Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 2.4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
गौरव अंकिता की बात सुनकर बड़े ही अचम्भे में पड़ गए। आखिर ऐसी कौनसी रहस्य वाली बात थी, जो अंकिता उन्हें नहीं कहना चाहती थी? पर गौरव जानते थे की जिससे प्यार करते हैं उस पर विश्वास रखना और उनकी बात का सम्मान करना जरुरी है। गौरव ने और कुछ सोचना बंद किया और वह अंकिता के चारों और फैले हुए बालों में खो गए।

ट्रैन तेजी से दिशा को चीरती हुई भाग रही थी। उसकी हलचल से गौरव और अंकिता के बदन ऐसे हिल रहे थे वह दोनों चुदाई में लगे हों। अंकिता का हाथ बरबस ही उन दोनों के शरीर के बिच में घुस कर गौरव की जाँघों के बिच में गौरव के खड़े हुए लण्ड के पास जा पहुंचा। वह गौरव के लण्ड को अपनी उँगलियों में महसूस करना चाहती थी। गौरव का लण्ड अंकिता की उठी हुई जाँघों के बिच था और इतना लम्बा था की बिच में थोड़ा अंतर होते हुए भी वह अंकिता की चूत में ठोकर मार रहा था। अंकिता के हाथ लण्ड के ऊपर महसूस करते ही गौरव की बोलती बंद हो गयी। अंकिता ने गौरव के लण्ड के इर्दगिर्द अपनी उँगलियों की गोलाई बनाकर उसमें उसको मुठी में पकड़ना चाहा। कपडे के दूसरी और भी गौरव का लण्ड अंकिता की मुठी में तो ना समा सका पर फिर भी अंकिता ने गौरव के लण्ड को गौरव के पयजामे के ऊपर से ही सहलाना शुरू किया। गौरवने मारे उत्तेजना के अंकिता के सर को फिर से अपने हाथों में पकड़ कर उसे अपने मुंह से चिपका कर अंकिता को गाढ़ चुम्बन करने लगा। गौरव का लण्ड अपने पूर्व रस का स्राव कर रहा था। पहले से ही उसका लण्ड उसके पूर्व रस की चिकनाहट से लथपथ था। अंकिता के पकड़ने से जैसे उसके लण्ड में बिजली का कर्रेंट दौड़ ने लगा। गौरव के लण्ड की सारी नसें उसके वीर्य के दबाव से फूल गयी। गौरव ने अपने दोनों हाथ अंकिता के सर से हटाए और अंकिता की चोली पर रख कर चोली के ऊपर से ही उसके स्तनोँ को गौरव दबाने लगे। गौरव और अंकिता अपने प्यार की उच्चतम ऊंचाइयों को छूना चाहते थे। अंकिता गौरव के लण्डको हल्के हल्केसे सहलाने लगी। गौरव के लण्ड से निकली चिकनाहट गौरव के पयजामे को भी गिला और चिकना कर अंकिता की उँगलियों में चिपक रही थी। अंकिता इसे महसूस कर मन ही मन मुस्कुरायी। गौरव की उत्तेजना वह समझ रही थी। वह जानती थी गौरव उन्हें चोदना चाहते थे और वह खुद भी उनसे चुदना चाहती थी। पर चुदाई के पहले थोड़ी छेड़छाड़ का खेल तो खेलना बनता है ना?

गौरव ने अंकिता के ब्लाउज के ऊपर से अपनी उँगलियाँ घुसा कर अंकिता के उन्मत्त दो फलों को अपन उंगलयों में पकड़ना चाहा। पर अंकिता के स्तनोँ का भराव इतना था की अंकिता की चोली और ब्रा इतनी टाइट थी की उसमें में हाथ डाल कर उनको छूना उस हाल में कठिन था। गौरव ने जल्दी में ही अंकिता की पीठ पर से अंकिता के ब्लाउज के बटन खोल दिए। बटन खुल जाने पर गौरव ने ब्रा के हुक भी खोल दिए। अंकिता के स्तन अब पूर्णतयाः आजाद थे। गौरव ने अंकिता को अपने ऊपर ही बैठ जाने के लिए बाध्य किया और अंकिता के अल्लड़ स्तन जो पूरी आजादी मिलते हुए भी और इतने मोटे होने के बावजूद भी अकड़े हुए बिना झूले खड़े थे उनको दोनों हाथों में पकड़ कर उन्हें दबाने और मसलने लगे।
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 02:36 PM



Users browsing this thread: 14 Guest(s)