29-01-2019, 06:27 PM
पिंक
खाना और पहनना दोनों ही बहुत इम्पार्टेंट है।
मैं कभी भूल नहीं सकती,शादी के बाद उनकी पहली बर्थडे ,...मैं उनके लिए एक बढ़िया सी इम्पोर्टेड ब्रांड की शर्ट लायी थी ,बस उसमें कुछ पिंक डॉट्स थी ,
मैंने उन्हें पहनाने की कोशिश की तो बस ऐसे देखा की , कुछ गुस्से से कुछ उदासी कुछ इंडिफ्रेन्स से , नहीं पहनी तो नहीं पहनी और फिर न जाने उसे कहाँ,...
जले पर नमक छिड़का अगले दिन मेरी सौतन कम उनकी उस ममेरी बहन ने , दोपहर में आई और आते ही डायलॉग मारा ,
" भाभी आपको भइया की पसंद नहीं मालूम थीं तो मुझसे पूछ लेती न। पिंक कलर तो लड़कियों का रंग है , मर्दो का थोड़ी है। और आप उन के लिए पिंक कलर की ,... "
जल के मैं राख हो गयी। रात भर नींद नहीं आई .
और अब तो हफ्ते में दो दिन , ख़ास तौर से कई बार क्लब में , प्योर सिल्क की पिंक शर्ट,
धीरे धीरे उनकी वार्डरोब पूरी बदल गयी, घर में भी वो शर्ट पैंट या बहुत हुआ तो रात में सोते समय खादी भण्डार टाइप कुरता पाजामा और आप बिलीव करेंगे
उसके अंदर पटरे वाली जांघिया
( लॉजिक था कौन देखता है ,लेकिन मैं तो देखती थी न सब मूड खराब हो जाता था )
उन सब का हफ्ते भर के अंदर मैंने पोंछा और डस्टर बना लिया।
घर में बॉक्सर शार्ट या बरमूडा,
और उसी के साथ साथ मेरी ड्रेसेज भी चेंज हो गईं।
शादी के बाद जो शलवार सूट मैंने बक्से में बंद कर दिए थे वो सब बाहर निकल आये , यहां तक की टॉप्स भी।
और साडी के साथ ब्लाउज
( मेरी जेठानी ने और उस छिपकली ने मेरे सारे बॉक्सेज चेक किये थे , इतना घुट रही थी मैं की कोई प्राइवेसी ही नहीं है लेकिन नए घर में नयी दुल्हन की मज़बूरी,.. और आधे से ज्यादा ब्लाउज को उम्र कैद सुना दी ,
ये ,.. इसका गला कितना लो कट है , भाभी आपने कैसे इसकी फिटिंग दी होगी ,देखा की नहीं , एकदम सब कुछ दिखता है इसमें , इसे पहन के शहर में कैसे निकलेंगी , हम लोगों के घर की ,...
छिपकली ने फैसला सुना दिया।
जेठानी जी को बैकलेस ब्लाउज से एतराज था ,
इतनी प्यारी कच्ची कढ़ाई थी उन पे लेकिन , ... मैंने और मम्मी ने मिल डिजाइन सेलेक्ट की थी ,
एक मेरी फ्रेंड फैशन डिजानिंग हाउस में काम करती थी ,उससे कहके , ... छिपकली को टाइट होने से भी ऐतराज था ).
उनके पास अपील में जाने से कोई फायदा नहीं था।
वो बिना बात सुने बोल देते , जैसा भाभी कहें
और वो ब्लाउज अब , बस मैं अब वहीं पहनती थी हर फ़ंकशन में और टाइट तो अब मेरे उभारो पर और ज्यादा हो गए थे।
खाना और पहनना दोनों ही बहुत इम्पार्टेंट है।
मैं कभी भूल नहीं सकती,शादी के बाद उनकी पहली बर्थडे ,...मैं उनके लिए एक बढ़िया सी इम्पोर्टेड ब्रांड की शर्ट लायी थी ,बस उसमें कुछ पिंक डॉट्स थी ,
मैंने उन्हें पहनाने की कोशिश की तो बस ऐसे देखा की , कुछ गुस्से से कुछ उदासी कुछ इंडिफ्रेन्स से , नहीं पहनी तो नहीं पहनी और फिर न जाने उसे कहाँ,...
जले पर नमक छिड़का अगले दिन मेरी सौतन कम उनकी उस ममेरी बहन ने , दोपहर में आई और आते ही डायलॉग मारा ,
" भाभी आपको भइया की पसंद नहीं मालूम थीं तो मुझसे पूछ लेती न। पिंक कलर तो लड़कियों का रंग है , मर्दो का थोड़ी है। और आप उन के लिए पिंक कलर की ,... "
जल के मैं राख हो गयी। रात भर नींद नहीं आई .
और अब तो हफ्ते में दो दिन , ख़ास तौर से कई बार क्लब में , प्योर सिल्क की पिंक शर्ट,
धीरे धीरे उनकी वार्डरोब पूरी बदल गयी, घर में भी वो शर्ट पैंट या बहुत हुआ तो रात में सोते समय खादी भण्डार टाइप कुरता पाजामा और आप बिलीव करेंगे
उसके अंदर पटरे वाली जांघिया
( लॉजिक था कौन देखता है ,लेकिन मैं तो देखती थी न सब मूड खराब हो जाता था )
उन सब का हफ्ते भर के अंदर मैंने पोंछा और डस्टर बना लिया।
घर में बॉक्सर शार्ट या बरमूडा,
और उसी के साथ साथ मेरी ड्रेसेज भी चेंज हो गईं।
शादी के बाद जो शलवार सूट मैंने बक्से में बंद कर दिए थे वो सब बाहर निकल आये , यहां तक की टॉप्स भी।
और साडी के साथ ब्लाउज
( मेरी जेठानी ने और उस छिपकली ने मेरे सारे बॉक्सेज चेक किये थे , इतना घुट रही थी मैं की कोई प्राइवेसी ही नहीं है लेकिन नए घर में नयी दुल्हन की मज़बूरी,.. और आधे से ज्यादा ब्लाउज को उम्र कैद सुना दी ,
ये ,.. इसका गला कितना लो कट है , भाभी आपने कैसे इसकी फिटिंग दी होगी ,देखा की नहीं , एकदम सब कुछ दिखता है इसमें , इसे पहन के शहर में कैसे निकलेंगी , हम लोगों के घर की ,...
छिपकली ने फैसला सुना दिया।
जेठानी जी को बैकलेस ब्लाउज से एतराज था ,
इतनी प्यारी कच्ची कढ़ाई थी उन पे लेकिन , ... मैंने और मम्मी ने मिल डिजाइन सेलेक्ट की थी ,
एक मेरी फ्रेंड फैशन डिजानिंग हाउस में काम करती थी ,उससे कहके , ... छिपकली को टाइट होने से भी ऐतराज था ).
उनके पास अपील में जाने से कोई फायदा नहीं था।
वो बिना बात सुने बोल देते , जैसा भाभी कहें
और वो ब्लाउज अब , बस मैं अब वहीं पहनती थी हर फ़ंकशन में और टाइट तो अब मेरे उभारो पर और ज्यादा हो गए थे।