26-12-2019, 04:07 PM
अंकिता के सर पर तो जैसे भुत सवार हो गया था। शायद अंकिता को उसके जीवन में पहली बार एक जवाँ मर्द का फुला हुआ मोटा लण्ड अपनी चूत में लेने का मौक़ा मिला था। गौरव के लण्ड की घिसने से अंकिता की चूत में हो रहा घर्षण उसके पुरे बदन में आग लगा दे रहा था। ऐसा पहले कभी अंकिता ने महसूस नहीं किया था। उसने पहले सिर्फ चुदाई की कहानियां ही पढ़ी या सुनी थीं या कोई कोई बार एकाध वीडियो देखा था। खन्ना साहब ने अपने कमजोर ढीले लण्ड से बड़ी मुश्किल से जरूर अंकिता को चोद ने की कोशिश की थी। वह भी कुछ दिनों तक ही। पर उस बात को तो जमाने बीत गए थे। वाकई में एक हट्टे कट्टे जवाँ मर्द से चुदाई में कैसा आनंद आता है वह अंकिता पहली बार महसूस कर रही थी। अंकिता इस बात का पूरा लाभ उठाना चाहती थी। उसे पता नहीं था की शायद उसे ऐसा मौक़ा फिर मिले या नहीं। अंकिता उछल उछल कर गौरव के लण्ड को ऐसे चोद रही थी जिससे गौरव का लण्ड उसकी चूत की नाली में आखिर तक पहुंच जाए। अंकिता के दोनों बूब्स उछल उछल कर पटक रहे थे। गौरव ने अंकिता का जोश देखा तो वह भी जोश में आकर निचे अपनी गाँड़ उठाकर ऊपर की और जोरदार धक्का दे रहा था। दोनों ही के मुंह से आह्ह्ह्ह.... ओह.... उफ..... की आवाजें निकल रहीं थीं।
कुछ ही देर में अंकिता अपने चरम पर पहुँच रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब से भाव प्रकाशित हो रहे थे। एक तरह का अजीब सा उन्माद और रोमांच उसके पुरे बदन को रोमांचित कर रहा था। कुछ धक्के मारने के बाद वह बोल पड़ी, "गौरव मैं अब छोड़ने वाली हूँ। तुम भी अपना वीर्य मुझ में छोड़ दो। आज मैं तैयारी के साथ ही आयी थी। मैं जानती थी की आज तुम मेरी लेने वाले हो और मुझे छोड़ोगे नहीं।" गौरव ने अंकिता के होंठ चूमते हुए हाँफते हुए स्वर में कहा, "अंकिता, आई लव यु! मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हें अपनी बनाना चाहता हूँ। मैं तुम्हें आज ही नहीं, जिंदगी भर नहीं छोड़ना चाहता, अगर तुम्हें कोई एतराज ना हो तो। मैं तुम्हें रोज चोदना चाहता हूँ। क्या तुम मेरी बनने के लिए तैयार हो?" अंकिता ने कहा, "देखो गौरव डार्लिंग! यह वक्त यह सब कहना का नहीं है। कोई भी काम जोश में नहीं होश में करना चाहिए। अभी तुम चुदाई के जोश में हो। जब यह सब हो जाए और तुम ठन्डे दिमाग से सोचोगे तब तय करना की तुम मुझे अपनी बनाना चाहते हो या नहीं। अपने माता पिता से भी सलाह और मशवरा कर लो। कहीं ऐसा ना हो की तुम तैयार हो पर तुंहारी फॅमिली साथ ना दे। मैं ऐसा नहीं चाहती।" गौरव ने कहा, "ओह...... अंकिता डार्लिंग, मेरा वीर्य भी छूटने वाला है। पर मैं तुम्हें पुरे होशो हवास मैं कह रहा हूँ की शादी तो मैं तुमसे ही करूंगा अगर खन्ना साहब इजाजत दें तौ।"
अंकिता ने कहा, "खन्ना साहब तो अपना पिता का धर्म अदा करना चाहते हैं। वह मुझे कह रहे थे की उन्होंने कभी कन्यादान नहीं किया। उनके जीवन की इस कमी को वह मेरी शादी करा कर पूरी करना चाहते हैं। बशर्ते की कोई मुझे स्वीकार करे और प्यार से रक्खे। अगर तुम तैयार होंगे तो उनसे ज्यादा खुश कोई नहीं होगा।" इतना बोल कर अंकिता चुप हो गयी। उसने गौरव की चुदाई करने पर अपना ध्यान लगा दिया क्यूंकि वह अब झड़ने वाली थी। कुछ ही देर में अंकिता और गौरव झड़ कर शांत हो गए।
कुछ ही देर में अंकिता अपने चरम पर पहुँच रही थी। उसके चेहरे पर एक अजीब से भाव प्रकाशित हो रहे थे। एक तरह का अजीब सा उन्माद और रोमांच उसके पुरे बदन को रोमांचित कर रहा था। कुछ धक्के मारने के बाद वह बोल पड़ी, "गौरव मैं अब छोड़ने वाली हूँ। तुम भी अपना वीर्य मुझ में छोड़ दो। आज मैं तैयारी के साथ ही आयी थी। मैं जानती थी की आज तुम मेरी लेने वाले हो और मुझे छोड़ोगे नहीं।" गौरव ने अंकिता के होंठ चूमते हुए हाँफते हुए स्वर में कहा, "अंकिता, आई लव यु! मैं तुझसे बहुत प्यार करता हूँ और तुम्हें अपनी बनाना चाहता हूँ। मैं तुम्हें आज ही नहीं, जिंदगी भर नहीं छोड़ना चाहता, अगर तुम्हें कोई एतराज ना हो तो। मैं तुम्हें रोज चोदना चाहता हूँ। क्या तुम मेरी बनने के लिए तैयार हो?" अंकिता ने कहा, "देखो गौरव डार्लिंग! यह वक्त यह सब कहना का नहीं है। कोई भी काम जोश में नहीं होश में करना चाहिए। अभी तुम चुदाई के जोश में हो। जब यह सब हो जाए और तुम ठन्डे दिमाग से सोचोगे तब तय करना की तुम मुझे अपनी बनाना चाहते हो या नहीं। अपने माता पिता से भी सलाह और मशवरा कर लो। कहीं ऐसा ना हो की तुम तैयार हो पर तुंहारी फॅमिली साथ ना दे। मैं ऐसा नहीं चाहती।" गौरव ने कहा, "ओह...... अंकिता डार्लिंग, मेरा वीर्य भी छूटने वाला है। पर मैं तुम्हें पुरे होशो हवास मैं कह रहा हूँ की शादी तो मैं तुमसे ही करूंगा अगर खन्ना साहब इजाजत दें तौ।"
अंकिता ने कहा, "खन्ना साहब तो अपना पिता का धर्म अदा करना चाहते हैं। वह मुझे कह रहे थे की उन्होंने कभी कन्यादान नहीं किया। उनके जीवन की इस कमी को वह मेरी शादी करा कर पूरी करना चाहते हैं। बशर्ते की कोई मुझे स्वीकार करे और प्यार से रक्खे। अगर तुम तैयार होंगे तो उनसे ज्यादा खुश कोई नहीं होगा।" इतना बोल कर अंकिता चुप हो गयी। उसने गौरव की चुदाई करने पर अपना ध्यान लगा दिया क्यूंकि वह अब झड़ने वाली थी। कुछ ही देर में अंकिता और गौरव झड़ कर शांत हो गए।