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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
रोहित ने फ़ौरन श्रेया की गाँड़ में अपनी निक्कर में फर्राटे मार रहा अपना लण्ड सटा कर श्रेया के करारे स्तनोँ को उसकी बिकिनीके अंदर अपनी उंगलियां घुसाकर उनको मसलते हुए कहा, "अब मैं सिर्फ देखना नहीं और भी बहुत कुछ चाहता हूँ। पर सबसे पहले मैं अपनी श्रेया को असली श्रेया के रूप में बिना किसी आवरण के देखना चाहता हूँ।" ऐसा कह कर रोहित ने श्रेया की कॉस्च्यूम के कंधे पर लगी पट्टीयों को श्रेया की दोनों बाजुओं के निचे की ओर सरका दीं। जैसे ही पट्टियाँ निचे की और सरक गयीं तो रोहित ने उनको निचेकी ओर खिसका दिया और श्रेया के दोनों उन्मत्त स्तनोंको अनावृत कर दिए। श्रेया के स्तन जैसे ही नंगे हो गए की रोहित की आँखें उनपर थम ही गयीं। श्रेया के स्तन पुरे भरे और फुले होने के बावजूद थोड़े से भी झुके हुए हैं नहीं थे। श्रेया के स्तनों की चोटी को अपने घेरे में डाले हुए उसके गुलाबी एरोला ऐसे लगते थे जैसे गुलाबी रंग का छोटा सा जापानी छाता दो फूली हुई निप्पलोँ के इर्दगिर्द फ़ैल कर स्तनोँ को और ज्यादा खूबसूरत बना रहे हों। बीचो बिच फूली हुई निप्पलेँ भी गुलाबी रंग की थीं। एरोला की सतह पर जगह जगह फुंसियां जैसी उभरी हुईं त्वचा स्तनों की खूबसूरती में चार चाँद लगा देती थीं। साक्षात् मेनका स्वर्ग से निचे उतर कर विश्वामित्र का मन हरने आयी हो ऐसी खूबसूरती अद्भुत लग रही थी।

श्रेया की कमर रेत घडी के सामान पतली और ऊपर स्तनोँ काऔर निचे कूल्हों के उभार के बिच अपनी अनूठी शान प्रदर्शित कर रही थी। श्रेया की नाभि की गहराई कामुकता को बढ़ावा दे रही थी। श्रेया की नाभि के निचे हल्का सा उभार और फिर एकदम चूत से थोडासा ऊपर वाला चढ़ाव और फिर चूतकी पंखुडियों की खाई देखते ही बनती थी। सबसे ज्यादा खूबसूरत श्रेया की गाँड़ का उतारचढ़ाव था। उन उतारचढ़ाव के ऊपर टिकी हुई रोहित की नजर हटती ही नहीं थी। और उस गाँड़ के दो खूबसूरत गालों की तो बात ही क्या? उन दो गालों के बिच जो दरार थी जिसमें श्रेया की कॉस्च्यूम के कपडे का एक छोटासा टुकड़ा फँसा हुआ था वह श्रेया की गाँड़ की खूबसूरती को ढकनेमें पूरी तरह असफल था।

रोहित का धीरज अब जवाब देने लगा था। अब वह श्रेया को पूरी तरह अनावृत (याने नग्न रूप में) देखना चाहते थे। रोहित ने श्रेया की कमर पर लटका हुआ उनका कॉस्टूयूम और निचे, श्रेया के पॉंव की और खिसकाया। श्रेया ने भी अपने पाँव बारी बारी से उठाकर उस कॉस्टूयूम को पाँव के निचे खिसका कर झुक कर उसे उठा लिया और किनारे पर फेंक दिया। अब श्रेया छाती तक गहरे पानी में पूरी तरह नंगी खड़ी थी। ना चाहते हुए भी रोहित नग्न श्रेयाकी खूबसूरती की नंगी अपर्णा से तुलना करने से अपने आपको रोक ना सका। हलांकि अपर्णा भी बलाकि खूबसूरत थी और नंगी अपर्णा कमाल की सुन्दर और सेक्सी थी, पर श्रेया में कुछ ऐसी कशिश थी जो अतुलनीय थी। हर मर्द को अपनी बीबी से दूसरे की बीबी हमेशा ज्यादा ही सुन्दर लगती है। रोहित ने नंगी श्रेया को घुमा कर अपनी बाँहों में आसानी से उठा लिया। हलकीफुलकी श्रेया को पानी में से उठाकर रोहित पानी के बाहर आये और किनारे रेतके बिस्तर में उसे लिटा कर रोहित उसके पास बैठ गए और रेत पर लेटी हुई नग्न श्रेया के बदन को ऐसे प्यार और दुलार से देखने लगे जैसे कई जन्मों से कोई आशिक अपनी माशूका को पहली बार नंगी देख रहा हो। ऐसे अपने पुरे बदन को घूरते हुए देख श्रेया शर्मायी और उसने रोहितकी ठुड्डी अपनी उँगलियों में पकड़ कर पूछा, "ओये! क्या देख रहे हो? इससे पहले किसी नंगी औरत को देखा नहीं क्या? क्या अपर्णा ने तुम्हें भी अपना पूरा नंगा बदन दिखाया नहीं?"
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 03:16 PM



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