारण हो रहे दर्द के मारे आयेशा की भौंहें सिकुड़ जाती थीं, तो कभी परदेसी के लण्ड की गर्मी उसे ऐसी उन्मादित कर देती थी की वह "आह...." बोल पड़ती थी। कभी परदेसी के लण्ड के उसकी चूत की सुरंग में सरकने से हो रहा उन्मादक घर्षण उसे पागल कर देता था तो कभी परदेसी के लण्ड की उसकी बच्चेदानी पर लगी ठोकर से वह "ओह....." बोलकर रुक जाती थी। जैसे जैसे रोहित ने धीरे धीरे अपनी चुदाई की रफ़्तार बढई, आयेशा भी उनके साथ साथ परदेसी का लण्ड ज्यादा से ज्यादा वक्त उसकी चूत में रहे और घुसे उसकी फिराक में अपना पेंडू ऊपर उठाकर परदेसी के तगड़े लण्ड को और अंदर घुसने की जगह बनाने की कोशिश करती रहती थी। रोहित की "उँह ......" और आयेशा की "ओह...... आह......" से गुफा गूंज रही थी। आयेशा ने अपनी सुआकार टांगें ऊपर उठाकर परदेसी के कन्धों पर रक्खी हुई थीं। रोहित का लण्ड इंजन के पिस्टन की तरह फुर्ती से अंदर बाहर हो रहा था। आयेशा भी परदेसी के अंदर बाहर होते हुए लण्ड को अपनी चूत की सुरंग में घिसवाने से हो रहे आनंद का अद्भुत अनुभव कर रही थी। रोहित का लण्ड अपनी चिकनाहट और आयेशा की चूत से झर रहे स्राव से पूरी तरह चिकनाहट से सराबोर हो चुका था। आयेशा को परदेसी के लण्ड के घुसने और निकलने से ज्यादा परेशानी नहीं हो रही थी। वह तो दर्द के भी मजे ले रही थी। रोहित के हाथ आयेशा की भरपूर चूँचियों को जकड़े हुए थे। परदेसी के धक्कों से आयेशा का पूरा बदन हिल रहा था।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 04:52 PM



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