26-12-2019, 02:54 PM
जीतूजी ने यह सुन कर कहा, "हम बेशक वहाँ जा कर नहा सकते हैं। वहाँ नहाने पर कोई रोक नहीं है। दर असल कई बार आर्मी के ही लोग वहाँ तैरते और नहाते हैं। वहाँ कैंप वालों ने एक छोटा सा स्विमिंग पूल जैसा ढ़ाँचा बनाया है l आप यहां से घने पेड़ों की वजह से कुछ देख नहीं सकते पर वहाँ बैठने के लिए कुछ बेंच रखे हैं और निचे उतरने के लिए सीढ़ियांभी बनायी हैंl आपको एक छोटा सा कमरा दिखाई देरहा होगा। वह महिलाओं और पुरुषों का कपडे बदलने का अलग अलग कमरा है। वहाँ वाटर फॉल के निचे और झरने में हम सब नहाने जा सकते हैं।"
जीतूजी ने रोहित को आंख मारते हुए कहा, "अक्सर, वाटर फॉल के पीछे अंदर की और कई बार कुछ कपल्स छुपकर अपना काम भी पूरा कर लेते हैं! पर चूँकि यह कैंप की सीमा से बाहर है, इस लिए कैंप का मैनेजमेंट इस में कोई दखल नहीं देता l हाँ, अगर कोई अकस्मात् होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी कैंप का मैनेजमेंट नहीं लेता। पर उसमें वैसे भी पानी इतना ज्यादा गहरा नहीं है की कोई डूब सके। ज्यादा से ज्यादा पानी हमारी छाती तक ही है।"
अपर्णा यह सुनकर ख़ुशी के मारे कूदने लगी और श्रेया की बाँहें पकड़ कर बोली, "श्रेया, चलिए ना, आज वहाँ नहाने चलते हैं। मैं इससे पहले किसी झरने में कभी भी नहीं नहायी। अगर हम गए तो आज मैं पहेली बार कोई झरने में नहाउंगी।" फिर श्रेया की और देख कर शर्माते हुए अपर्णा बोली, "श्रेया, प्लीज, मैं आपकी मालिश भी कर दूंगी! प्लीज जीतूजी को कह कर हम सब उस झरने में आज नहाने चलेंगे ना?"
श्रेया ने अपने पति जीतूजी की और देखा तो जीतूजी ने घडी की और देखते हुए कहा, "इस समय करीब बारह बजे हैं। हमारे पास करीब दो घंटे का समय है। डेढ़ से तीन बजे तक आर्मी कैंटीन में लंच खाना मिलता है। अगर चलना हो तो हम इस दो घंटे में वहा जाकर नहा सकते हैं।"
अपर्णा जीतूजी की बात सुनकर इतनी खुश हुई की भागकर छोटे बच्चे की तरह जीतूजी से लिपटते हुए बोली, "थैंक यू, जीतूजी! हम जरूर चलेंगे। फिर अपने पति की और देख कर अपर्णा बोली, "हम चलेंगे ना रोहित?" रोहित ने अपर्णा का जोश देखकर मुस्कुरा कर तुरंत हामी भरते हुए कहा, "ठीक है, आप इतना ज्यादा आग्रह कर रहे हो तो चलो फिर अपना तौलिया, स्विम सूट बगैरह निकालो और चलो।"
स्विमिंग सूट पहनने की बात सुनकर अपर्णा कुछ सोच में पड़ गयी। उसने हिचकिचाते हुए श्रेया के करीब जाकर उनके कानों में फुसफुसाते हुए पूछा, "बापरे! स्विमिंग कॉस्च्यूम पहन कर नहाते हुए मुझे सब देखेंगे तो क्या होगा?" श्रेया अपर्णा की नाक पकड़ कर खींची और कहा, "अभी तो तुम जाने के लिए कूद रही थी? अब एकदम ठंडी पड़ गयी? हमें नहाते हुए कौन देखेगा? और मानलो अगर देख भी लिया तो क्या होगा? भरोसा रखो तुम्हें कोई रेप नहीं करेगा। अभी वहाँ कोई नहीं है। बस हम चार ही तो हैंl फिर इतने घने पेड़ चारों ओर होने के कारण हमें वहाँ नहाते हुए कोई कहीं से भी नहीं देख सकता। इसी लिए तो जीतूजी कहते हैं की यहां कई प्यार भरी कहानियों ने जन्म लिया है।"
जीतूजी ने रोहित को आंख मारते हुए कहा, "अक्सर, वाटर फॉल के पीछे अंदर की और कई बार कुछ कपल्स छुपकर अपना काम भी पूरा कर लेते हैं! पर चूँकि यह कैंप की सीमा से बाहर है, इस लिए कैंप का मैनेजमेंट इस में कोई दखल नहीं देता l हाँ, अगर कोई अकस्मात् होता है तो उसकी जिम्मेदारी भी कैंप का मैनेजमेंट नहीं लेता। पर उसमें वैसे भी पानी इतना ज्यादा गहरा नहीं है की कोई डूब सके। ज्यादा से ज्यादा पानी हमारी छाती तक ही है।"
अपर्णा यह सुनकर ख़ुशी के मारे कूदने लगी और श्रेया की बाँहें पकड़ कर बोली, "श्रेया, चलिए ना, आज वहाँ नहाने चलते हैं। मैं इससे पहले किसी झरने में कभी भी नहीं नहायी। अगर हम गए तो आज मैं पहेली बार कोई झरने में नहाउंगी।" फिर श्रेया की और देख कर शर्माते हुए अपर्णा बोली, "श्रेया, प्लीज, मैं आपकी मालिश भी कर दूंगी! प्लीज जीतूजी को कह कर हम सब उस झरने में आज नहाने चलेंगे ना?"
श्रेया ने अपने पति जीतूजी की और देखा तो जीतूजी ने घडी की और देखते हुए कहा, "इस समय करीब बारह बजे हैं। हमारे पास करीब दो घंटे का समय है। डेढ़ से तीन बजे तक आर्मी कैंटीन में लंच खाना मिलता है। अगर चलना हो तो हम इस दो घंटे में वहा जाकर नहा सकते हैं।"
अपर्णा जीतूजी की बात सुनकर इतनी खुश हुई की भागकर छोटे बच्चे की तरह जीतूजी से लिपटते हुए बोली, "थैंक यू, जीतूजी! हम जरूर चलेंगे। फिर अपने पति की और देख कर अपर्णा बोली, "हम चलेंगे ना रोहित?" रोहित ने अपर्णा का जोश देखकर मुस्कुरा कर तुरंत हामी भरते हुए कहा, "ठीक है, आप इतना ज्यादा आग्रह कर रहे हो तो चलो फिर अपना तौलिया, स्विम सूट बगैरह निकालो और चलो।"
स्विमिंग सूट पहनने की बात सुनकर अपर्णा कुछ सोच में पड़ गयी। उसने हिचकिचाते हुए श्रेया के करीब जाकर उनके कानों में फुसफुसाते हुए पूछा, "बापरे! स्विमिंग कॉस्च्यूम पहन कर नहाते हुए मुझे सब देखेंगे तो क्या होगा?" श्रेया अपर्णा की नाक पकड़ कर खींची और कहा, "अभी तो तुम जाने के लिए कूद रही थी? अब एकदम ठंडी पड़ गयी? हमें नहाते हुए कौन देखेगा? और मानलो अगर देख भी लिया तो क्या होगा? भरोसा रखो तुम्हें कोई रेप नहीं करेगा। अभी वहाँ कोई नहीं है। बस हम चार ही तो हैंl फिर इतने घने पेड़ चारों ओर होने के कारण हमें वहाँ नहाते हुए कोई कहीं से भी नहीं देख सकता। इसी लिए तो जीतूजी कहते हैं की यहां कई प्यार भरी कहानियों ने जन्म लिया है।"