26-12-2019, 04:20 PM
अपर्णा दबे पाँव दरवाजे के पास गयी और उसने धीरे से अंदर का लकड़ीका दरवाजा खोला। बाहर का लोहे का दरवाजा बंद था। दरवाजे के बाहर कालिया अपनी बन्दुक हाथ में लिए बैठा था। अपर्णा ने अंदर से "छी. ... छी.... " आवाज कर के कालिया को बुलाया। कालिया ने फ़ौरन देखा तो अपर्णा को लोहे के दरवाजे के अंदर देखा। अपर्णा ने अपना हाथ बाहर निकल कर कालिया को नजदीक आने का इशारा किया। कालिया कुछ देर तक अपर्णा के हाथ को देखता ही रहा। वह शायद इस असमंजस में था की वह दरवाजे के नजदीक जाए या नहीं। उसे डर था की कहीं इन लोगों के पास कुछ हथियार तो नहीं जिनसे वह उसको मारने का प्लान कर रहे हों। पर जब उसने देखा की अपर्णा सिर्फ ब्रा और पैंटी पहने खड़ी थी तो उससे रहा नहीं गया और वह उठकर अपर्णा के पास गया। अपर्णा ने अपने होँठों पर उंगली रखते हुए धीमे आवाज में कहा, "सुनो, बिलकुल आवाज मत करो। अंदर मेरे पति और कर्नल साहब गहरी नींद सो रहे हैं, आवाज से कहीं वह जाग ना जाएँ। मैं अभी उनको गहरी नींद सुला कर आयी हूँ।'
फिर कालिया को और करीब बुलाकर लोहे का दरवाजा खोले बिना अंदर से ही एकदम धीरे से बोली, "देखो, मुझे तुम बहुत पसंद हो। मुझे तुम्हारा गर्म बदन बहुत पसंद है। पुरे रास्ते में तुमने मुझे बहुत मजा कराया। तुम्हारा वह जो है ना? अरे वह...? वह बहुत बड़ा और लंबा है। मैंने रास्ते में हिलाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। क्या तुम मुझसे ..... करना चाहते हो? क्या तुम जो कहते थे की तुम मुझे खूब मजे कराओगे वह करा सकते हो? तुम्हारे बॉस नाराज तो नहीं हो जाएंगे? यहाँ और कोई पहरे दार तो नहीं की हम पकडे जाएंगे? मैं किसीसे नहीं कहूँगी। बोलो?" कालिया अपर्णा को हक्काबक्का देखता ही रह गया। उसकी समझ में नहीं आया की इतनी खूबसूरत लड़की कैसे उससे इतनी जल्दी पट गयी। अपर्णा ने उसके शक को दूर करने के लिए कहा, "देखो आज तक मुझे किसीने इतने बड़े लण्ड से सेक्स नहीं किया। मैं हमेशा बड़े लण्ड वाले से सेक्स करना चाहती थी। मेरे पति का लण्ड एकदम छोटा है। मुझे बिलकुल मजा नहीं आता। क्या तुम मुझे चोदोगे?" अपर्णा ने तय किया की वह राक्षस सीधी बात ही समझेगा। सेक्स बगैरह शब्द वह शायद ना समझे। कालिया का चेहरा यह सुन कर खिल उठा। उसका तो जीवन जैसे धन्य हो गया। आजतक उसने खूबसूरत औरतों को चोदने के सपने जरूर देखे थे। पर हकीकत में उसने कभी सपने में भी यह सोचा नहीं था की एक दिन ऐसी हसीना उसे सामने चलकर चुदवाने का न्यौता देगी। कालिया ने लोहे के दरवाजे से मुंह लगा कर कहा, "देखो, तुम बाहर आ जाओ। मेरा घर बाजू में ही है। वहाँ कोई चौकीदार नहीं है। हम पिछले वाले दरवाजे से जाएंगे। यहां से जैसे निकालेंगे ना उसके बाद तुरंत बाएं में एक दरवाजा है। मेरे पास उसकी चाभी है। उसको खोलते ही मेरा घर है। हम वहाँ चलते हैं।"
अपर्णा ने अंदर की और देख कर कहा, "नहीं। तुम अंदर आजाओ। बाहर कोई भी हमें देख सकता है। मेरे पति और कर्नल साहब गहरी नींद सो रहे हैं। तुम आ जाओ और मेरी भूख शांत करो।" कालिया कुछ देर सोचता रहा तब अपर्णा ने कहा, "ठीक है। लगता है तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है। तो मैं फिर सो जाती हूँ। अगर तुम मेरी चुदाई कर मेरी भूख शांत करना नहीं चाहते हो तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं। कल मैं तुम्हारे जनरल साहब को कहूँगी की तुमने मेरे साथ क्या क्या किया था।" कालियाने सोचा नेकी और पूछ पूछ? जब यह इतनी खूबसूरत औरत सामने चलकर चूदवाने का न्योता दे रही है और ऊपर से धमकी दे रही है की अगर उसको नहीं चोदा तो वह शिकायत कर देगी, तो फिर सोचना क्या? उसके पास बन्दुक तो थी ही, तो फिर अगर कुछ गड़बड़ हो गयी तो वह उनको गोली मार देगा। यह सोच कालिया ने कहा, "ठीक है। तुम दरवाजा खोलो।" अपर्णा के लोहे के दरवाजा खोलते ही कालिया अपनी बन्दुक लेकर डरते डरते कमरे के अंदर दाखिल हुआ। कालिया ने सावधानी से चारों तरफ देखा। चारों तरफ एकदम शान्ति थी। कोई हलचल नहीं थी।
फिर कालिया को और करीब बुलाकर लोहे का दरवाजा खोले बिना अंदर से ही एकदम धीरे से बोली, "देखो, मुझे तुम बहुत पसंद हो। मुझे तुम्हारा गर्म बदन बहुत पसंद है। पुरे रास्ते में तुमने मुझे बहुत मजा कराया। तुम्हारा वह जो है ना? अरे वह...? वह बहुत बड़ा और लंबा है। मैंने रास्ते में हिलाया तो मुझे बहुत अच्छा लगा। क्या तुम मुझसे ..... करना चाहते हो? क्या तुम जो कहते थे की तुम मुझे खूब मजे कराओगे वह करा सकते हो? तुम्हारे बॉस नाराज तो नहीं हो जाएंगे? यहाँ और कोई पहरे दार तो नहीं की हम पकडे जाएंगे? मैं किसीसे नहीं कहूँगी। बोलो?" कालिया अपर्णा को हक्काबक्का देखता ही रह गया। उसकी समझ में नहीं आया की इतनी खूबसूरत लड़की कैसे उससे इतनी जल्दी पट गयी। अपर्णा ने उसके शक को दूर करने के लिए कहा, "देखो आज तक मुझे किसीने इतने बड़े लण्ड से सेक्स नहीं किया। मैं हमेशा बड़े लण्ड वाले से सेक्स करना चाहती थी। मेरे पति का लण्ड एकदम छोटा है। मुझे बिलकुल मजा नहीं आता। क्या तुम मुझे चोदोगे?" अपर्णा ने तय किया की वह राक्षस सीधी बात ही समझेगा। सेक्स बगैरह शब्द वह शायद ना समझे। कालिया का चेहरा यह सुन कर खिल उठा। उसका तो जीवन जैसे धन्य हो गया। आजतक उसने खूबसूरत औरतों को चोदने के सपने जरूर देखे थे। पर हकीकत में उसने कभी सपने में भी यह सोचा नहीं था की एक दिन ऐसी हसीना उसे सामने चलकर चुदवाने का न्यौता देगी। कालिया ने लोहे के दरवाजे से मुंह लगा कर कहा, "देखो, तुम बाहर आ जाओ। मेरा घर बाजू में ही है। वहाँ कोई चौकीदार नहीं है। हम पिछले वाले दरवाजे से जाएंगे। यहां से जैसे निकालेंगे ना उसके बाद तुरंत बाएं में एक दरवाजा है। मेरे पास उसकी चाभी है। उसको खोलते ही मेरा घर है। हम वहाँ चलते हैं।"
अपर्णा ने अंदर की और देख कर कहा, "नहीं। तुम अंदर आजाओ। बाहर कोई भी हमें देख सकता है। मेरे पति और कर्नल साहब गहरी नींद सो रहे हैं। तुम आ जाओ और मेरी भूख शांत करो।" कालिया कुछ देर सोचता रहा तब अपर्णा ने कहा, "ठीक है। लगता है तुम्हें मुझ पर भरोसा नहीं है। तो मैं फिर सो जाती हूँ। अगर तुम मेरी चुदाई कर मेरी भूख शांत करना नहीं चाहते हो तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं। कल मैं तुम्हारे जनरल साहब को कहूँगी की तुमने मेरे साथ क्या क्या किया था।" कालियाने सोचा नेकी और पूछ पूछ? जब यह इतनी खूबसूरत औरत सामने चलकर चूदवाने का न्योता दे रही है और ऊपर से धमकी दे रही है की अगर उसको नहीं चोदा तो वह शिकायत कर देगी, तो फिर सोचना क्या? उसके पास बन्दुक तो थी ही, तो फिर अगर कुछ गड़बड़ हो गयी तो वह उनको गोली मार देगा। यह सोच कालिया ने कहा, "ठीक है। तुम दरवाजा खोलो।" अपर्णा के लोहे के दरवाजा खोलते ही कालिया अपनी बन्दुक लेकर डरते डरते कमरे के अंदर दाखिल हुआ। कालिया ने सावधानी से चारों तरफ देखा। चारों तरफ एकदम शान्ति थी। कोई हलचल नहीं थी।