26-12-2019, 11:47 AM
अपर्णा ने टेढ़ी नजरों से अपने पति की और देखा और शरारत भरी आँखें नचाते हुए पूछा, "क्यों मियाँ? रात को क्या जरुरत है अपनी बीबी के पास आने की? रात को भी अपनी श्रेया के साथ ही रहना ना?"
रोहित ने भी उसी लहजे में जवाब देते हुए कहा, "अच्छा, मेरी प्यारी बीबी? रात में तुम मुझे श्रेया के साथ रहने के लिए कह कर कहीं तुम अपने जीतूजी के साथ रात गुजारने का प्लान तो नहीं बना रही हो?" अपने पति की वही शरारत भरी मुस्कान और करारा जवाब मिलने पर अपर्णा कुछ झेंप सी गयी। उसके गाल शर्म से लाल हो गए। अपनी उलझन और शर्मिंदगी छिपाते हुए रोहित की कमर में एक हल्काफुल्का नकली घूँसा मारती हुई अपनी आँखें निचीं करते हुए l अपर्णा बोली, "क्या बकते हो? मेरा कहने का मतलब ऐसा नहीं था। खैर, मजाक अपनी जगह है। मुझे जीतूजी को कंपनी देने में क्या आपत्ति हो सकती है? मुझे भी उनके साथ रहना, घूमना फिरना, बातें करना अच्छा लगता है। आप जैसा कहें। मैं जरूर जीतूजी को कंपनी दूंगी। पर रात में मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी हाँ!"
रोहित ने अपनी बीबी अपर्णा को अपनी बाँहों में भरते हुए अपर्णा का गाउन दोनों हाथों में पकड़ा और कहा, "अरे भाई, वह तो तुम रहोगी ही। मैं भी तो तुम्हारे बगैर अपनी रातें उन वादियों में कैसे गुजारूंगा? मुझसे तो तुम्हारे बगैर एक रात भी गुजर नहीं सकती।" अपर्णा ने अपने पति को उलाहना देते हुए कहा, "अरे छोडो भी! तुम्हें मेरी फ़िक्र कहाँ? तुम्हें तो दिन और रात श्रेया ही नजर आ रही है। भला उस सुंदरी के सामने तुम्हारी सीधी सादी बीबी कहाँ तुम्हें आकर्षक लगेगी?" रोहितने शरारतभरे लहजेमें अपने लण्ड की और इशारा करते हुए कहा, "अच्छा? तो यह जनाब वैसे ही थोड़े अटेंशनमें खड़े हैं?" अपर्णा ने अपने पति की नाक पकड़ी और कहा, "क्या पता? यह जनाब मुझे देख कर या फिर कोई दूसरी प्यारी सखी की याद को ताजा कर अल्लड मस्त हो कर उछल रहे हैं।" अपर्णा की शरारत भरी और सेक्सी बातें और अदा के साथ अपनी बीबी की कोमल उँगलियों से सहलवाने के कारण रोहित का लण्ड खड़ा हो गया था। उसके छिद्र में से उसका पूर्वरस स्राव करने लगा। रोहित ने दोनों हाथोँ से अपर्णा का गाउन ऊपर उठाया।
अपर्णा ने अपने हाथ ऊपर उठा कर अपना गाउन अपने पति रोहितको निकाल फेंकने दिया,अपर्णा ने उस रात गाउन के निचे कुछ भी नहीं पहना था। उसे पता था की उस रात उसकी अच्छी खासी चुदाई होने वाली थी। अपने पति का कड़क लण्ड अपने हाथों में हिलाते हुए पति के कुर्ता पयजामे की और ऊँगली दिखाते हुए कहा, "तुम भी तो अपना यह परिवेश उतारो ना? मैं गरम हो रही हूँ।" रोहित अपनी कमसिन बीबी के करारे फुले हुए स्तनों को, उसके ऊपर बिखरे हुए दाने सामान उभरी हुई फुंसियों से मण्डित चॉकलेटी रंगकी एरोला के बीचो बिच गुलाबी रंग की फूली हुई निप्पलोँ को दबाने और मसलने का अद्भुत आनंद ले रहे थे। अपना दुसरा हाथ रोहितने अपनी बीबी की चूत पर हलके हलके फिराते हुए कहा, "गरम तो तुम हो रही हो। यह मेरी उँगलियाँ महसूस कर रहीं हैं। यह गर्मी किसके कारण और किसके लिए है?"
रोहित ने भी उसी लहजे में जवाब देते हुए कहा, "अच्छा, मेरी प्यारी बीबी? रात में तुम मुझे श्रेया के साथ रहने के लिए कह कर कहीं तुम अपने जीतूजी के साथ रात गुजारने का प्लान तो नहीं बना रही हो?" अपने पति की वही शरारत भरी मुस्कान और करारा जवाब मिलने पर अपर्णा कुछ झेंप सी गयी। उसके गाल शर्म से लाल हो गए। अपनी उलझन और शर्मिंदगी छिपाते हुए रोहित की कमर में एक हल्काफुल्का नकली घूँसा मारती हुई अपनी आँखें निचीं करते हुए l अपर्णा बोली, "क्या बकते हो? मेरा कहने का मतलब ऐसा नहीं था। खैर, मजाक अपनी जगह है। मुझे जीतूजी को कंपनी देने में क्या आपत्ति हो सकती है? मुझे भी उनके साथ रहना, घूमना फिरना, बातें करना अच्छा लगता है। आप जैसा कहें। मैं जरूर जीतूजी को कंपनी दूंगी। पर रात में मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी हाँ!"
रोहित ने अपनी बीबी अपर्णा को अपनी बाँहों में भरते हुए अपर्णा का गाउन दोनों हाथों में पकड़ा और कहा, "अरे भाई, वह तो तुम रहोगी ही। मैं भी तो तुम्हारे बगैर अपनी रातें उन वादियों में कैसे गुजारूंगा? मुझसे तो तुम्हारे बगैर एक रात भी गुजर नहीं सकती।" अपर्णा ने अपने पति को उलाहना देते हुए कहा, "अरे छोडो भी! तुम्हें मेरी फ़िक्र कहाँ? तुम्हें तो दिन और रात श्रेया ही नजर आ रही है। भला उस सुंदरी के सामने तुम्हारी सीधी सादी बीबी कहाँ तुम्हें आकर्षक लगेगी?" रोहितने शरारतभरे लहजेमें अपने लण्ड की और इशारा करते हुए कहा, "अच्छा? तो यह जनाब वैसे ही थोड़े अटेंशनमें खड़े हैं?" अपर्णा ने अपने पति की नाक पकड़ी और कहा, "क्या पता? यह जनाब मुझे देख कर या फिर कोई दूसरी प्यारी सखी की याद को ताजा कर अल्लड मस्त हो कर उछल रहे हैं।" अपर्णा की शरारत भरी और सेक्सी बातें और अदा के साथ अपनी बीबी की कोमल उँगलियों से सहलवाने के कारण रोहित का लण्ड खड़ा हो गया था। उसके छिद्र में से उसका पूर्वरस स्राव करने लगा। रोहित ने दोनों हाथोँ से अपर्णा का गाउन ऊपर उठाया।
अपर्णा ने अपने हाथ ऊपर उठा कर अपना गाउन अपने पति रोहितको निकाल फेंकने दिया,अपर्णा ने उस रात गाउन के निचे कुछ भी नहीं पहना था। उसे पता था की उस रात उसकी अच्छी खासी चुदाई होने वाली थी। अपने पति का कड़क लण्ड अपने हाथों में हिलाते हुए पति के कुर्ता पयजामे की और ऊँगली दिखाते हुए कहा, "तुम भी तो अपना यह परिवेश उतारो ना? मैं गरम हो रही हूँ।" रोहित अपनी कमसिन बीबी के करारे फुले हुए स्तनों को, उसके ऊपर बिखरे हुए दाने सामान उभरी हुई फुंसियों से मण्डित चॉकलेटी रंगकी एरोला के बीचो बिच गुलाबी रंग की फूली हुई निप्पलोँ को दबाने और मसलने का अद्भुत आनंद ले रहे थे। अपना दुसरा हाथ रोहितने अपनी बीबी की चूत पर हलके हलके फिराते हुए कहा, "गरम तो तुम हो रही हो। यह मेरी उँगलियाँ महसूस कर रहीं हैं। यह गर्मी किसके कारण और किसके लिए है?"