Thread Rating:
  • 5 Vote(s) - 2.4 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
अपर्णा की बात अंकिता के जहन में बन्दुक की गोली के तरह घुस गयी। एक तो उसका तन और मन भी ऐसी मर्दानगी देख कर मचल ही रहा था उस पर अपर्णा की सटीक बात अंकिता के दिल को छू गयी। खाने के बाद अंकिता फिर से गौरव के पाँव से सट कर बैठ गयी। फिर से सारे परदे बंद हुए। क्यों की गौरव को तब भी काफी दर्द था, इस कारण अंकिता ने मन ना मानते हुए भी गौरव को प्यार से उसकी साइड की निचली बर्थ पर लिटा कर उसे कंबल ओढ़ा कर खुद जैसे ही अपनी ऊपर वाली बर्थ पर जाने लगी थी की उसने महसूस किया की कप्तान गौरव ने उसकी बाँह पकड़ी।

अंकिता ने मूड के देखा तो गौरव का चेहरा कम्बल से ढका हुआ था और शायद वह सो रहे थे पर फिर भी वह अंकिता को दूर नहीं जाने देना चाहते थे। अंकिता के चेहरे पर बरबस एक मुस्कान गयी। अंकिता गौरव का हाथ ना छुड़ाते हुए वहीं खड़ी रही। गौरव ने अंकिता का हाथ पकडे रखा। फिर अंकिता धीरे से हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर फिर भी गौरव ने हाथ नहीं छोड़ा और अंकिता का हाथ पकड़ अपना चेहरा ढके हुए रखते अंकिता को अपने पास बैठने का इशारा किया। अंकिता गौरव के सर के पास गयी और धीरे से बोली, "क्या बात है? कुछ चाहिए क्या?"

परदे को उठा कर अपना मुंह अंकिता के मुंह के पास लाकर बोले, "अंकिता, क्या अब भी तुम मुझसे रूठी हुई हो? मुझे माफ़ नहीं करोगी क्या?"

अंकिता ने अपने हाथ गौरव के मुंह पर रख दिए और बोली, "क्या बात कर रहें हैं आप? भला मैं आपसे कैसे नाराज हो सकती हूँ?"

गौरव ने कहा, "फिर उठ कर ऊपर क्यों जाने लग़ी? नींद रही है क्या?"

अंकिता ने गौरव की बात काटते हुए कहा, "मुझे कोई नींद नहीं रही। भला इतना बड़ा हादसा होने के बाद कोई सो सकता है? जो हुआ यह सोचते ही मेरा दिल धमनी की तरह धड़क रहा है। पता नहीं मैं कैसे बच गयी। मेरी जान तुम्हारी वजह से ही बची है गौरव!"

गौरव ने फट से अपने हाथ अंकिता की छाती पर रखने की कोशिश करते हुए कहा, "मैंने तुम्हें कहाँ बचाया? बचाने वाला सबका एक ही है। उसने तुम्हें और मुझे दोनों को बचाया। यह सब फ़ालतू की बातें छोडो। तुमने क्या कहा की तुम्हारा दिल तेजी से धड़क रहा है? ज़रा देखूं तो वह कितनी तेजी से धड़क रहा है?"

अंकिता ने इधर उधर देखा। कहीं कोई उन दोनों की प्यार की लीला देख तो नहीं रहा? फिर सोचा, "क्या पता कोई अपना मुंह परदे में ही छिपाकर उनको देख ना रहा हो?"

अंकिता ने एक हाथ से गौरव की नाक पकड़ कर उसे प्यार से हिलाते हुए और दूसरे हाथ से धीरे से प्यार से गौरव का हाथ जो अंकिता के स्तनोँ को छूने जा रहा था उसको अपने टॉप के ऊपर से हटाते हुए कहा, "जनाब को इतनी सारी चोटें आयी हैं, पर फिर भी रोमियोगिरी करने से बाज नहीं आते? अगर मैं आपके पास बैठी ना, तो सो चुके आप! मैं चाहती हूँ की आप आराम करो और एकदम फुर्ती से वापस वैसे ही हो जाओ जैसे पहले थे। मैं चाहती हूँ की कल सुबह तक ही आप दौड़ते फिरते हो जाओ। फिर अगले पुरे सात दिन हमारे हैं। अब सो जाओ ना प्लीज? तुम्हें आराम की सख्त जरुरत है।
"
[+] 1 user Likes usaiha2's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 01:30 PM



Users browsing this thread: 12 Guest(s)