26-12-2019, 11:20 AM
श्रेया अपर्णा की बात सुन कर चुप हो गयी। शायद उनको लगा जैसे अपर्णा ने उनके सारे मंसूबों पर ठंडा पानी डाल दिया। अपर्णा ने महसूस किया की श्रेया उसकी बातें सुनकर काफी निराश लग रहे थे। अपर्णा ने आगे बढ़ते हुए श्रेया दीदी का हाथ थमा और बोली, "दीदी, मैं आपका दिल तोड़ना नहीं चाहती। पर आप भी मेरे मन की बात समझिये। मैं मेरी माँ से वचन बद्ध हूँ। मेरी माँ की इच्छा और सिख की अवज्ञा करना उनका अपमान करने बराबर है l बस मैं आपसे इतना वादा करती हूँ की आप मेरे पति के साथ जब चाहे जहां चाहे सो सकती हैं, मतलब चुदवा सकतीं हैं। मुझे उसमें कोई एतराज ना होगा। जहां तक मेरा सवाल है, मने मेरी मजबूरी बतायी। हाँ मैं जीतूजी को जी जान से प्यार करती हूँ और करती रहूंगी। मैं कोशिश करुँगी की जो सुख मैं उनको नहीं दे सकती उसके अलावा जो सुख मैं उनको दे सकती हूँ वह उनको जरूर दूंगी l मैं प्रार्थना करुँगी की इस जनम में नहीं तो अगले जनम में ही सही मुझे जीतूजी की शैयाभागिनी बनने का मौक़ा मिले।"
रोहित की पत्नी अपर्णा की बात सुनकर जीतूजी की पत्नी श्रेया का मुंह छोटा हो गया। उनके मुंह पर लिखे निराशा और कुंठा के भाव अपर्णा को साफ़ नजर आ रहे थे। वह खुद बड़ी निराश और दुखी महसूस कर रही थी। पर क्या करे? माँ को जो वचन दिया था। उसे तो निभाना ही था। अपर्णा ने श्रेया की और देखा। श्रेया कुछ बोल नहीं पा रही रहीं। अपर्णा को लगा की श्रेया अब उससे बात नहीं करेंगी। निराश सी होकर वह उठ खड़ी हुई और कपडे पहनने लगी; तब श्रेया ने अपर्णा का हाथ थामा और बोली, "देखो बहन, तुम्हारी बात सही है की प्यारी माँ को दिया हुआ वचन तोड़ना नहीं चाहिए। पर एक बात को समझो। तुम्हारी माँ ने सबसे पहले तुम्हें जो सिख दी थी वह समय के चलते बदली थी की नहीं? बोलो?"
अपर्णा ने श्रेया की तरफ देखा और मुंडी हिला कर कहा, "हाँ दीदी, बदली तो थी। पहले तो वह मुझे कोई लड़के से ज्यादा मिलने या बातचीत करने से ही मना कर रही थी; पर बाद में उन्होंने समय को बदलते हुए देखा तो छूआछुही और चुम्मा चाटी से आगे बढ़ने के लिए मना किया था।"
श्रेया ने कहा, "देखो बहन, अगर तुम्हारी माँ आज होती ना, तो मुझे पक्का पता है की वह तुम्हें रोकती नहीं। क्यूंकि वह यह समझती की तुम अब बड़ी समझदार और परिपक्व हो गयी हो और अपना सही निर्णय तुम खुद ले सकती हो। मैं तुम्हें कोई जबरदस्ती नहीं कर रही। पर मैं तुम्हें जो मैंने कहा वह सोचने के लिए आग्रह जरुर करुँगी। बाकी निर्णय लेना तुम्हारे हाथमें है।"