26-12-2019, 11:19 AM
जब मैं थोड़ी बड़ी हुई और माँ ने देखा की ज़माना बदल चुका था। लड़के लडकियां एक दूसरे से इतनी मिलती जुलती थीं की उनमें एक दूसरे के प्रति आकर्षण होना और चुम्माचाटी आम बात हो गयी थी तब माँ ने अपनी सिख बदली और कहा, "ठीक है। आज कल ज़माना बदल चुका है। आज कल के जमाने में लड़का लड़की में कुछ चुम्माचाटी चलती है। तो चिंता की कोई बात नहीं l पर तुम अपना सब कुछ, अपना शील उसीको देना जो तुम्हारे लिए अपना जीवन तक छोड़ने के लिए तैयार हो और अपनी जान पर खेल कर तुम्हारी रक्षा करे।
मेरी माँ की सिख मेरे लिए मेरे प्राण के सामान है। मैं उसको ठुकरा नहीं सकती। दीदी मैं आपको निराश कर के बहुत दुखी हूँ। आई एम् सो सॉरी। बल्कि सचमें तो मैं भी जीतूजी की कायल हूँ और उनसे मुझे कोई परहेज भी नहीं है। मेरे पति तो उलटा जीतूजी की बातें कर के मुझे छेड़ते रहते हैं l सिनेमा हॉल में उन्हों ने ही मुझे जीतूजी के पास बिठा दिया था और जीतूजी की और मेरी जो राम कहानी हुई थी वह सब मेरे पति रोहित को पता है l आपकी जो मँशा है वही मेरे पति की भी है। मैंने आपको बता ही दिया है की कैसे जीतूजी ने मेरे हाथों में अपना लण्ड पकड़ा दिया था और मैंने कैसे जीतूजी को मेरी ब्रेस्ट्स से खेलने की भी इजाजत दे दी थी।"
श्रेया अपर्णा की बात सुनती रही। अपर्णा ने श्रेया की और देखा और बोली, "मेरे पति रोहित ने मेरे साथ शादी कर अपना सब कुछ मेरे हवाले कर दिया। वक्त आने पर वह मेरे लिए अपनी जान पर भी खेल सकते हैं तो मैं उनकी हो गयी। अब मैं अपनी माँ की बात कैसे ठुकराऊँ?"
मेरी माँ की सिख मेरे लिए मेरे प्राण के सामान है। मैं उसको ठुकरा नहीं सकती। दीदी मैं आपको निराश कर के बहुत दुखी हूँ। आई एम् सो सॉरी। बल्कि सचमें तो मैं भी जीतूजी की कायल हूँ और उनसे मुझे कोई परहेज भी नहीं है। मेरे पति तो उलटा जीतूजी की बातें कर के मुझे छेड़ते रहते हैं l सिनेमा हॉल में उन्हों ने ही मुझे जीतूजी के पास बिठा दिया था और जीतूजी की और मेरी जो राम कहानी हुई थी वह सब मेरे पति रोहित को पता है l आपकी जो मँशा है वही मेरे पति की भी है। मैंने आपको बता ही दिया है की कैसे जीतूजी ने मेरे हाथों में अपना लण्ड पकड़ा दिया था और मैंने कैसे जीतूजी को मेरी ब्रेस्ट्स से खेलने की भी इजाजत दे दी थी।"
श्रेया अपर्णा की बात सुनती रही। अपर्णा ने श्रेया की और देखा और बोली, "मेरे पति रोहित ने मेरे साथ शादी कर अपना सब कुछ मेरे हवाले कर दिया। वक्त आने पर वह मेरे लिए अपनी जान पर भी खेल सकते हैं तो मैं उनकी हो गयी। अब मैं अपनी माँ की बात कैसे ठुकराऊँ?"