26-12-2019, 11:21 AM
रोहित की पत्नी अपर्णा ने कर्नल साहब की पत्नी श्रेया का हाथ थाम कर बड़ी विनम्रता से कहा, "दीदी, आप मुझसे नाराज तो नहीं हो ना? मैं आपकी छोटी बहन और अंतरंग सहेली बने रहना चाहती हूँ। कहीं मेरी यह सोच के कारण आप मुझसे रिश्ता ही ना रखना चाहो ऐसा तो नहीं होगा ना? हमारे दोनों के बिच अभी जो प्यार हुआ मैं उससे बहुत ही रोमांचित हूँ और उसके कारण आपके प्रति मेरा सम्मान और प्यार और भी बढ़ा है। अगर मैं आपको थोड़ी सी भी सेक्सी लगती हूँ और अगर आपको मेरे बदन से थोड़ा सा भी प्यार करने का मन करता हो तो मुझे 'मालिश करने के लिए बुला लेना। हमारे बिच अभी जैसे हमने किया ऐसे प्यार करने का कोड होगा 'मालिश' करनी है'।"
अपर्णा की प्यारी और मीठी सरल बोली सुनकर श्रेया बरबस हँस पड़ी। अपर्णा को गले लगाते हुए बोली, "शायद कर्नल साहब के भाग्य में तुम्हारी 'मालिश' करना लिखा नहीं। पर तुम उन्हें प्यार करने से तो नहीं रोकेगी ना? और हाँ, मैं तुम्हें जल्दी ही 'मालिश' करनेके लिए बुलाऊंगी।"
अपर्णा भी श्रेया के साथ हँस पड़ी और बोली, "दीदी, मैं एक राज की बात कहती हूँ। मैं खुद भी आपका बार बार 'मालिश' करना चाहती हूँ और आपसे बार बार 'मालिश' करवाना चाहती हूँ। आपके पति से भी मैं बहुत प्यार करती हूँ। आपकी इजाजत हो तो मौक़ा मिलने पर मैं उनको बहुत प्यार दूँगी। और जहां तक उनसे 'मालिश' करवाने का सवाल है, तो क्या पता कल क्या होगा?"
बड़ी देर तक दोनों बहनें एक दूसरे से लिपटी रहीं और एक दूसरे की गीली आँखें पोछती रहीं और एक दूसरे की गीली चूत पर हाथ फिराती रहीं।
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कहते हैं की समय सब का समाधान है। समय सारे दुःख और सुख को लाता है और ले भी जाता है। श्रेया और रोहित की पत्नी को मिले हुए कुछ दिन हो गए। कर्नल साहब (जीतूजी) और रोहित दोनों अपने काम में व्यस्त हो गए। कॉलेज की छुट्टियां भी खत्म हो गयीं और जीतूजी की पत्नी श्रेया और रोहित की पत्नी अपर्णा दोनों भी अत्याधिक व्यस्त हो गए। देखते ही देखते गर्मियां शुरू हो गयीं। कॉलेजों में परीक्षा की चिंता मैं बच्चे पढ़ाई में लग गए थे।
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अपर्णा की प्यारी और मीठी सरल बोली सुनकर श्रेया बरबस हँस पड़ी। अपर्णा को गले लगाते हुए बोली, "शायद कर्नल साहब के भाग्य में तुम्हारी 'मालिश' करना लिखा नहीं। पर तुम उन्हें प्यार करने से तो नहीं रोकेगी ना? और हाँ, मैं तुम्हें जल्दी ही 'मालिश' करनेके लिए बुलाऊंगी।"
अपर्णा भी श्रेया के साथ हँस पड़ी और बोली, "दीदी, मैं एक राज की बात कहती हूँ। मैं खुद भी आपका बार बार 'मालिश' करना चाहती हूँ और आपसे बार बार 'मालिश' करवाना चाहती हूँ। आपके पति से भी मैं बहुत प्यार करती हूँ। आपकी इजाजत हो तो मौक़ा मिलने पर मैं उनको बहुत प्यार दूँगी। और जहां तक उनसे 'मालिश' करवाने का सवाल है, तो क्या पता कल क्या होगा?"
बड़ी देर तक दोनों बहनें एक दूसरे से लिपटी रहीं और एक दूसरे की गीली आँखें पोछती रहीं और एक दूसरे की गीली चूत पर हाथ फिराती रहीं।
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कहते हैं की समय सब का समाधान है। समय सारे दुःख और सुख को लाता है और ले भी जाता है। श्रेया और रोहित की पत्नी को मिले हुए कुछ दिन हो गए। कर्नल साहब (जीतूजी) और रोहित दोनों अपने काम में व्यस्त हो गए। कॉलेज की छुट्टियां भी खत्म हो गयीं और जीतूजी की पत्नी श्रेया और रोहित की पत्नी अपर्णा दोनों भी अत्याधिक व्यस्त हो गए। देखते ही देखते गर्मियां शुरू हो गयीं। कॉलेजों में परीक्षा की चिंता मैं बच्चे पढ़ाई में लग गए थे।
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