26-12-2019, 11:23 AM
एक दिन शाम रोहित दफ्तर से घर पहुंचा ही था की कर्नल साहब का फ़ोन आया की उनके घर में चोरी हुई है। रोहित और अपर्णा ने जब यह सूना तो वह दोनो भागते हुए कर्नल साहब के फ्लैट पहुंचे। उनके घर सिक्युरिटी आकर चली गयी थी। ड्राइंग रूम में सारा सामान बिखरा हुआ था।
अपर्णा ने जीतूजी की पत्नी के पास जा कर उनका हाथ थामा और पूछा की क्या हुआ था तो श्रेया बोली, "समझ में नहीं आता। हम सब बाहर थे। दिन दहाड़े कोई चोर घरमें ताला तोड़ कर घुसा। चोर ने पूरा घर छान मारा। पर एक लैपटॉप, कुछ डायरियां और एक ही जूते को छोड़ कुछ भी नहीं ले गया। जूता ले गया तो भी बस एक। दुसरा जूता यहीं पड़ा है। पता नहीं, एक जूते को तो वह पहन भी नहीं सकता। उसका वह क्या करेगा? घर में इतनी महंगी चीजें हैं। मेरे गहने हैं। उन्हें छुआ तक नहीं। मेरी समझ में तो कुछ नहीं आता।"
रोहित ने कहा, "हो सकता है, अचानक ही कोई आ गया हो ऐसा उसे लगा तो जो हाथ आया उसे लेकर वह भाग निकला।"
जीतूजी बड़ी गहरी सोचमें थे। उन्होंने कहा, "हो सकता है। पर हो सकता है कुछ और बात भी हो।"
रोहित कर्नल साहब की और आश्चर्य से देख कर बोलै, "आपको क्यों ऐसा लगता है की कुछ और भी हो सकता है?"
कर्नल साहब बोले, "वह इस लिए की पिछले कुछ दिनों से कोई मेरा पीछा कर रहा है। उसे पता नहीं की मैं जानता हूँ की वह मेरा पीछा कर रहा है। अगर यह चालु रहा तो एक ना एक दिन मैं उसे पकड़ पर पता कर ही लूंगा। पर इस बात में कुछ ना कुछ राज़ जरूर है।" रोहित और उसकी पत्नी अपर्णा कुछ समझ नहीं पाए और कुछ औपचारिक बातें कर अपने घर वापस लौट आये। कुछ दिनों में यह बात सब भूल गए।
अपर्णा ने जीतूजी की पत्नी के पास जा कर उनका हाथ थामा और पूछा की क्या हुआ था तो श्रेया बोली, "समझ में नहीं आता। हम सब बाहर थे। दिन दहाड़े कोई चोर घरमें ताला तोड़ कर घुसा। चोर ने पूरा घर छान मारा। पर एक लैपटॉप, कुछ डायरियां और एक ही जूते को छोड़ कुछ भी नहीं ले गया। जूता ले गया तो भी बस एक। दुसरा जूता यहीं पड़ा है। पता नहीं, एक जूते को तो वह पहन भी नहीं सकता। उसका वह क्या करेगा? घर में इतनी महंगी चीजें हैं। मेरे गहने हैं। उन्हें छुआ तक नहीं। मेरी समझ में तो कुछ नहीं आता।"
रोहित ने कहा, "हो सकता है, अचानक ही कोई आ गया हो ऐसा उसे लगा तो जो हाथ आया उसे लेकर वह भाग निकला।"
जीतूजी बड़ी गहरी सोचमें थे। उन्होंने कहा, "हो सकता है। पर हो सकता है कुछ और बात भी हो।"
रोहित कर्नल साहब की और आश्चर्य से देख कर बोलै, "आपको क्यों ऐसा लगता है की कुछ और भी हो सकता है?"
कर्नल साहब बोले, "वह इस लिए की पिछले कुछ दिनों से कोई मेरा पीछा कर रहा है। उसे पता नहीं की मैं जानता हूँ की वह मेरा पीछा कर रहा है। अगर यह चालु रहा तो एक ना एक दिन मैं उसे पकड़ पर पता कर ही लूंगा। पर इस बात में कुछ ना कुछ राज़ जरूर है।" रोहित और उसकी पत्नी अपर्णा कुछ समझ नहीं पाए और कुछ औपचारिक बातें कर अपने घर वापस लौट आये। कुछ दिनों में यह बात सब भूल गए।