26-12-2019, 11:44 AM
जिस दिन सुबह ट्रैन पकड़नी थी उसके अगले दिन रात को बिस्तर में रोहित और अपर्णा के बिच में कुछ इस तरह बात हुई। रोहित अपर्णा को अपनी बाहों में लेकर बोले, "डार्लिंग, कल सुबह हम एक बहुत ही रोमांचक और साहसिक यात्रा पर निकल रहे हैं और मैं चाहता हूँ की इसे और भी उत्तेजक और रोमांचक बनाया जाए।". यह कह कर रोहित ने अपनी बीबी के गाउन के ऊपर से अंदर अपना हाथ डालकर अपर्णा के बूब्स को सहलाना और दबाना शुरू किया।
अपर्णा मचलती हुई बोली, "क्या मतलब?" रोहित ने अपर्णा की निप्पलों को अपनी उँगलियों में लिया और उन्हें दबाते हुए बोले, "हनी, हमने जीतूजी को आपको पढ़ाने के लिए जो योगदान दिया है उसके बदले में कुछ भी तो नहीं दिया l हाँ यह सच है की उन्होंने भी कुछ नहीं माँगा। ना ही उन्होंने कुछ माँगा और नाही हम उन्हें कुछ दे पाए हैं। तुम भी अच्छी तरह जानती हो की जीतूजी से हम गलती से भी पैसों की बात नहीं कर सकते। अगर उन्हें पता लगा की हमने ऐसा कुछ सोचा भी था तो वह बहुत बुरा मान जाएंगे। फिर हम करें तो क्या करें? तो मैंने एक बात सोची है। पता नहीं तुम मेरा समर्थन करोगी या नहीं। हम दोनों यह जानते हैं की जीतूजी वाकई तुम पर फ़िदा हैं। यह हकीकत है और इसे छिपाने की कोई जरुरत नहीं है। मुझे इस बात पर कोई एतराज नहीं है। हम जवान हैं और एक दूसरे की बीबी या शौहर के प्रति कुछ थोड़ा बहोत शारीरिक आकर्षण होता है तो मुझे उसमें कोई बुराई नहीं लगती।" अपने पति की ऐसे बहकाने वाली बात सुनकर अपर्णा की साँसे तेज हो गयीं। उसे डर लगा की कहीं उसके पति को अपर्णा की जीतूजी के साथ बितायी हुई उस सुबह का कुछ अंदाज तो नहीं हो गया था? शायद वह बातों ही बातों में इस तरह उसे इशारा कर रहे थे। रोहित ने शायद अपर्णा की हालत देखि नहीं।
अपनी बात चालु रखते हुए वह बोले, "मैं ऐसे कई कपल्स को जानता हूँ जो कभी कभार आपसी सहमति से या जानबूझ कर अनजान बनते हुए अपनी बीबी या शौहर को दूसरे की बीबी या शौहर से शारीरिक सम्बन्ध रखने देते हैं। फिर भी उनका घरसंसार बढ़िया चलता है, क्यूंकि वह अपने पति या पत्नी को बहोत प्यार करते हैं l उन्हें अपने पति या पत्नी में पूरा विश्वास है की जो हो रहा है वह एक जोश और शारीरिक उफान का नतीजा है। वक्त चलते वह उफान शांतहो जाएगा। इस कारण जो हो रहा है उसे सहमति देते हैं या फिर जानते हुए भी अपने शोहर या बीबी की कामना पूर्ति को ध्यान में रखे हुए ऑंखें मूँद कर उसे नजरअंदाज करते हैं। जीतूजी तुम्हारी कंपनी एन्जॉय करते हैं यह तो तुम भी जानती हो। में चाहता हूँ की इस टूर में तुम जीतूजी के करीब रहो और उन्हें कंपनी दे कर कुछ हद तक उनके मन में तुम्हारी कंपनी की जो इच्छा है उसे पूरी करो। अगर तुम्हें जीतूजी के प्रति शारीरिक आकर्षण ना भी हो तो यह समझो की तुम कुछ हद तक उनका ऋण चुका रही हो।"
पति की बात सुनकर अपर्णा गरम होने लगी। अपर्णा के पति अपर्णा को वह पाठ पढ़ा रहे थे जिसमें अपर्णा ने पहले ही डिग्री हासिल कर ली थी। उसके बदन में जीतूजीके साथ बितायी सुबह का रोमांच कायम था। वह उसे भूल नहीं पा रही थी। अपने पति की यह बात सुन कर अपर्णा की चूत गीली हो गयी। उसमें से रस रिसने लगा।
अपर्णा मचलती हुई बोली, "क्या मतलब?" रोहित ने अपर्णा की निप्पलों को अपनी उँगलियों में लिया और उन्हें दबाते हुए बोले, "हनी, हमने जीतूजी को आपको पढ़ाने के लिए जो योगदान दिया है उसके बदले में कुछ भी तो नहीं दिया l हाँ यह सच है की उन्होंने भी कुछ नहीं माँगा। ना ही उन्होंने कुछ माँगा और नाही हम उन्हें कुछ दे पाए हैं। तुम भी अच्छी तरह जानती हो की जीतूजी से हम गलती से भी पैसों की बात नहीं कर सकते। अगर उन्हें पता लगा की हमने ऐसा कुछ सोचा भी था तो वह बहुत बुरा मान जाएंगे। फिर हम करें तो क्या करें? तो मैंने एक बात सोची है। पता नहीं तुम मेरा समर्थन करोगी या नहीं। हम दोनों यह जानते हैं की जीतूजी वाकई तुम पर फ़िदा हैं। यह हकीकत है और इसे छिपाने की कोई जरुरत नहीं है। मुझे इस बात पर कोई एतराज नहीं है। हम जवान हैं और एक दूसरे की बीबी या शौहर के प्रति कुछ थोड़ा बहोत शारीरिक आकर्षण होता है तो मुझे उसमें कोई बुराई नहीं लगती।" अपने पति की ऐसे बहकाने वाली बात सुनकर अपर्णा की साँसे तेज हो गयीं। उसे डर लगा की कहीं उसके पति को अपर्णा की जीतूजी के साथ बितायी हुई उस सुबह का कुछ अंदाज तो नहीं हो गया था? शायद वह बातों ही बातों में इस तरह उसे इशारा कर रहे थे। रोहित ने शायद अपर्णा की हालत देखि नहीं।
अपनी बात चालु रखते हुए वह बोले, "मैं ऐसे कई कपल्स को जानता हूँ जो कभी कभार आपसी सहमति से या जानबूझ कर अनजान बनते हुए अपनी बीबी या शौहर को दूसरे की बीबी या शौहर से शारीरिक सम्बन्ध रखने देते हैं। फिर भी उनका घरसंसार बढ़िया चलता है, क्यूंकि वह अपने पति या पत्नी को बहोत प्यार करते हैं l उन्हें अपने पति या पत्नी में पूरा विश्वास है की जो हो रहा है वह एक जोश और शारीरिक उफान का नतीजा है। वक्त चलते वह उफान शांतहो जाएगा। इस कारण जो हो रहा है उसे सहमति देते हैं या फिर जानते हुए भी अपने शोहर या बीबी की कामना पूर्ति को ध्यान में रखे हुए ऑंखें मूँद कर उसे नजरअंदाज करते हैं। जीतूजी तुम्हारी कंपनी एन्जॉय करते हैं यह तो तुम भी जानती हो। में चाहता हूँ की इस टूर में तुम जीतूजी के करीब रहो और उन्हें कंपनी दे कर कुछ हद तक उनके मन में तुम्हारी कंपनी की जो इच्छा है उसे पूरी करो। अगर तुम्हें जीतूजी के प्रति शारीरिक आकर्षण ना भी हो तो यह समझो की तुम कुछ हद तक उनका ऋण चुका रही हो।"
पति की बात सुनकर अपर्णा गरम होने लगी। अपर्णा के पति अपर्णा को वह पाठ पढ़ा रहे थे जिसमें अपर्णा ने पहले ही डिग्री हासिल कर ली थी। उसके बदन में जीतूजीके साथ बितायी सुबह का रोमांच कायम था। वह उसे भूल नहीं पा रही थी। अपने पति की यह बात सुन कर अपर्णा की चूत गीली हो गयी। उसमें से रस रिसने लगा।