26-12-2019, 02:55 PM
यह सुन कर अपर्णा को कुछ तसल्ली हुई। वह फ़टाफ़ट अपनी सूटकेस खोलने में लग गयी और श्रेया को धक्का देती हुई बड़े प्यार और विनम्रता से बोली, "श्रेया अपने कमरे में जाइये और अपना स्विमिंग कॉस्च्यूम निकालिये ना, प्लीज? चलते हैं ना?" श्रेया सुबह से ही कुछ गंभीर सी दिख रही थीं। पर अपर्णा की बचकाना हरकतें देख कर हँस पड़ी और बोली, "ठीक है भाई। चलते हैं। पर तुम मुझे धक्का तो मत मारो।" रोहित कल्पनाओं की उड़ान में खो रहे थे। वह सोच रहे थे श्रेया जब स्विमींग सूट पहनेंगींतो अपने स्विमिंग सूटमें कैसी लगेंगी? उसदिन वह पहेली बार श्रेया को स्विम सूट में देख पाएंगे। उनके मन में यह बात भी आयी की अपर्णा भी स्विमिंग सूटमें कमाल की दिखेगी। रोहित सोच रहे थे की उनकी बीबी अपर्णा को देख कर जीतूजी का क्या हाल होगा? इस यात्रा के लिए रोहित ने अपर्णा को एक पीस वाला स्विम सूट लाने को कहा था। वह ऐसा था की उसमें अपर्णा को देख कर तो अपर्णा के पति रोहित का लण्ड भी खड़ा हो जाता था तो जीतूजी का क्या हाल होगा?
खैर, कुछ ही देर में यह सपना साकार होने वाला था ऐसा लग रहा था। बिना समय गँवाए दोनों जोड़ियाँ अपने तैरने के कपडे साथ में लेकर झरने की और चलदीं। बाहर मौसम एकदम सुहाना था। वातावरण एकदम निर्मल और सुगन्धित था। रोहित और जीतूजी मर्दों को कपडे बदलने के रूम में चले गए। पर झरने के पास पहुँचते ही अपर्णा जनाना कपडे बदलने के कमरे के बाहर रूक गयी और कुछ असमंजस में पड़ गयी।
श्रेया ने अपर्णा की और देखा और बोली, "क्या बात है अपर्णा? तुम रुक क्यों गयी?" अपर्णा श्रेया के पास जाकर बोली, "श्रेया, मेरा तैरने वाला ड्रेस इतना छोटा है। रोहित ने मेरे लिए इतना छोटा कॉस्च्यूम खरीदा था की मुझे उसको पहन कर जीतूजी के सामने आने में बड़ी शर्म आएगी। मैं नहाने नहीं आ रही। आप लोग नहाइये। मैं यहां बैठी आपको देखती रहूंगी। और फिर दीदी मुझे तैरना भी तो आता नहीं है।" श्रेया जी ने अपर्णा की बाहें पकड कर कहा, "अरे चल री! अब ज्यादा तमाशा ना कर! तूने ही सबको यहां नहाने के लिए आने को तैयार किया और अब तू ही नखरे दिखा रही है? देख तूने मुझसे वादा किया था, की तू मेरे पति जीतूजी से कोई पर्दा नहीं करेगी l किया था की नहीं? याद कर तुम जब मेरी मालिश करने आयी थी तब? तूने कहा था की तुम मेरे पति से मालिश नहीं करवा सकती क्यूंकि तूने तुम्हारी माँ को वचन दिया था। पर तूने यह भी वादा किया था की तुम बाकी कोई भी पर्दा नहीं करेगी? कहा था ना? और जहां तक तुझे तैरना नहीं आता का सवाल है तो जीतूजी तुझे सीखा देंगे। जीतूजी तो तैराकी में एक्सपर्ट हैं। मैं भी थोड़ा बहुत तैर लेती हूँ। मुझे पता नहीं रोहित तैरना जानते हैं या नहीं?"
अपर्णा मन ही मन में काँप गयी। अगर उस समय श्रेया जो को यह पता चले की अपर्णा ने तो श्रेया के पति का लण्ड भी सहलाया था और उनका माल भी निकाल दिया था तो बेचारी दीदी का क्या हाल होगा? और अगर यह वह जान ले की जीतूजी ने भी अपर्णा के पुरे बदन को छुआ था तो क्या होगा? खैर, अपर्णा ने श्रेया की और प्यार भरी नज़रों से देखा और हामी भरते हुए कहा, "हाँ दीदी आप सही कह रहे हो। मैंने कहा तो था। पर मुझे उस कॉस्च्यूम में देख कर कहीं आपके पति जीतूजी मुझसे कुछ ज्यादा हरकत कर लेंगे तो क्या होगा? मैं तो यह सोच कर ही काँपने लगी हूँ। मेरे पति रोहित भी ऐसे ही हैं। वह तो थोड़ा बहुत तैर लेते हैं।" श्रेया ने हँस कर कहा, "कुछ नहीं करेंगे, मेरे पति। मैं उनको अच्छी तरह जानती हूँ। वह तुम्हारी मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं करेंगे। अगर तुम मना करोगी को तो वह तुम्हें छुएंगे भी नहीं। पर खबरदार तुम उन्हें छूने से मना मत करना! और तुम्हारे पति रोहित को तो मैं तैरना सीखा दूंगी। तू चल अब!"
खैर, कुछ ही देर में यह सपना साकार होने वाला था ऐसा लग रहा था। बिना समय गँवाए दोनों जोड़ियाँ अपने तैरने के कपडे साथ में लेकर झरने की और चलदीं। बाहर मौसम एकदम सुहाना था। वातावरण एकदम निर्मल और सुगन्धित था। रोहित और जीतूजी मर्दों को कपडे बदलने के रूम में चले गए। पर झरने के पास पहुँचते ही अपर्णा जनाना कपडे बदलने के कमरे के बाहर रूक गयी और कुछ असमंजस में पड़ गयी।
श्रेया ने अपर्णा की और देखा और बोली, "क्या बात है अपर्णा? तुम रुक क्यों गयी?" अपर्णा श्रेया के पास जाकर बोली, "श्रेया, मेरा तैरने वाला ड्रेस इतना छोटा है। रोहित ने मेरे लिए इतना छोटा कॉस्च्यूम खरीदा था की मुझे उसको पहन कर जीतूजी के सामने आने में बड़ी शर्म आएगी। मैं नहाने नहीं आ रही। आप लोग नहाइये। मैं यहां बैठी आपको देखती रहूंगी। और फिर दीदी मुझे तैरना भी तो आता नहीं है।" श्रेया जी ने अपर्णा की बाहें पकड कर कहा, "अरे चल री! अब ज्यादा तमाशा ना कर! तूने ही सबको यहां नहाने के लिए आने को तैयार किया और अब तू ही नखरे दिखा रही है? देख तूने मुझसे वादा किया था, की तू मेरे पति जीतूजी से कोई पर्दा नहीं करेगी l किया था की नहीं? याद कर तुम जब मेरी मालिश करने आयी थी तब? तूने कहा था की तुम मेरे पति से मालिश नहीं करवा सकती क्यूंकि तूने तुम्हारी माँ को वचन दिया था। पर तूने यह भी वादा किया था की तुम बाकी कोई भी पर्दा नहीं करेगी? कहा था ना? और जहां तक तुझे तैरना नहीं आता का सवाल है तो जीतूजी तुझे सीखा देंगे। जीतूजी तो तैराकी में एक्सपर्ट हैं। मैं भी थोड़ा बहुत तैर लेती हूँ। मुझे पता नहीं रोहित तैरना जानते हैं या नहीं?"
अपर्णा मन ही मन में काँप गयी। अगर उस समय श्रेया जो को यह पता चले की अपर्णा ने तो श्रेया के पति का लण्ड भी सहलाया था और उनका माल भी निकाल दिया था तो बेचारी दीदी का क्या हाल होगा? और अगर यह वह जान ले की जीतूजी ने भी अपर्णा के पुरे बदन को छुआ था तो क्या होगा? खैर, अपर्णा ने श्रेया की और प्यार भरी नज़रों से देखा और हामी भरते हुए कहा, "हाँ दीदी आप सही कह रहे हो। मैंने कहा तो था। पर मुझे उस कॉस्च्यूम में देख कर कहीं आपके पति जीतूजी मुझसे कुछ ज्यादा हरकत कर लेंगे तो क्या होगा? मैं तो यह सोच कर ही काँपने लगी हूँ। मेरे पति रोहित भी ऐसे ही हैं। वह तो थोड़ा बहुत तैर लेते हैं।" श्रेया ने हँस कर कहा, "कुछ नहीं करेंगे, मेरे पति। मैं उनको अच्छी तरह जानती हूँ। वह तुम्हारी मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं करेंगे। अगर तुम मना करोगी को तो वह तुम्हें छुएंगे भी नहीं। पर खबरदार तुम उन्हें छूने से मना मत करना! और तुम्हारे पति रोहित को तो मैं तैरना सीखा दूंगी। तू चल अब!"