26-12-2019, 03:17 PM
हर औरत, ख़ास कर किसी और औरत के मुकाबले अपनी तारीफ़ सुनकर स्वाभाविक रूप से खुश होती ही है। मर्द लोग यह भलीभांति जानते हैं और अपनी जोड़ीदार को चुदाई के लिए तैयार करने के लिए यह ब्रह्मास्त्र का अक्सर उपयोग करते हैं। जो भी पति लोग मेरी इस कहानी को पढ़ रहे हों, ध्यान रखें की अपनी पत्नी को चुदाई के लिए तैयार करने के लिए हमेशा उसके रूप,गुण और बदन की खूब तारीफ़ करो। अगर कोई महिला इसे पढ़ रही है तो समझे की पति उनको वाकई में खूब प्रेम करते हैं और वह जो कह रहे हैं उसे सच समझे। आसमान में सूरज ढलने लगा था।
अचानक श्रेया को ख़याल आया की बातों बातों में समय जा रहा था। श्रेया ने रोहित से कहा, "यार समय जा रहा है। तुम्हारी बीबी तो मेरे पति को घास डालने वाली है नहीं। मेरे पति तो तुम्हारी बीबी को तैराकी सिखाते हुए ही रह जाएंगे। आखिर में रात को मुझे ही उनकी गर्मी निकालनी पड़ेगी। पर चलो तुम तो कुछ करो ना? तुम्हारे दोस्त की बीबी तो तैयार है।" रोहित श्रेया की उच्छृंखल खरी खरी बात सुनकर मुस्कुरा दिए। श्रेया की साफ़ साफ़ बातें रोहित के लण्ड को फनफनाने के लिए काफी थीं। रोहित ने श्रेया को बैठा दिया और उनको अपनी बाँहों में उठा कर फिर पानी में ला कर रख दिया। किनारे के पत्थर पर श्रेया के हाथ टिका कर खुद श्रेया के पीछे आ गए और श्रेया की नंगी करारी और खूबसूरत गाँड़ की मन ही मन प्रशंशा करते हुए थोड़ा झुक कर श्रेया की गाँड़ की दरार में अपना लण्ड घुसेड़ा। श्रेया ने रोहित का लण्ड अपनी उँगलियों में लिया और अपनी चूत की पँखुड़ियों पर थोड़ा सा रगड़ते हुए, उसे अपनी चूत के द्वार पर टिका दिया। फिर अपनी चूत की पंखुड़ियों को फैलाकर अपने प्रेमछिद्र में उसे थोडासा घुसने दिया। अपनी गाँड़ को थोड़ा सा पीछे की और धक्का मार कर श्रेया ने रोहित को आव्हान किया की आगे का काम रोहित स्वयं करे। रोहित ने धीरे से श्रेया की छोटी सी नाजुक चूत में अपना मोटा लंबा और लोहे की छड़ के सामान कड़क खड़े लण्ड को थोड़ा सा घुसेड़ा। श्रेया पहली बार किसी मर्द से पानी में चुदवा रही थी। यहां तक की उस दिन तक उसने अपने पति से भी कभी पानी में खड़े रह कर चुदवाया नहीं था। यह पहला मौक़ा था की श्रेया पानीमें खड़े खड़े चुदवा रही थी और वह भी एक पराये मर्द से।
रोहित ने धीरे धीरे श्रेया की चूत में अपना लण्ड पेलना शुरू किया। श्रेया की चूत का मुंह छोटा होने के कारण श्रेया को दर्द हो रहा था। पर श्रेयाको इस दर्दकी आदतसी हो गयीथी। रोहित का लण्ड शायद श्रेया के पति जीतूजी के लण्ड मुकाबले उन्न्नीस ही होगा। पर फिर भी श्रेया को कष्ट हो रहा था। श्रेया ने अपनी आँखें मूंदलीं और रोहित से अच्छीखासी चुदाई के लिए अपने आपको तैयार कर लिया। धीरे धीरे दर्द कम होने लगा और उन्माद बढ़ने लगा। श्रेया भी कई महीनों से रोहित से चुदवाने के लिए बेक़रार थी। यह सही था की श्रेया ने अपने पति से रोहित से चुदवाने के लिये कोई इजाजत या परमिशन तो नहीं ली थी पर वह जानती थी की जीतूजी उसके मन की बात भलीभांति जानते थे। जीतूजी जानते थे की आज नहीं तो कल उनकी पत्नी रोहित से चुदेगी जरूर। धीरे धीरे रोहित का लण्ड श्रेया की चूत की पूरी सुरंग में घुस गया। रोहित का एक एक धक्का श्रेया को सातवें आसमान को छूने का अनुभव करा रहा था। रोहित का धक्का श्रेया के पुरे बदन को हिला देता था। श्रेया की दोनों चूँचियाँ रोहित ने अपनी हथेलियों में कस के पकड़ रक्खी थीं। रोहित थोड़ा झुक कर अपना लण्ड पुरे जोश से श्रेया की चूत में पेल रहे थे। रोहित की चुदाई श्रेया को इतनी उन्मादक कर रही थी की वह जोर से कराह कर अपनी कामातुरता को उजागर कर रही थी। श्रेया की ऊँचे आवाज वाली कराहट वाटर फॉल के शोर में कहीं नहीं सुनाई पड़ती थी। श्रेया उस समय रोहित के लण्ड का उसकी चूत में घुसना और निकलना ही अनुभव कर रही थी। उस समय उसे और कोई भी एहसास नहीं हो रहा था। रोहित उत्तेजना से श्रेया की चूतमें इतना जोशीला धक्का मार रहे थे की कई बार श्रेया ड़र रही थी की रोहित का लण्ड उसकी बच्चे दानी को ही फाड़ ना दे।
अचानक श्रेया को ख़याल आया की बातों बातों में समय जा रहा था। श्रेया ने रोहित से कहा, "यार समय जा रहा है। तुम्हारी बीबी तो मेरे पति को घास डालने वाली है नहीं। मेरे पति तो तुम्हारी बीबी को तैराकी सिखाते हुए ही रह जाएंगे। आखिर में रात को मुझे ही उनकी गर्मी निकालनी पड़ेगी। पर चलो तुम तो कुछ करो ना? तुम्हारे दोस्त की बीबी तो तैयार है।" रोहित श्रेया की उच्छृंखल खरी खरी बात सुनकर मुस्कुरा दिए। श्रेया की साफ़ साफ़ बातें रोहित के लण्ड को फनफनाने के लिए काफी थीं। रोहित ने श्रेया को बैठा दिया और उनको अपनी बाँहों में उठा कर फिर पानी में ला कर रख दिया। किनारे के पत्थर पर श्रेया के हाथ टिका कर खुद श्रेया के पीछे आ गए और श्रेया की नंगी करारी और खूबसूरत गाँड़ की मन ही मन प्रशंशा करते हुए थोड़ा झुक कर श्रेया की गाँड़ की दरार में अपना लण्ड घुसेड़ा। श्रेया ने रोहित का लण्ड अपनी उँगलियों में लिया और अपनी चूत की पँखुड़ियों पर थोड़ा सा रगड़ते हुए, उसे अपनी चूत के द्वार पर टिका दिया। फिर अपनी चूत की पंखुड़ियों को फैलाकर अपने प्रेमछिद्र में उसे थोडासा घुसने दिया। अपनी गाँड़ को थोड़ा सा पीछे की और धक्का मार कर श्रेया ने रोहित को आव्हान किया की आगे का काम रोहित स्वयं करे। रोहित ने धीरे से श्रेया की छोटी सी नाजुक चूत में अपना मोटा लंबा और लोहे की छड़ के सामान कड़क खड़े लण्ड को थोड़ा सा घुसेड़ा। श्रेया पहली बार किसी मर्द से पानी में चुदवा रही थी। यहां तक की उस दिन तक उसने अपने पति से भी कभी पानी में खड़े रह कर चुदवाया नहीं था। यह पहला मौक़ा था की श्रेया पानीमें खड़े खड़े चुदवा रही थी और वह भी एक पराये मर्द से।
रोहित ने धीरे धीरे श्रेया की चूत में अपना लण्ड पेलना शुरू किया। श्रेया की चूत का मुंह छोटा होने के कारण श्रेया को दर्द हो रहा था। पर श्रेयाको इस दर्दकी आदतसी हो गयीथी। रोहित का लण्ड शायद श्रेया के पति जीतूजी के लण्ड मुकाबले उन्न्नीस ही होगा। पर फिर भी श्रेया को कष्ट हो रहा था। श्रेया ने अपनी आँखें मूंदलीं और रोहित से अच्छीखासी चुदाई के लिए अपने आपको तैयार कर लिया। धीरे धीरे दर्द कम होने लगा और उन्माद बढ़ने लगा। श्रेया भी कई महीनों से रोहित से चुदवाने के लिए बेक़रार थी। यह सही था की श्रेया ने अपने पति से रोहित से चुदवाने के लिये कोई इजाजत या परमिशन तो नहीं ली थी पर वह जानती थी की जीतूजी उसके मन की बात भलीभांति जानते थे। जीतूजी जानते थे की आज नहीं तो कल उनकी पत्नी रोहित से चुदेगी जरूर। धीरे धीरे रोहित का लण्ड श्रेया की चूत की पूरी सुरंग में घुस गया। रोहित का एक एक धक्का श्रेया को सातवें आसमान को छूने का अनुभव करा रहा था। रोहित का धक्का श्रेया के पुरे बदन को हिला देता था। श्रेया की दोनों चूँचियाँ रोहित ने अपनी हथेलियों में कस के पकड़ रक्खी थीं। रोहित थोड़ा झुक कर अपना लण्ड पुरे जोश से श्रेया की चूत में पेल रहे थे। रोहित की चुदाई श्रेया को इतनी उन्मादक कर रही थी की वह जोर से कराह कर अपनी कामातुरता को उजागर कर रही थी। श्रेया की ऊँचे आवाज वाली कराहट वाटर फॉल के शोर में कहीं नहीं सुनाई पड़ती थी। श्रेया उस समय रोहित के लण्ड का उसकी चूत में घुसना और निकलना ही अनुभव कर रही थी। उस समय उसे और कोई भी एहसास नहीं हो रहा था। रोहित उत्तेजना से श्रेया की चूतमें इतना जोशीला धक्का मार रहे थे की कई बार श्रेया ड़र रही थी की रोहित का लण्ड उसकी बच्चे दानी को ही फाड़ ना दे।