26-12-2019, 03:19 PM
रोहित एक हाथ से श्रेया की गाँड़ के गालों पर हलकी सी प्यार भरी चपत अक्सर लगाते रहते थे जिसके कारण श्रेया का उन्माद और बढ़ जाता था। श्रेया की चूत में अपना लण्ड पेलते हुए रोहित का एक हाथ श्रेया को दोनों स्तनोँ पर अपना अधिकार जमाए हुए था। रोहित को कई महीनों से श्रेया को चोदने के चाह के कारण रोहित के एंड कोष में भरा हुआ वीर्य का भण्डार बाहर आकर श्रेया की चूत को भर देने के लिए बेताब था। रोहित अपने वीर्य की श्रेया की चूत की सुरंग में छोड़ने की मीठी अनुभूति करना चाहते थे। श्रेया की नंगी गाँड़ जो उनको अपनी आँखों के सामने दिख रही थी वह रोहित को पागल कर रही थी। रोहित का धैर्य (या वीर्य?) छूटने वाला ही था। श्रेया ने भी अनुभव किया की अगर उसी तरह रोहित उसे चोदते रहे तो जल्द ही रोहित अपना सारा वीर्य श्रेया की सुरंग में छोड़ देंगे। श्रेया को पूरी संतुष्टि होनी बाकी थी। उसे चुदाई का और भी आनंद लेना था। श्रेया ने रोहित को रुकने के लिए कहा। रोहित के रुकते ही श्रेया ने रोहित को पानी के बाहर किनारे पर रेत में सोने के लिए अनुग्रह किया। रोहित रेत पर लेट गए। श्रेया शेरनी की तरह रोहित के ऊपर सवार हो गयी। श्रेया ने रोहित का फुला हुआ लण्ड अपनी उँगलियों में पकड़ा और अपना बदन नीचा करके रोहित का पूरा लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ दिया।
अब श्रेया रोहित की चुदाई कर रही थी। श्रेया को उस हाल में देख ऐसा लगता था जैसे श्रेया पर कोई भूत सवार हो गया हो। श्रेया अपनी गाँड़ के साथ अपना पूरा पेंडू पहले वापस लेती थी और फिर पुरे जोश से रोहित के लण्ड पर जैसे आक्रमण कर रही हो ऐसे उसे पूरा अपनी चूत की सुरंग में घुसा देती थी। ऐसा करते हुए श्रेया का पूरा बदन हिल जाता था। श्रेया के स्तन इतने हिल तरहे थे की देखते ही बनता था। श्रेया की चूत की फड़कन बढ़ती ही जा रही थी। श्रेया का उन्माद उस समय सातवें आसमान पर था। श्रेया को उस समय अपनी चूत में रगड़ खा रहे रोहित के लण्ड के अलावा कोई भी विचार नहीं आ रहा था। वह रगड़ के कारण पैदा हो रही उत्तेजना और उन्माद श्रेया को उन्माद की चोटी पर लेजाने लगा था। श्रेया के अंदर भरी हुई वासना का बारूद फटने वाला था। रोहित को चोदते हुए श्रेया की कराहट और उन्माद पूर्ण और जोरदार होती जा रही थी। रोहित का वीर्य का फव्वारा भी छूटने वाला ही था। अचानक रोहित के दिमाग में जैसे एक पटाखा सा फूटा और एक दिमाग को हिला देने वाले धमाके के साथ रोहित के लण्ड के केंद्रित छिद्र से उसके वीर्य का फव्वारा जोरसे फुट पड़ा। जैसे ही श्रेया ने अपनी चूत की सुरंग में रोहित के गरमा गरम वीर्य का फव्वारा अनुभव किया की वह भी अपना नियत्रण खो बैठी और एक धमाका सा हुआ जो श्रेया के पुरे बदन को हिलाने लगा। श्रेया को ऐसा लगा जैसे उसके दिमाग में एक गजब का मीठा और उन्मादक जोरदार धमाका हुआ। जिसकेकारण उसका पूरा बदन हिल गया और उसकी पूरी शक्ति और ऊर्जा उस धमाके में समा गयी। चंद पलों में ही श्रेया निढाल हो कर रोहित पर गिर पड़ी। रोहित का लण्ड तब भी श्रेया की चूत में ही था। पर श्रेया अपनी आँखें बंद कर उस अद्भुत अनुभव का आनंद ले रही थी।
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अब श्रेया रोहित की चुदाई कर रही थी। श्रेया को उस हाल में देख ऐसा लगता था जैसे श्रेया पर कोई भूत सवार हो गया हो। श्रेया अपनी गाँड़ के साथ अपना पूरा पेंडू पहले वापस लेती थी और फिर पुरे जोश से रोहित के लण्ड पर जैसे आक्रमण कर रही हो ऐसे उसे पूरा अपनी चूत की सुरंग में घुसा देती थी। ऐसा करते हुए श्रेया का पूरा बदन हिल जाता था। श्रेया के स्तन इतने हिल तरहे थे की देखते ही बनता था। श्रेया की चूत की फड़कन बढ़ती ही जा रही थी। श्रेया का उन्माद उस समय सातवें आसमान पर था। श्रेया को उस समय अपनी चूत में रगड़ खा रहे रोहित के लण्ड के अलावा कोई भी विचार नहीं आ रहा था। वह रगड़ के कारण पैदा हो रही उत्तेजना और उन्माद श्रेया को उन्माद की चोटी पर लेजाने लगा था। श्रेया के अंदर भरी हुई वासना का बारूद फटने वाला था। रोहित को चोदते हुए श्रेया की कराहट और उन्माद पूर्ण और जोरदार होती जा रही थी। रोहित का वीर्य का फव्वारा भी छूटने वाला ही था। अचानक रोहित के दिमाग में जैसे एक पटाखा सा फूटा और एक दिमाग को हिला देने वाले धमाके के साथ रोहित के लण्ड के केंद्रित छिद्र से उसके वीर्य का फव्वारा जोरसे फुट पड़ा। जैसे ही श्रेया ने अपनी चूत की सुरंग में रोहित के गरमा गरम वीर्य का फव्वारा अनुभव किया की वह भी अपना नियत्रण खो बैठी और एक धमाका सा हुआ जो श्रेया के पुरे बदन को हिलाने लगा। श्रेया को ऐसा लगा जैसे उसके दिमाग में एक गजब का मीठा और उन्मादक जोरदार धमाका हुआ। जिसकेकारण उसका पूरा बदन हिल गया और उसकी पूरी शक्ति और ऊर्जा उस धमाके में समा गयी। चंद पलों में ही श्रेया निढाल हो कर रोहित पर गिर पड़ी। रोहित का लण्ड तब भी श्रेया की चूत में ही था। पर श्रेया अपनी आँखें बंद कर उस अद्भुत अनुभव का आनंद ले रही थी।
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