Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 2.4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
रोहित यह सुन कर ख़ुशी से उछल पड़े और बोले, "बोलो, क्या शर्त है तुम्हारी?"

अपर्णा ने कहा, "मैं यह सब तुम्हारी हाजरी में तुम्हारे सामने नहीं कर सकती। हाँ अगर कुछ होता है तो मैं तुम्हें जरूर बता दूंगी। बस, क्या यह शर्त तुम्हें मंजूर है?"

रोहित ने फ़ौरन अपनी बीबी की चूत में अपना लण्ड पेलते हुए कहा, "मंजूर है, शत प्रतिशत मंजूर है।" और फिर दोनों पति पत्नी कामाग्नि में मस्त एक दूसरे की चुदाई में ऐसे लग पड़े की बड़ी मुश्किल से अपर्णा ने अपनी कराहटों पर काबू रखा।

रोहित अपनी बीबी की अच्छी खासी चुदाई कर के वापस अपनी बर्थ पर रहे थे की बर्थ पर चढ़ते चढ़ते श्रेया ने करवट ली और जाने अनजानेमें उनके पाँव से एक जोरदार किक रोहित के पाँव पर जा लगी। श्रेया शायद गहरी नींद में थीं। रोहित ने घबड़ायी हुई नजर से काफी देर तक वहीं रुक कर देखना चाहा की श्रेया कहीं जाग तो नहीं गयीं? पर श्रेया के बिस्तरपर कोई हलचल नजर नहीं आयी। दुखी मन से रोहित वापस अपनी ऊपर वाली बर्थ पर लौट आये।

सुबह हो रही थी। जम्मू स्टेशन के नजदीक गाडी पहुँचने वाली थी। सब यात्री जाग चुके थे और उतर ने के लिए तैयार हो रहे थे।

जब गौरव जागे और उन्होंने ऊपर की बर्थ पर देखा तो बर्थ खाली थी। अंकिता जा चुकी थी। कप्तान गौरव को समझ नहीं आया की अंकिता कब बर्थ से उतर कर उन्हें बिना बताये क्यों चली गयी। अपर्णा उठकर फ़ौरन गौरव के पास उनका हाल जानने पहुंची और बोली, "कैसे हो आप? उठ कर चल सकते हो की मैं व्हील चेयर मँगवाऊं?" कप्तान गौरव ने उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा की वह चल सकते थे और उन्हें कोई मदद की आवश्यकता नहीं थी। जब उन्होंने इधरउधर देखा तो अपर्णा समझ गयी की गौरव अंकिता को ढूंढ रहे थे। अपर्णा ने गौरव के पास कर उन्हें हलकी आवाज में बताया की अंकिता ब्रिगेडियर साहब के साथ चली गयी थी। उस समय भी यह साफ़ नहीं हुआ की ब्रिगेडियर साहब अंकिता के क्या लगते थे। यह रहस्य बना रहा।

ट्रैनसे निचे उतरने पर सब ने महसूस किया की श्रेया का मूड़ ख़ास अच्छा नहीं था। वह कुछ उखड़ी उखड़ी सी लग रही थीं। जीतूजीने सबको रोक कर बताया की उन्हें वहाँ से करीब चालीस किलोमीटर दूर हिमालय की पहाड़ियों में चम्बल के किनारे एक आर्मी कैंप में जाना है। उन सबको वहाँ से टैक्सी करनी पड़ेगी। जीतूजी ने यह भी कहा की चूँकि वापसी की सवारी मिलना मुश्किल था इस लिए टैक्सी वाले मुंह माँगा किराया वसूल करते थे। 

जीतूजी, श्रेया, अपर्णा और रोहित को बड़ा आनंद भरा आअश्चर्य तब हुआ जब एक व्यक्ति ने आकर सबसे हाथ मिलाये और सबके गले में फुलकी एक एक माला पहना कर कहा, "जम्मू में आपका स्वागत है। मैं आर्मी कैंप के मैनेजमेंट की तरफ से आपका स्वागत करता हूँ।" फिर उसने आग्रह किया की सबकी माला पहने हुए एक फोटो ली जाए। सब ने खड़े होकर फोटो खिंचवाई। रोहित को कुछ अजीब सा लगा की स्टेशन पर हाल ही में उतरे कैंप में जाने वाले और भी कई आर्मी के अफसर थे, पर स्वागत सिर्फ उन चारों का ही हुआ था। फोटो खींचने के बाद फोटो खींचने वाला वह व्यक्ति पता नहीं भिडमें कहाँ गायब हो गया। रोहित ने जब जीतूजी को इसमें बारेमें पूछा तो जीतूजी भी इस बात को लेकर उलझन में थे। उन्होंने बताया की उनको नहीं पता था की आर्मी कैंप वाले उनका इतना भव्य स्वागत करेंगे।

खैर जब जीतूजी ने टैक्सी वालों से कैंप जाने के लिए पूछताछ करनी शुरू की तो पाया की चूँकि काफी लोग कैंप की और जा रहे थे तो टैक्सी वालों ने किराया बढ़ा दिया था। पर शायद उन चारों की किस्मत अच्छी थी। एक टैक्सी वाले ने जब उन चारों को देखा तो भागता हुआ उनके पास आया और पूछा, "क्या आपको आर्मी कैंप साइट पर जाना है?"
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 02:45 PM



Users browsing this thread: 9 Guest(s)