26-12-2019, 03:17 PM
श्रेया की बात सुनकर रोहित सकपका गए और बोले, "ऐसी कोई बात नहीं, पर श्रेया तुम्हारी सुंदरता कमाल है। अब मैं समझ सकता हूँ की कैसे जीतूजी जैसे हरफनमौला आशिक को भी तुमने अपने हुस्न के जादू में बाँध रखा है।" रोहित फिर उठे और उठ कर रेत पर लेटी हुई श्रेया को अपनी दोनों टाँगों के बिच में लेते हुए श्रेया के बदन पर झुक कर अपना पूरा लम्बा बदन श्रेया के ऊपर से सटाकर उस पर ऐसे लेटे जिससे उसका पूरा वजन श्रेया पर ना पड़े। फिर अपने होँठों को श्रेया के होँठों से सटाकर उसे चुम्बन करने लगे। श्रेयाने भी रोहित के होँठों को अपने होँठों का रस चूमने का पूरा अवसर दिया और खुद भी बार बार अपना पेंडू उठाकर रोहित के फूल कर उठ खड़े हुए लण्ड का अपनी रस रिस रही चूत पर महसूस करने लगी। ऐसे ही लेटे हुए दो बदन एक दूसरे को महसूस करने में और एक दूसरे के बदन की प्यार और हवस की आग का अंदाज लगाने में मशगूल हो गए। उन्हें समय को कोई भी ख्याल नहीं था। श्रेया रोहित के होँठों को चूसकर उनकी लार बड़े प्यार से निगल रही थी। श्रेया की प्यासी चूत में गजब की मचलन हो रही थी। अनायास ही श्रेया का हाथ अपनी जाँघों के बिच चला गया।
श्रेया रोहित का लण्ड अपनी प्यासी चूत में डलवाने के लिए बेताब हो रही थी। जब रोहित श्रेया के होँठों का रस चूसने में लगे हुए थे तब श्रेया अपनी उँगलियों से अपनी चूत के ऊपरी हिस्से वाले होँठों को हिला रही थी। रोहित ने महसूस किया की श्रेया की चूत में अजीब सी हलचल होनी शुरू हो चुकी थी। रोहित श्रेया के ऊपर ही घूम कर अपना मुंह श्रेया की जाँघों के बिच में ले आये। रोहित का लण्ड श्रेया के मुंह को छू रहा था। श्रेया की चूत तब रोहित की प्यासी आँखों के सामने थी। श्रेया की चूत की झाँटें श्रेया ने इतने प्यार से साफ़ की थी की बस थोडेसे हलके हलके बाल नजर आ रहे थे। रोहित को बालों से भरी हुई चूत अच्छी नहीं लगती थी। वह हमेशा अपनी पत्नी अपर्णा की चूत भी साफ़ देखना चाहते थे। कई बार तो वह खुद ही अपर्णा की चूत की सफाई कर देते थे। श्रेया अपनी चूत में उंगलियां डाल कर अपनी उत्तजेना बढ़ा रही थी। रोहित ने श्रेया की उंगलियां हटाकर वहाँ अपनी जीभ रख दी। श्रेया की टाँगों को और चौड़ी कर श्रेया की चूत के द्वार पर त्वचा को रोहित चाटने लगे। अपनी जीभ की नोक को श्रेया की संवेदनशील त्वचा पर कुरेदते हुए रोहित श्रेया की चुदवाने की कामना को एक उन्माद के स्तर पर वह पहुंचाना चाहते थे। रोहित की जीभ लप लप श्रेया की चूत को चाटने और कुरेदने लगी। यह अनुभव श्रेया के लिए बड़ाही रोमांचक था क्यूंकि उसके पति जीतूजी शायद ही कभी अपनी बीबी की चूत को चाटते थे।
दूसरी तरफ रोहित का लण्ड एकदम घंटे की तरह खड़ा और कड़ा हो चुका था। श्रेया ने रोहित के निक्कर की इलास्टिकमें अपनी उंगली फँसायी और निक्कर को टांगो की और खिसकाने लगी। श्रेया रोहित का लण्ड देखना और महसूस करना चाहती थी। श्रेया ने रोहित की निक्कर को पूरी तरह उनके पाँव से निचे की और खिसका दिया ताकि रोहित अपने पाँव को मोड़ कर निक्कर को निकाल फेंक सके। निक्कर के निकलते ही, रोहित का खड़ा मोटा लण्ड श्रेया के मुंह के सामने प्रस्तुत हुआ। श्रेया ने रोहित का लंबा और मोटा लण्ड अपनी उँगलियों में लिया और उसे प्यार से हिलाने और सहलाने लगी। श्रेया ने रोहित को पूछा, "रोहित, एक बात बताओ। तुमने मुझे कभी अपने सपने में देखा है? क्या मेरे साथ सपने में तुमने कुछ किया है?" रोहित ने श्रेयाकी चूतमें अपनी दो उँगलियाँ डालकर चूत की संवेदनशील त्वचा को उँगलियों में रगड़ते हुए कहा, "श्रेया, कसम तुम्हारी! एक बार नहीं, कई बार मैंने मेरी बीबी अपर्णा को श्रेया समझ कर चोदा है l एक बार तो अपर्णा को चोदते हुए मेरे मुंह से अनायास ही तुम्हारा नाम निकल गया। पर अपर्णा को समझ आये उससे पहले मैंने बात को बदल दिया ताकि उसे शक ना हो की चोद तो मैं उसे रहा था पर याद तुम्हें कर रहा था।"
श्रेया रोहित का लण्ड अपनी प्यासी चूत में डलवाने के लिए बेताब हो रही थी। जब रोहित श्रेया के होँठों का रस चूसने में लगे हुए थे तब श्रेया अपनी उँगलियों से अपनी चूत के ऊपरी हिस्से वाले होँठों को हिला रही थी। रोहित ने महसूस किया की श्रेया की चूत में अजीब सी हलचल होनी शुरू हो चुकी थी। रोहित श्रेया के ऊपर ही घूम कर अपना मुंह श्रेया की जाँघों के बिच में ले आये। रोहित का लण्ड श्रेया के मुंह को छू रहा था। श्रेया की चूत तब रोहित की प्यासी आँखों के सामने थी। श्रेया की चूत की झाँटें श्रेया ने इतने प्यार से साफ़ की थी की बस थोडेसे हलके हलके बाल नजर आ रहे थे। रोहित को बालों से भरी हुई चूत अच्छी नहीं लगती थी। वह हमेशा अपनी पत्नी अपर्णा की चूत भी साफ़ देखना चाहते थे। कई बार तो वह खुद ही अपर्णा की चूत की सफाई कर देते थे। श्रेया अपनी चूत में उंगलियां डाल कर अपनी उत्तजेना बढ़ा रही थी। रोहित ने श्रेया की उंगलियां हटाकर वहाँ अपनी जीभ रख दी। श्रेया की टाँगों को और चौड़ी कर श्रेया की चूत के द्वार पर त्वचा को रोहित चाटने लगे। अपनी जीभ की नोक को श्रेया की संवेदनशील त्वचा पर कुरेदते हुए रोहित श्रेया की चुदवाने की कामना को एक उन्माद के स्तर पर वह पहुंचाना चाहते थे। रोहित की जीभ लप लप श्रेया की चूत को चाटने और कुरेदने लगी। यह अनुभव श्रेया के लिए बड़ाही रोमांचक था क्यूंकि उसके पति जीतूजी शायद ही कभी अपनी बीबी की चूत को चाटते थे।
दूसरी तरफ रोहित का लण्ड एकदम घंटे की तरह खड़ा और कड़ा हो चुका था। श्रेया ने रोहित के निक्कर की इलास्टिकमें अपनी उंगली फँसायी और निक्कर को टांगो की और खिसकाने लगी। श्रेया रोहित का लण्ड देखना और महसूस करना चाहती थी। श्रेया ने रोहित की निक्कर को पूरी तरह उनके पाँव से निचे की और खिसका दिया ताकि रोहित अपने पाँव को मोड़ कर निक्कर को निकाल फेंक सके। निक्कर के निकलते ही, रोहित का खड़ा मोटा लण्ड श्रेया के मुंह के सामने प्रस्तुत हुआ। श्रेया ने रोहित का लंबा और मोटा लण्ड अपनी उँगलियों में लिया और उसे प्यार से हिलाने और सहलाने लगी। श्रेया ने रोहित को पूछा, "रोहित, एक बात बताओ। तुमने मुझे कभी अपने सपने में देखा है? क्या मेरे साथ सपने में तुमने कुछ किया है?" रोहित ने श्रेयाकी चूतमें अपनी दो उँगलियाँ डालकर चूत की संवेदनशील त्वचा को उँगलियों में रगड़ते हुए कहा, "श्रेया, कसम तुम्हारी! एक बार नहीं, कई बार मैंने मेरी बीबी अपर्णा को श्रेया समझ कर चोदा है l एक बार तो अपर्णा को चोदते हुए मेरे मुंह से अनायास ही तुम्हारा नाम निकल गया। पर अपर्णा को समझ आये उससे पहले मैंने बात को बदल दिया ताकि उसे शक ना हो की चोद तो मैं उसे रहा था पर याद तुम्हें कर रहा था।"


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