26-12-2019, 11:25 AM
गर्मी की छुट्टियां कुछ दिन के बाद शुरू होने वाली ही थीं।
रोहित, कर्नल साहब उनकी पत्नी श्रेया और रोहित की पत्नी अपर्णा एक दिन निचे कार पार्क में ही मिल गए l तब कर्नल साहब ने कहा, "रोहित और अपर्णा सुनो। आर्मी में इस छुट्टियों में सामान्य नागरिकों के लिए आतंक विरोधी अभियान के तहत एक ट्रेनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम हिमाचल की पहाड़ियों में रखा है। इसमें नाम रजिस्टर करवाना है। कार्यक्रम सात दिनों का है। उसमें पहाड़ों में घूमना, तैराकी, शारीरिक व्यायाम, मनोरंजन इत्यादि कार्यक्रम हैं। सारा कार्यक्रम बड़ा रोमांचक होता है। मैं भी उसमें एक ट्रेनर हूँ। हमें तो जाना ही है। अगर आप की इच्छा हो तो आप भी शरीक़ हो सकते हो।"
श्रेया रोहित की पत्नी ने अपर्णा के करीब आयी, प्यार से उसका हाथ थामा और अपर्णा के कानों में मुँह रख कर शरारत भरी आवाज में धीमे से बोलीं, "बहन चलो ना। राज की बात यह भी है की काफी दिन से मैंने तुमसे 'मालिश' भी नहीं करवाई। यह बहुत बढ़िया मौक़ा है। छुट्टियां हैं। घूमेंगे फिरेंगे और मजे करेंगे। तुम हाँ कह दोगी ना, तो रोहित तो अपने आप ही आ जाएंगे।"
रोहित ने श्रेया की और देखकर कहा, "अगर आप कहते हैं तो हम चलेंगे।" अपनी पत्नी अपर्णा की और देखते हुए रोहित ने पूछा, "क्यों डार्लिंग, चलेंगें ना?" अपर्णा समझ गयी की श्रेया के मन में कुछ जबरदस्त प्लान है। इतने करीब रहते हुए भी व्यस्तता के कारण पिछले कुछ दिनों से श्रेया से मिलना भी नहीं हो पाया था।
वह शर्माती हुई अपने पति की और देखती हुई बोली, "अगर आप कहेंगे तो भला मैं क्यों मना करुँगी? वैसे भी वेकेशन में हमें कहीं ना कहीं तो जाना ही है; तो क्यों ना हम इसी कार्यक्रम में हिस्सा लें? लगता है यह काफी रोमांचक और मजेदार होगा साथ साथ पहाड़ों में घूमना और एक्सरसाइज दोनों हो जाएंगे।" तो फिर तय हुआ की पहाड़ों में छुट्टियां बितानेके लिए इस कार्यक्रम में रोहित और उनकी पत्नी अपर्णा के नाम भी रजिस्टर कराएं जाएं। सब अपना सामान जुटाने में और तैयारी में लग गये।
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रोहित, कर्नल साहब उनकी पत्नी श्रेया और रोहित की पत्नी अपर्णा एक दिन निचे कार पार्क में ही मिल गए l तब कर्नल साहब ने कहा, "रोहित और अपर्णा सुनो। आर्मी में इस छुट्टियों में सामान्य नागरिकों के लिए आतंक विरोधी अभियान के तहत एक ट्रेनिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम हिमाचल की पहाड़ियों में रखा है। इसमें नाम रजिस्टर करवाना है। कार्यक्रम सात दिनों का है। उसमें पहाड़ों में घूमना, तैराकी, शारीरिक व्यायाम, मनोरंजन इत्यादि कार्यक्रम हैं। सारा कार्यक्रम बड़ा रोमांचक होता है। मैं भी उसमें एक ट्रेनर हूँ। हमें तो जाना ही है। अगर आप की इच्छा हो तो आप भी शरीक़ हो सकते हो।"
श्रेया रोहित की पत्नी ने अपर्णा के करीब आयी, प्यार से उसका हाथ थामा और अपर्णा के कानों में मुँह रख कर शरारत भरी आवाज में धीमे से बोलीं, "बहन चलो ना। राज की बात यह भी है की काफी दिन से मैंने तुमसे 'मालिश' भी नहीं करवाई। यह बहुत बढ़िया मौक़ा है। छुट्टियां हैं। घूमेंगे फिरेंगे और मजे करेंगे। तुम हाँ कह दोगी ना, तो रोहित तो अपने आप ही आ जाएंगे।"
रोहित ने श्रेया की और देखकर कहा, "अगर आप कहते हैं तो हम चलेंगे।" अपनी पत्नी अपर्णा की और देखते हुए रोहित ने पूछा, "क्यों डार्लिंग, चलेंगें ना?" अपर्णा समझ गयी की श्रेया के मन में कुछ जबरदस्त प्लान है। इतने करीब रहते हुए भी व्यस्तता के कारण पिछले कुछ दिनों से श्रेया से मिलना भी नहीं हो पाया था।
वह शर्माती हुई अपने पति की और देखती हुई बोली, "अगर आप कहेंगे तो भला मैं क्यों मना करुँगी? वैसे भी वेकेशन में हमें कहीं ना कहीं तो जाना ही है; तो क्यों ना हम इसी कार्यक्रम में हिस्सा लें? लगता है यह काफी रोमांचक और मजेदार होगा साथ साथ पहाड़ों में घूमना और एक्सरसाइज दोनों हो जाएंगे।" तो फिर तय हुआ की पहाड़ों में छुट्टियां बितानेके लिए इस कार्यक्रम में रोहित और उनकी पत्नी अपर्णा के नाम भी रजिस्टर कराएं जाएं। सब अपना सामान जुटाने में और तैयारी में लग गये।
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