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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
#92
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सुबह होते ही सब नहा धो कर फ्रेश होकर ट्रैन में ले जाने के लिए नाश्ता बगैरह बची खुची तैयारी होते ही सब कपडे पहन कर तैयार होने लगे। अपर्णा ने अपने पति के आग्रह पर परम्पराओं को तोड़ कर कैप्री (लम्बी सी शोर्ट या हाफ पेण्ट) पहनी थी। ऊपर से खुला टॉप पहना था। टॉप गले के ऊपर से काफी खुला हुआ था पर स्तनों के बिलकुल निचे तना हुआ बंधा था। बालों को एक क्लिप से बाँध कर बाकी खुला छोड़ रखा था। शॉर्ट पहनने के कारण अपर्णा की सुआकार करारी जाँघें कामुक और ललचाने वाला नज़ारा पेश कर रही थी। अपर्णा ने पहनी हुई कैप्री (देसी भाषा में कहें तो चड्डी) निचे से काफी खुली थी, पर घुटने से थोड़ी ही ऊपर तक थी। रोहित ने पिछली शाम अपर्णा के लिए एक वेणी खरीदी थी उसे अपर्णा ने बालों में लटका रखा था। होँठों की कुदरती लालिमा को हलकी सी लिपस्टिक से उनका रसीलापन दिख रहा था। अपर्णा के गाल वैसे ही काफी लालिमा भरे थे। उन्हें और लालिमा आवश्यकता नहीं थी। तैयार हो कर जब अपर्णा कमरे से बाहर आयी और दोनों टाँगें मिलाकर थोड़ा टेढ़ी होकर अपनी पतली कमर और उभरे हुए कूल्हों को उकसाने वाली सेक्सी मुद्रा में खड़ी हो कर जब उसने अपने पति को पूछा, "मैं कैसी लग रही हूँ?"

रोहित ने अपनी बीबी को अपनी बाहों में लेकर, उसके ब्लाउज में से बाहर उभरे हुए स्तनों पर अपना हाथ रख कर, उन्हें ब्लाउज के ऊपर से ही सहलाते हुए अपर्णा के होँठों पर हलकासा चुम्बन करते हुए कहा, "पूरी तरह से खाने लायक। तुम्हें देख कर मुझे तुम्हें खाने को मन करता है।" अपर्णा ने अपने पति को हल्का सा धक्का मारते हुए टेढ़ी नजर कर कहा, "शर्म करो। कल रात तो तुम मुझे पूरा का पूरा निगल गए थे। पेट नहीं भरा था क्या?" रोहित ने भी उसी लहजे में जवाब दिया, "वह तो डिनर था। मैं तो नाश्ते की बात कर रहा हूँ।" अपर्णा ने अपने पति के होँठों से होँठ चिपकाकर उन्हें एक गहरा चुम्बन किया। फिर कुछ देर बाद हट कर नटखट अदा करती हुई बोली, "नाश्ते में आज यही मिलेगा। इससे ही काम चलाना पडेगा। दुपहर में लंच तो नहीं दे पाउंगी, पर रात को फिर डिनर करने की इच्छा हो तो कुछ जुगाड़ करना पड़ेगा। चलती ट्रैन में कम्पार्टमेंट में तुम्हें खिलाना थोड़ा मुश्किल है। पर जनाब पहले यह तो देखोकी कहीं जे जे (जीतूजी और श्रेया) घर से बाहर निकले या नहीं?"

अपर्णा ने खिड़की में से झांका तो देखा की जीतूजी और श्रेया अपना सामान उठा कर निचे उतर ही रहे थे। निचे टैक्सी खड़ी थी। सुबह के पांच बजे होंगे। भोर की हलकी लालिमा छायी हुई थी। हवा में थोड़ीसी ठण्डकी खुशनुमा झलक थी। रोहित ने जब श्रेया जी को देखा तो देखते ही रह गए। श्रेया ने फूलों की डिज़ाइन वाला टॉप पहना था और निचे स्कर्ट जिसका छोर घुटनोँ से थोड़ा ज्यादा ही ऊपर तक था पहन रखा था। उनके ब्लाउज के निचे और स्कर्ट के बेल्ट के बिच का खुला हुआ बदन किसी भी मर्द को पागल करने के लिए काफी था। पतली कमर, पेट की करारी त्वचा, नाभि में बिच स्थित नाभि बटन और फिर पतली कमर के निचे कूल्हों की और का फैलाव और फिर कातिल सी कमल की डंडी के सामान सुआकार जाँघें किसी भी लोलुप मर्द की आँखों को अपने ऊपर से हटने नहीं दें ऐसी कामुक थीं।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 11:51 AM



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