26-12-2019, 02:43 PM
अपनी बीबी के मुंह से यह शब्द सुनकर रोहित का लण्ड खड़ा हो गया। यह शायद पहली बार था जब अपर्णा ने खुल्लमखुल्ला जीतूजी के लण्ड के बारेमें सामने चल कर ऐसी बात छेड़ी थी।
रोहित ने अपना लण्ड अपनी बीबी के हाथ में पकड़ाया और बोले, "जानेमन ऐसी स्थिति में तो मैं यही कहूंगा की जीतूजी सिर्फ मेरे दोस्त ही नहीं, तुम्हारे गुरु भी हैं, उन्होंने भले ही तुम्हारे लिए अपनी जान कुर्बान नहीं की हो, पर उन्होंने तुम्हारे लिए अपनी रातों की नींद हराम कर तुम्हें शिक्षा दी जिसकी वजहसे आज तुम्हें एक शोहरत और इज्जत वाली जॉब के ऑफर्स आ रहे हैं। तो अगर तुमने उनकी थोड़ी गर्मी निकाल भी दी तो कौनसा आसमान टूट पड़ने वाला है?" अपने पति की ऐसी उत्तेजनात्मक बात सुनकर अपर्णा की जाँघों के बिच में से पानी चुना शुरू हो गया। उसकी चूत में हलचल शुरू हो गयी। पहले ही उसकी पेंटी भीगी हुई तो थी ही। वह और गीली हो गयी।
अपने आपको सम्हालते हुए अपर्णा ने कहा, "अच्छा जनाब! क्या ज़माना आ गया है? अब बात यहां तक आ गयी है की एक पति अपनी बीबी को गैर मर्द का लण्ड हिला कर उसका माल निकालने के लिए प्रेरित कर रहा है?" फिर अपना सर पर हाथ मारते हुए नाटक वाले अंदाज में अपर्णा बोली, "पता नहीं आगे चलकर इस कलियुग में क्या क्या होगा?"
रोहित ने अपनी बीबी अपर्णा का हाथ पकड़ कर कहा, "जानेमन,जो होगा अच्छाही होगा।" अपर्णा की चूत में उंगली डाल कर रोहित ने कहा, "देखो, मैं महसूस कर रहा हूँ की तुम्हारी चूत तो तुम्हारे पानी से पूरी लथपथ भरी हुई है। जीतूजी की बात सुनकर तुम भी तो बड़ी उत्तेजित हो रही हो! भाई, कहीं तुम्हारी चूत में तो मचलन नहीं हो रही?"
अपर्णा ने हँस कर कहा, "डार्लिंग! तुम मेरी चूत में उंगलियां डाल कर मुझे उकसा रहे हो और नाम ले रहे हो बेचारे जीतूजी का! चलो अब देर मत करो। मेरी चूत में वाकई में बड़ी मचलन हो रही है। अपना लण्ड डालो और जल्दी करो। कहीं कोई जाग गया तो और नयी मुसीबत खड़ी हो जायेगी।"
मौक़ा पाकर रोहित ने सोचा फायदा उठाया जाये। वह बोले, "पर जानेमन यह तो बताओ, की अगर मौक़ा मिला तो जीतूजी का लण्ड तो सेहला ही दोगी ना?"
अपर्णा ने हँसते हुए कहा, "अरे छोडो ना जीतूजी को। अपनी बात सोचो!"
रोहित को लगा की उसकी बात बनने वाली है, तो उसने और जोर देते हुए कहा, "नहीं डार्लिंग! आज तो तुम्हें बताना ही पडेगा की क्या तुम मौक़ा मिलने पर जीतूजी का लण्ड तो हिला दोगी न?"
अपर्णा ने गुस्से का नाटक करते हुए कहा, "मेरा पति भी कमाल का है! यहां उसकी बीबी नंगी हो कर अपने पति को उसका लण्ड अपनी चूत में डालने को कह रही है, और पति है की अपने दोस्त के लण्ड के बारे में कहे जा रहा है! पहले ऐसा कोई मौक़ा तो आनेदो? फिर सोचूंगी। अभी तो मारे उत्तेजना के मैं पागल हो रही हूँ। अपना लण्ड जल्दी डालो ना?"
रोहित ने जिद करते हुए कहा, "नहीं अभी बताओ। फिर मैं फ़ौरन डाल दूंगा।"
अपर्णा ने नकली नाराजगी और असहायता दिखाते हुए कहा, "मैं क्या करूँ? मेरा पति हाथ धोकर मुझे मनवाने के लिए मेरे पीछे जो पड़ा है? यहां मैं मेरे पति के लण्ड से चुदवाने के लिए पागल हो रही हूँ और मेरा पति है की अपने दोस्त की पैरवी कर रहा है! ठीक है भाई। मौक़ा मिलने पर मैं जीतूजी का लण्ड मसाज कर दूंगी, हिला दूंगी और उनका माल भी निकाल दूंगी, बस? पर मेरी भी एक शर्त है।"
रोहित ने अपना लण्ड अपनी बीबी के हाथ में पकड़ाया और बोले, "जानेमन ऐसी स्थिति में तो मैं यही कहूंगा की जीतूजी सिर्फ मेरे दोस्त ही नहीं, तुम्हारे गुरु भी हैं, उन्होंने भले ही तुम्हारे लिए अपनी जान कुर्बान नहीं की हो, पर उन्होंने तुम्हारे लिए अपनी रातों की नींद हराम कर तुम्हें शिक्षा दी जिसकी वजहसे आज तुम्हें एक शोहरत और इज्जत वाली जॉब के ऑफर्स आ रहे हैं। तो अगर तुमने उनकी थोड़ी गर्मी निकाल भी दी तो कौनसा आसमान टूट पड़ने वाला है?" अपने पति की ऐसी उत्तेजनात्मक बात सुनकर अपर्णा की जाँघों के बिच में से पानी चुना शुरू हो गया। उसकी चूत में हलचल शुरू हो गयी। पहले ही उसकी पेंटी भीगी हुई तो थी ही। वह और गीली हो गयी।
अपने आपको सम्हालते हुए अपर्णा ने कहा, "अच्छा जनाब! क्या ज़माना आ गया है? अब बात यहां तक आ गयी है की एक पति अपनी बीबी को गैर मर्द का लण्ड हिला कर उसका माल निकालने के लिए प्रेरित कर रहा है?" फिर अपना सर पर हाथ मारते हुए नाटक वाले अंदाज में अपर्णा बोली, "पता नहीं आगे चलकर इस कलियुग में क्या क्या होगा?"
रोहित ने अपनी बीबी अपर्णा का हाथ पकड़ कर कहा, "जानेमन,जो होगा अच्छाही होगा।" अपर्णा की चूत में उंगली डाल कर रोहित ने कहा, "देखो, मैं महसूस कर रहा हूँ की तुम्हारी चूत तो तुम्हारे पानी से पूरी लथपथ भरी हुई है। जीतूजी की बात सुनकर तुम भी तो बड़ी उत्तेजित हो रही हो! भाई, कहीं तुम्हारी चूत में तो मचलन नहीं हो रही?"
अपर्णा ने हँस कर कहा, "डार्लिंग! तुम मेरी चूत में उंगलियां डाल कर मुझे उकसा रहे हो और नाम ले रहे हो बेचारे जीतूजी का! चलो अब देर मत करो। मेरी चूत में वाकई में बड़ी मचलन हो रही है। अपना लण्ड डालो और जल्दी करो। कहीं कोई जाग गया तो और नयी मुसीबत खड़ी हो जायेगी।"
मौक़ा पाकर रोहित ने सोचा फायदा उठाया जाये। वह बोले, "पर जानेमन यह तो बताओ, की अगर मौक़ा मिला तो जीतूजी का लण्ड तो सेहला ही दोगी ना?"
अपर्णा ने हँसते हुए कहा, "अरे छोडो ना जीतूजी को। अपनी बात सोचो!"
रोहित को लगा की उसकी बात बनने वाली है, तो उसने और जोर देते हुए कहा, "नहीं डार्लिंग! आज तो तुम्हें बताना ही पडेगा की क्या तुम मौक़ा मिलने पर जीतूजी का लण्ड तो हिला दोगी न?"
अपर्णा ने गुस्से का नाटक करते हुए कहा, "मेरा पति भी कमाल का है! यहां उसकी बीबी नंगी हो कर अपने पति को उसका लण्ड अपनी चूत में डालने को कह रही है, और पति है की अपने दोस्त के लण्ड के बारे में कहे जा रहा है! पहले ऐसा कोई मौक़ा तो आनेदो? फिर सोचूंगी। अभी तो मारे उत्तेजना के मैं पागल हो रही हूँ। अपना लण्ड जल्दी डालो ना?"
रोहित ने जिद करते हुए कहा, "नहीं अभी बताओ। फिर मैं फ़ौरन डाल दूंगा।"
अपर्णा ने नकली नाराजगी और असहायता दिखाते हुए कहा, "मैं क्या करूँ? मेरा पति हाथ धोकर मुझे मनवाने के लिए मेरे पीछे जो पड़ा है? यहां मैं मेरे पति के लण्ड से चुदवाने के लिए पागल हो रही हूँ और मेरा पति है की अपने दोस्त की पैरवी कर रहा है! ठीक है भाई। मौक़ा मिलने पर मैं जीतूजी का लण्ड मसाज कर दूंगी, हिला दूंगी और उनका माल भी निकाल दूंगी, बस? पर मेरी भी एक शर्त है।"