26-12-2019, 03:51 PM
कुछ ही देर में दोनों मियाँ बीबी पलंग पर निढाल होकर गिर पड़े। अपर्णा ने देखा की जीतूजी का वीर्य श्रेया की चूत से बाहर निकल रहा था। जीतूजी के वीर्य की तादाद इतनी ज्यादा थी की श्रेया की चूत इतना ज्यादा वीर्य समा नहीं पायी। अपर्णा की जान हथेली में आ गयी। अगर जीतूजी को कभी अपर्णा को चोदने का अवसर मिल गया तो जरूर इतने ज्यादा वीर्य से वह अपर्णाको गर्भवती बना सकते हैं। उधर रोहित अपर्णा की चूत में अपना लण्ड पेलने में लगे हुए थे। रोहित ने अपर्णा को चद्दर के अंदर ढक कर रखा हुआ था। खुद सारे कपडे निकाल कर अपर्णा का गाउन भी निकाल कर दो नंगे बदन एक दूसरे को आनंद देने में लगे हुए थे। अपर्णा अपने पति को श्रेया से कुछ ज्यादा आनंद दे सके इस फिराक में थी। उसे पता था की उसी दोपहर को पति रोहित ने कस के श्रेया की चुदाई की थी। रोहित ने अपर्णा को चोदने की रफ़्तार बढ़ाई। अपर्णा के चेहरे पर बदलते हुए भाव देखते ही रोहितका जोश बढ़ने लगा। रोहित के जोर जोर से धक्के मारने के कारण ऊपर की चद्दर खिसक गयी और अपर्णा और रोहित श्रेया और जीतूजी के सामने नंगे चुदाई करते हुए दिखाई दिए। अपर्णा की आँखें बंद थीं उसे नहीं पता था की वह जीतूजी को नंगी रोहित से चुदवाती दिख रहीं थीं। अपर्णा को पहली बार बिलकुल नंग धडंग देख कर जीतूजी देखते ही रह गए। अपर्णा की चुन्चियाँ दबी हुई होने के कारण पूरी तरह साफ़ दिख नहीं रहीं थीं। अपर्णा की कमर का घुमाव और उसके सपाट सतह के निचे रोहित के बदन से ढकी हुई अपर्णा की चूत देखने को जीतूजी बेताब हो रहे थे।
अपर्णा की सुडौल नंगीं जांघें इतनी खूबसूरत नजर आ रहीं थीं की बस! जीतूजी ने गहरी साँस लेते हुए लाचारी में अपनी नजर अपर्णा के नंगे बदन से हटाई। रोहित की तेज रफ़्तार से पेंडू उठाकर मुकाबला कर रही अपर्णा को कहाँ पता था की उसे चुदवाने का नजारा जीतूजी और श्रेया बड़े प्यारसे ले रहे थे? रोहित जब वीर्य छोड़ने के कगार पर पहुँचने वाले ही थे अपर्णा की आँखें खुलीं और उसने देखा की उनको ढक रही चद्दर हट चुकी थी और वह और उसके पति के नंगे बदन और उनकी चुदाई जीतूजी और श्रेया प्यार से देख रहे थे। अपर्णा को उस समय कोई लज्जा या छोटापन का भाव नहीं महसूस हुआ। आखिर चुदाई करना औरत और मर्द का धर्म है। भगवान् ने खुद यह भाव हम सब में दिया है। औरतके बगैर मर्द कैसे रह सकता है? दुनिया को चलानेके लिए औरतका होना अनिवार्य है। अपने पसंदीदा मर्द से चुदवाना औरत के लिए सौभाग्य की बात है। अपर्णा ने भी हिम्मत कर के श्रेया और जीतूजीकी आँख से आँख मिलाई और मुस्कुरा दी। यह पहला मौका था जब अपर्णा ने चुदाई को इतना सहज रूप में स्वीकार किया था। जीतूजीने आँख मारकर अपर्णाको प्रोत्साहन दिया की चिंता की कोई बात नहीं थी। इससे अपर्णा को यह सन्देश भी मिला की जीतूजी अपर्णा की चुदाई करवाते हुए देख कर भी उतनी ही इज्जत करते थे जितनी की पहले करते थे। श्रेया जो की अपनी खुद की चुदाई करवाके निढाल पड़ी हुई थीं, उन्होंने भी उड़ती हुई किस देकर श्रेया की खुल्लमखुल्ला चुदाई को सलाम किया। रोहितसे चुदवाते हुएभी अपर्णाको जंगली कुत्तों की दहाड़ने की डरावनी आवाजें सुनाई देती थीं। अपर्णा ने जब रोहित से इसके बारे में पूछा तो रोहितने जीतूजी से हुई बात के बारे में अपर्णा को बताया।
रोहित ने कहा, "जीतूजी को शंका है की दुश्मन या आतंकवादियों के जंगली कुत्ते जिनको इंग्लिश में हाउण्ड कहते हैं उनको कुछ ख़ास कामके लिए तैनात किया हो, ऐसा हो सकता है। जीतूजी को आशंका थी की हो सकता है की अगले दो या तीन दिनों में कुछ ना कुछ दुर्घटना हो सकती है l पर मुझे लगता है की जीतूजी इस बात को शायद थोड़ा ज्यादा ही तूल दे रहे हैं। मुझे नहीं लगता की दुश्मन में इतनी हिम्मत है की हमारी ही सरहद में घुसकर हमारे ही बन्दों को कैदी बनाने का सोच भी सके। यह आवाज जंगली भेड़ियों की भी हो सकती है।"
अपर्णा की सुडौल नंगीं जांघें इतनी खूबसूरत नजर आ रहीं थीं की बस! जीतूजी ने गहरी साँस लेते हुए लाचारी में अपनी नजर अपर्णा के नंगे बदन से हटाई। रोहित की तेज रफ़्तार से पेंडू उठाकर मुकाबला कर रही अपर्णा को कहाँ पता था की उसे चुदवाने का नजारा जीतूजी और श्रेया बड़े प्यारसे ले रहे थे? रोहित जब वीर्य छोड़ने के कगार पर पहुँचने वाले ही थे अपर्णा की आँखें खुलीं और उसने देखा की उनको ढक रही चद्दर हट चुकी थी और वह और उसके पति के नंगे बदन और उनकी चुदाई जीतूजी और श्रेया प्यार से देख रहे थे। अपर्णा को उस समय कोई लज्जा या छोटापन का भाव नहीं महसूस हुआ। आखिर चुदाई करना औरत और मर्द का धर्म है। भगवान् ने खुद यह भाव हम सब में दिया है। औरतके बगैर मर्द कैसे रह सकता है? दुनिया को चलानेके लिए औरतका होना अनिवार्य है। अपने पसंदीदा मर्द से चुदवाना औरत के लिए सौभाग्य की बात है। अपर्णा ने भी हिम्मत कर के श्रेया और जीतूजीकी आँख से आँख मिलाई और मुस्कुरा दी। यह पहला मौका था जब अपर्णा ने चुदाई को इतना सहज रूप में स्वीकार किया था। जीतूजीने आँख मारकर अपर्णाको प्रोत्साहन दिया की चिंता की कोई बात नहीं थी। इससे अपर्णा को यह सन्देश भी मिला की जीतूजी अपर्णा की चुदाई करवाते हुए देख कर भी उतनी ही इज्जत करते थे जितनी की पहले करते थे। श्रेया जो की अपनी खुद की चुदाई करवाके निढाल पड़ी हुई थीं, उन्होंने भी उड़ती हुई किस देकर श्रेया की खुल्लमखुल्ला चुदाई को सलाम किया। रोहितसे चुदवाते हुएभी अपर्णाको जंगली कुत्तों की दहाड़ने की डरावनी आवाजें सुनाई देती थीं। अपर्णा ने जब रोहित से इसके बारे में पूछा तो रोहितने जीतूजी से हुई बात के बारे में अपर्णा को बताया।
रोहित ने कहा, "जीतूजी को शंका है की दुश्मन या आतंकवादियों के जंगली कुत्ते जिनको इंग्लिश में हाउण्ड कहते हैं उनको कुछ ख़ास कामके लिए तैनात किया हो, ऐसा हो सकता है। जीतूजी को आशंका थी की हो सकता है की अगले दो या तीन दिनों में कुछ ना कुछ दुर्घटना हो सकती है l पर मुझे लगता है की जीतूजी इस बात को शायद थोड़ा ज्यादा ही तूल दे रहे हैं। मुझे नहीं लगता की दुश्मन में इतनी हिम्मत है की हमारी ही सरहद में घुसकर हमारे ही बन्दों को कैदी बनाने का सोच भी सके। यह आवाज जंगली भेड़ियों की भी हो सकती है।"