26-12-2019, 02:40 PM
रोहित की आँखों में नींद ओझल थी। वह बड़ी उलझन में थे। उन्होंने अपनी पत्नी अपर्णा को तो कह दिया था की वह रात में उसके साथ सोने के लिए (मतलब बीबी को चोदने के लिए) आएंगे, पर जब वास्तविकता से सामना हुआ तो उनकी हवाही निकल गयी। निचे के बर्थ पर श्रेया सोई थीं। पत्नीके पास चले गए और अगर श्रेया जी ने देख लिया तो फिर तो उनकी नौबत ही आ जायेगी। हालांकि अपर्णा तो रोहित की बीबी थीं, पर आखिर माशूका भी तो बीबियों से जलती है ना? वह तो उन्हें खरी खोटी सुनाएंगे ही। कहेंगी, "अरे भाई अगर बीबी के साथ ही सोना था तो घर में ही सो लेते! रोज तो घर में बीबी के साथ सोते हुए पेट नहीं भरा क्या? चलती ट्रैन में उसके साथ सोने की जरुरत क्या थी? हाँ अगर माशूका के साथ सोने की बात होती तो समझ में आता है। जल्द बाजी में कभी कबार ऐसा करना पड़ता है। पर बीबी के साथ?" बगैरा बगैरा। जीतू जी ने देख लिया तो वह भी टिका टिपण्णी कर सकते थे। वह तो कुछ ख़ास नहीं कहेंगे पर यह जरूर कहेंगे की "यार किसी और की बीबी के साथ सोते तब तो समझते। तुमतो अपनी बीबी को ट्रैन में भी नहीं छोड़ते। भाई शादी के इतने सालों के बाद इतनी आशिकी ठीक नहीं।" खैर, रोहित डरते कांपते अपनी बर्थ से निचे उतर कर अपनी पत्नी की बर्थ के पास पहुंचे। उन्हें यह सावधानी रखनी थी की उन्हें कोई देख ना ले। यह देख कर उन्हें अच्छा लगा की कहीं कोई हलचल नहीं थी। श्रेया और जीतूजी गहरी नींद में लग रहे थे। उनकी साँसों की नियत आवाज उन्हें सुनाई दे रही थी।
रोहित को यह शांति जरूर थी कि यदि कभी किसी ने उन्हें देख भी लिया तो आखिर वह क्या कह सकते थे? आखिर वह सो तो अपनी बीबी के साथे ही रहे थे न? जब रोहित अपनी बीबी अपर्णा के कम्बल में घुसे तब अपर्णा गहरी नींद में सो रही थी। रोहित उम्मीद कर रहे थे की अपर्णा जाग रही होगी। पर वह तो खर्रांटे मार रही थी। लगता था वह काफी थकी हुई थी। थकना तो था ही! अपर्णा ने जीतूजी के साथ करीब एक घंटे तक प्रेम क्रीड़ा जो की थी! रोहित को कहाँ पता था की उनकी बीबी जीतूजी से कुछ एक घंटे पहले चुदवाना छोड़ कर बाकी सब कुछ कर चुकी थी? रोहित उम्मीद कर रहे थे की उनकी पत्नी अपर्णा उनके आने का इंतजार कर रही होगी। उन्होंने कम्बल में घुसते ही अपर्णा को अपनी बाहों में लिया और उसे चुम्बन करने लगे।
अपर्णा गहरी नींद में ही बड़बड़ायी, "छोडो ना जीतूजी, आप फिर आ गए? अब काफी हो गया। इतना प्यार करने पर भी पेट नहीं भरा क्या?" यह सुनकर रोहित को बड़ा झटका लगा। अरे! वह यहां अपनी बीबी से प्यार करने आये थे और उनकी बीबी थी की जीतूजी के सपने देख रही थी? रोहित के पॉंव से जमीन जैसे खिसक गयी। हालांकि वह खुद अपनी बीबी अपर्णा को जीतूजी के पास जाने के लिए प्रोत्साहित कर तो रहे थे पर जब उन्होंने अपनी बीबी अपर्णा के मुंह से जीतूजी का नाम सूना तो उनकी सिट्टीपिट्टी गुम हो गयी। उनके अहंकार पर जैसे कुठाराघात हुआ। पुरुष भले ही अपनी बीबी को दूसरे कोई मर्द के से सेक्स करने के लिए उकसाये, पर जब वास्तव में दुसरा मर्द उसकी बीबी को उसके सामने या पीछे चोदता है और उसे उसका पता चलता है तो उसे कुछ इर्षा, जलन या फिर उसके अहम को थोड़ी ही सही पर हलकी सी चोट तो जरूर पहुँचती है। यह बात रोहित ने पहली बार महसूस की। तब तक तो वह यह मानते थे की वह ऐसे पति थे की जो अपनी पत्नी से इतना प्यार करते थे की यदि वह किसी और मर्द से चुदवाये तो उनको रत्ती भरभी आपत्ति नहीं होगी। पर उस रात उनको कुछ तो महसूस जरूर हुआ।
रोहित ने अपनी बीबी को झकझोरते हुए कहा, "जानेमन, मैं तुम्हारा पति रोहित हूँ। जीतूजी तो ऊपर सो रहे हैं। कहीं तुम जीतूजी से चुदवाने के सपने तो नहीं देख रही थी?"
रोहित को यह शांति जरूर थी कि यदि कभी किसी ने उन्हें देख भी लिया तो आखिर वह क्या कह सकते थे? आखिर वह सो तो अपनी बीबी के साथे ही रहे थे न? जब रोहित अपनी बीबी अपर्णा के कम्बल में घुसे तब अपर्णा गहरी नींद में सो रही थी। रोहित उम्मीद कर रहे थे की अपर्णा जाग रही होगी। पर वह तो खर्रांटे मार रही थी। लगता था वह काफी थकी हुई थी। थकना तो था ही! अपर्णा ने जीतूजी के साथ करीब एक घंटे तक प्रेम क्रीड़ा जो की थी! रोहित को कहाँ पता था की उनकी बीबी जीतूजी से कुछ एक घंटे पहले चुदवाना छोड़ कर बाकी सब कुछ कर चुकी थी? रोहित उम्मीद कर रहे थे की उनकी पत्नी अपर्णा उनके आने का इंतजार कर रही होगी। उन्होंने कम्बल में घुसते ही अपर्णा को अपनी बाहों में लिया और उसे चुम्बन करने लगे।
अपर्णा गहरी नींद में ही बड़बड़ायी, "छोडो ना जीतूजी, आप फिर आ गए? अब काफी हो गया। इतना प्यार करने पर भी पेट नहीं भरा क्या?" यह सुनकर रोहित को बड़ा झटका लगा। अरे! वह यहां अपनी बीबी से प्यार करने आये थे और उनकी बीबी थी की जीतूजी के सपने देख रही थी? रोहित के पॉंव से जमीन जैसे खिसक गयी। हालांकि वह खुद अपनी बीबी अपर्णा को जीतूजी के पास जाने के लिए प्रोत्साहित कर तो रहे थे पर जब उन्होंने अपनी बीबी अपर्णा के मुंह से जीतूजी का नाम सूना तो उनकी सिट्टीपिट्टी गुम हो गयी। उनके अहंकार पर जैसे कुठाराघात हुआ। पुरुष भले ही अपनी बीबी को दूसरे कोई मर्द के से सेक्स करने के लिए उकसाये, पर जब वास्तव में दुसरा मर्द उसकी बीबी को उसके सामने या पीछे चोदता है और उसे उसका पता चलता है तो उसे कुछ इर्षा, जलन या फिर उसके अहम को थोड़ी ही सही पर हलकी सी चोट तो जरूर पहुँचती है। यह बात रोहित ने पहली बार महसूस की। तब तक तो वह यह मानते थे की वह ऐसे पति थे की जो अपनी पत्नी से इतना प्यार करते थे की यदि वह किसी और मर्द से चुदवाये तो उनको रत्ती भरभी आपत्ति नहीं होगी। पर उस रात उनको कुछ तो महसूस जरूर हुआ।
रोहित ने अपनी बीबी को झकझोरते हुए कहा, "जानेमन, मैं तुम्हारा पति रोहित हूँ। जीतूजी तो ऊपर सो रहे हैं। कहीं तुम जीतूजी से चुदवाने के सपने तो नहीं देख रही थी?"