26-12-2019, 11:14 AM
श्रेया ने भी जवाब में हँसते हुए काफी सन्दर्भ पूर्ण और शरारती इशारा करते हुए कहा, "अरे पगली आदत डालले! अब कई और भी मौके आएंगे किसी और से बदन को छुआने के। अब तुझे मेरा संग जो मिल गया है।" ऐसा कह कर श्रेया ने अपर्णा की कच्छी (पैंटी) को अपर्णा के घुटनों की और निचे खिसकाया। अपर्णा ने अपने दोनों पांव एक तरफ कर कच्छी को निचे की और खिसका कर निकाल फेंकी। दोनों स्त्रियां पूरी तरह निर्वस्त्र थीं। इन्सान जब भी इस दुनिया में आता है तो भगवान् उसे उसके शरीर की रक्षा के लिए मात्र चमड़ी के प्राकृतिक आवरण में ढक कर भेजते हैं।
इन्सान उसी बदन को अप्राकृतिक आवरणों में छिपा कर रखना चाहता है, जिससे पुरुष और स्त्री का एक दूसरे के अंग देखने का कौतुहल बढे जिससे और ज्यादा कामुकता पैदा हो। दोनों स्त्रियां कुदरत की भेंट सी किसी भी अप्राकृतिक आवरण से ढकी हुई नहीं थीं। अपर्णा फिर अपनी मूल पोजीशन में वापस आ गयी। श्रेया अपर्णा की टाँगों के बिच स्थित अपर्णा की चूत पर हाथ फेर कर उसे सहलाने और दबाने लगीं। अपर्णा अपनी गाँड़ इधर उधर कर मचल रही थी। उसके जीवन में यह पहला मौक़ा था जब किसी महिला ने अपर्णा बदन को इस तरह छुआ और प्यार किया हो। अपर्णा इंतजार कर रही थी की जल्द ही श्रेया की उंगलियां उसकी चूत में डालेंगीं और उसे उन्माद से पागल कर देंगीं। और ठीक वही हुआ। अपर्णा की चूत के ऊपर वाले उभार पर हाथ फिराते श्रेया ने धीरेसे अपनी एक उंगली से अपर्णा की चूत की पंखुड़ियों को सहलाना शुरू किया। अपर्णा की यह कमजोरी थी की जब कभी उसके पति अपर्णा को चुदवाने के लिए तैयार करना चाहते थे तो हमेशा उसकी चूत की पंखुड़ियों को मसलते और प्यार से रगड़ते। उस समय अपर्णा तुरंत ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाती थी। श्रेया ने धीरे से वही उंगली अपर्णा की चूत में डालदी। धीरे धीरे श्रेया अपर्णा की चूत की पंखुड़ियों के निचे वाली नाजुक और संवेदनशील त्वचा को सहलाने और रगड़ने लगी। अपर्णा इसे महसूस कर उछल पड़ी। उसे ताज्जुब हुआ की श्रेया को महिलाओं की चूत को उत्तेजित करने में इतने माहिर कैसे थे। श्रेया की सतत अपनी उँगलियों से अपर्णा की चूत चोदने के कारण अपर्णा की चूत में एक अजीब सा उफान उठ रहा था। अपर्णा का पति रोहित अपर्णा को उंगली डालकर उसे चोदते थे। पर जो निपुणता और दक्षता श्रेया की उंगली में थी वह लाजवाब थी।
जब श्रेया ने देखा की अपर्णा अपनी चूत की श्रेया की उँगलियों से हो रही चुदाई के कारण उन्मादित हो कर अपने घुटनों के बल पर ही मचल रही थी। तब श्रेया ने अपर्णा के बाँहें पकड़ कर उसे अपने साथ ही लेटने का इशारा किया। अपर्णा हिचकिचाते हुए श्रेया के साथ लेट गयी तब श्रेया जी बैठ गयी और थोड़ा सा घूम कर अपनी दो उँगलियों को अपर्णा की चूत में घुसेड़ कर अपर्णा की चूत अपनी उँगलियों से फुर्ती से चोदने लगीं। अब अपर्णा के लिए यह झेलना बड़ा ही मुश्किल था।
इन्सान उसी बदन को अप्राकृतिक आवरणों में छिपा कर रखना चाहता है, जिससे पुरुष और स्त्री का एक दूसरे के अंग देखने का कौतुहल बढे जिससे और ज्यादा कामुकता पैदा हो। दोनों स्त्रियां कुदरत की भेंट सी किसी भी अप्राकृतिक आवरण से ढकी हुई नहीं थीं। अपर्णा फिर अपनी मूल पोजीशन में वापस आ गयी। श्रेया अपर्णा की टाँगों के बिच स्थित अपर्णा की चूत पर हाथ फेर कर उसे सहलाने और दबाने लगीं। अपर्णा अपनी गाँड़ इधर उधर कर मचल रही थी। उसके जीवन में यह पहला मौक़ा था जब किसी महिला ने अपर्णा बदन को इस तरह छुआ और प्यार किया हो। अपर्णा इंतजार कर रही थी की जल्द ही श्रेया की उंगलियां उसकी चूत में डालेंगीं और उसे उन्माद से पागल कर देंगीं। और ठीक वही हुआ। अपर्णा की चूत के ऊपर वाले उभार पर हाथ फिराते श्रेया ने धीरेसे अपनी एक उंगली से अपर्णा की चूत की पंखुड़ियों को सहलाना शुरू किया। अपर्णा की यह कमजोरी थी की जब कभी उसके पति अपर्णा को चुदवाने के लिए तैयार करना चाहते थे तो हमेशा उसकी चूत की पंखुड़ियों को मसलते और प्यार से रगड़ते। उस समय अपर्णा तुरंत ही चुदवाने के लिए तैयार हो जाती थी। श्रेया ने धीरे से वही उंगली अपर्णा की चूत में डालदी। धीरे धीरे श्रेया अपर्णा की चूत की पंखुड़ियों के निचे वाली नाजुक और संवेदनशील त्वचा को सहलाने और रगड़ने लगी। अपर्णा इसे महसूस कर उछल पड़ी। उसे ताज्जुब हुआ की श्रेया को महिलाओं की चूत को उत्तेजित करने में इतने माहिर कैसे थे। श्रेया की सतत अपनी उँगलियों से अपर्णा की चूत चोदने के कारण अपर्णा की चूत में एक अजीब सा उफान उठ रहा था। अपर्णा का पति रोहित अपर्णा को उंगली डालकर उसे चोदते थे। पर जो निपुणता और दक्षता श्रेया की उंगली में थी वह लाजवाब थी।
जब श्रेया ने देखा की अपर्णा अपनी चूत की श्रेया की उँगलियों से हो रही चुदाई के कारण उन्मादित हो कर अपने घुटनों के बल पर ही मचल रही थी। तब श्रेया ने अपर्णा के बाँहें पकड़ कर उसे अपने साथ ही लेटने का इशारा किया। अपर्णा हिचकिचाते हुए श्रेया के साथ लेट गयी तब श्रेया जी बैठ गयी और थोड़ा सा घूम कर अपनी दो उँगलियों को अपर्णा की चूत में घुसेड़ कर अपर्णा की चूत अपनी उँगलियों से फुर्ती से चोदने लगीं। अब अपर्णा के लिए यह झेलना बड़ा ही मुश्किल था।