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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
रोहित की निक्कर का पर्दा हटते ही रोहित का खड़ा और कडा लण्ड खुलकर आयेशा के सामने खड़ा हुआ। आयेशा ने परदेसी का लण्ड देखा तो वह उसे देखती ही रह गयी। उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा सी छा गई। गुलाबी रंग का पूरी तरह तना हुआ इतना मोटा और लंबा लण्ड देख कर उसके मन में क्या भाव हो रहे थे उसकी कल्पना करना भी मुश्किल था। आयेशा रोहित के खुले और आस्मां की और अपना उद्दण्ड सर उठाते हुए लण्ड को काफी देर तक नजरें उठा कर तो कभी झुका कर देखती रही। आयेशा जब आगे झुकी तो रोहित को ऐसा लगा जैसे आयेशा उनके लण्ड को उसके मुंह में लेकर उसे चूसने लगेगी। पर आयेशा ने आगे झुक कर रोहित के पांव के निचे गिरी निक्कर को उठाया और बड़े प्यार से उसे अच्छी तरह धोया। फिर उसे निचोड़ कर पत्थर पर बाकी कपड़ों के साथ रख दिया। आयेशा यह सोचकर बेताब थी की परदेसी का अगला कदम क्या होगा। आयेशा उम्मीद कर रही थी की परदेसी उसकी ब्रा और पैंटी निकाल कर उसको अपनी बाँहों में भर लेगा और उसके बरसों से प्यासे बदन और प्यासी चूत की प्यास उस वक्त बुझा देगा। पर रोहित को वैसे ही खोया हुआ देख कर आयेशा ने अपने ही हाथोँ से अपनी ब्रा की पट्टी खोल दी और फिर थोड़ा झुक कर अपने पाँव ऊपर कर अपनी पैंटी भी उतार दी।

रोहित बड़े ही अचरज और लोलुपता से विधि की सबसे खूबसूरत रचना को पूर्णिमा के चाँद की तरह अपनी पूरी कला में बिना कोई आवरण के नग्न रूप में देखते ही रहे। एक और मरने मारने की बात थी तो दूसरी और एक खूबसूरत रचना उनको अपनी पूरी खूबसूरती के दर्शन दे रही थी। रोहित मन ही मन सोच रहे थे की हो सकता है इस मिलन से ही कोई नयी खूबसूरत रचना यह धरती पर पैदा हो! पूरी तरह बिना किसी आवरण के नंगी आयेशा को रोहित हक्केबक्के खड़े खड़े देखते ही रहे। उनके लण्ड से उनका पूर्वश्राव बहना शुरू हो गया था। रोहित ने पहली बार आयेशा की इतनी खूबसूरत चूत को पूरी तरह से अनावृत हाल में देखा। आयेशा की चूत रोहित को बहुत ही ज्यादा सुन्दर लग रही थी। रोहित को वह और औरतों से अलग ही लग रही थी। यह उनके मन का वहम था या हकीकत वह रोहित समझ नहीं पा रहे थे। आयेशा की चूत की दरार एक महीन पतली रेखा की तरह थी। उसके दोनों और उभरे हुए चूत के होँठ कमालके खूबसूरत थे। चूत के ऊपर बाल नजर नहीं रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे आयेशा ने अपनी झाँट के बाल कुछ ही समय पहले साफ़ किये होंगे। पर ऐसाथा नहीं। क्यूंकि कुछ हलके फुल्के बाल फिर भी दिख रहे थे। आयेशा की चूत के होँठों के आरपार आयेशा की खूबसूरत सुआकार लम्बी जाँघें इतनी ललचाने वाली और अच्छे अच्छे मर्दों का पानी निकाल देने वाली थीं। चूत की सीध में ऊपर की और उभरा हुआ पेट जो और ऊपर जाकर पतली सी कमर में परिवर्तित हो जाता था, कमाल का था। आयेशा ने जब देखा की रोहित फिर भी चुपचाप उसे देख रहे थे तो चेहरे पर निराशा का भाव लिए आयेशा जाने की तैयारी करने लगी तब रोहित ने उसे रोक कर कहा, "अभी हमने खतरों से निजात नहीं पायी है। हम दुश्मन के एक्टिव रहते हुए गाफिल नहीं रह सकते। कहीं कभी कोई सिपाही हमें देख ले और मार दे या पकड़ ले इससे बेहतर हैं हम पूरी तरह सावधान रहें। पहले हम यह सुनिश्चित कर लें की दुश्मन के सिपाही से हमें कोई ख़तरा नहीं है।"

रोहित की बात सुनकर बिना कुछ जवाब दिए निराश हुई आयेशा धुले हुए सारे कपडे उठा कर जमीन का थोड़ा सा चढ़ाव चढ़ कर वापस गुफा में जाने लगी। नंगी चलती हुई आयेशा के मटकते हुए कूल्हों को रोहित देखते ही रहे। उन्हें और उनके फुले हुए मोटे और लम्बे लण्ड को इस तरह चुदाई करवाने के लिए इतनी इच्छुक कामिनी को निराशा करना बड़ा ही खटक रहा था। पर क्या करे? वक्त ही ऐसा था की थोड़ी सीभी लापरवाही उनकी जान ले सकती थी। आयेशा चुपचाप अपनी गुफा में पहुंची और धुले हुए गीले कपडे उसने पत्थर पर इधर उधर बिछा दिए। फिर अपने हाथ में एक बंदूक लेकर उसने गुफा के पत्तों से आच्छादित दरवाजे की दरार में से बाहर देखना शुरू किया।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 04:41 PM



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