26-12-2019, 01:59 PM
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हमें अब तक की कहानी से दो सिख मिलती है।
पहली यह की हम ने देखा की कामवासना की ज्वाला मैं कैसे कैसे नामी और अच्छे ओहदे पर बैठे साहबान भी झुलस सकते हैं। कई बार उन्हें सही या गलत का ख्याल नहीं रहता।
ट्रैनमें जीतू जी को उकसाने में कुछ हद तक अपर्णा का हाथ जरूर था, पर अगर किसी ने यह देख लिया होता और सबके सामने जाहिर कर दिया होता की जीतूजी जैसे बड़े ही सम्मानित और जाने माने देश भक्त आर्मी के अफसर किसी और की बीबी के बिस्तर में जा कर उसके साथ भद्दी हालात में पाए गए, तो उनकी क्या इज्जत रह जाती?
चाहे बड़ा ही गणमान्य हो या हमारे जैसा आम व्यक्ति हो, अगर उस की जाँघों के बिच का लण्ड या चूत सक्रीय है तो वह कोई भी खूबसूरत सेक्सी स्त्री या पुरुष की और आकर्षित होना स्वाभाविक है। यह कुदरत का नियम है। उसमें भी यदि उन्हें कोई ऐसी स्त्री या पुरुष मिल जाए जो उनकी काम क्रीड़ामें साथ देनेमें इंटरेस्टेड हो तो कुछ ना कुछ कहानी बन ही जाती है।
पर यहां यह ख़ास तौर से गणमान्य व्यक्तियों को चाहिए की ऐसी कोई पारस्परिक सहमति से स्त्रीपुरुष की काम क्रीड़ा हो तो भी लोगों की नजरों से दूर बंद दरवाजे में हो वही बेहतर है। टिका टिपण्णी अथवा बदनामी करने वालों की कोई कमी नहीं है।
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दूसरी बात यहकी सबसे पहलेतो यह समझलें की कभी भी कोईभी महिलासे उनकी शत प्रतिशत मर्जी के बिना जबरदस्ती करना गलत एवं गैर कानूनी दंडनीय अपराध होने के उपरांत बड़ा ही खतरनाक और महंगा साबित हो सकता है। अगर सहमति से भी मैथुन होता है तो यह ध्यान रखना चाहिए की कहीं आप पर यह दाव उलटा ना पड़ जाए। इस लिए जिस किसी भी महिला से आप शारीरिक सम्बन्ध जोड़ते हों तो उसकी सम्पूर्ण सहमति होनी जरुरी है। धन, नौकरी, प्रमोशन इत्यादि लालच देकर किसी महिला को फांसने की कोशिश करना भी जुर्म है। हालांकि इस कहानी मैं कोई जबरदस्ती की बात नहीं है, पर अगर किसी महिला को कोई आला अफसर, नेता, बिज़नेस मेन या फिर कोई धार्मिक ओहदे पर बैठे हुए व्यक्ति अपने ओहदे या आर्थिक ताकत का गलत इस्तमाल कर यौन क्रिया के लिए उसके मना करने पर भी परेशान करे तो उस महिला को चुप नहीं रहना चाहिए और ऐसे लोगों का भंडा-फोड़ करना चाहिए।
आजकल हमारी न्यायिक और सरकारी महकमे इस मामले में काफी सजग है और बड़े बड़े रसूखदार व्यक्तियों को भी जेल जाना पड़ रहा है।
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