26-12-2019, 11:08 AM
श्रेया अपर्णा की और देख कर मुस्कुरायी और बोली, "माफ़ करना बहन। मैंने ऐसा सोचा नहीं था। पर तुम ठीक कह रही हो। अब मैं ऐसा नहीं करुँगी।"
"अब आप चुपचाप उलटी लेट जाइये।" अपर्णा ने अपना अधिकार जताते हुए कहा।
श्रेया आज्ञाकारी बच्चीकी तरह पलंग पर उलटी लेट गयी। श्रेया के मादक कूल्हे और उनकी गाँड़ के दो गाल और उनके बिच की हलकी सी की दरार अपर्णा ने देखि तो देखती ही रह गयी। श्रेया का पूरा बदन पिछवाड़े से भी कितना आकर्षक और कमनीय लग रहा था! श्रेया जी की पीठसे सिकुड़ती हुई कमर और फिर अचानक ही कमर के निचे कूल्हों का उभार का कोई जवाब नहीं। गाँड़ की दरार श्रेया की दोनों जाँघों के मिलन के स्थान पर बदन के निचे ढकी हुई चूत का अंदेशा दे रही थी। श्रेया की जाँघे जैसे विश्वकर्मा ने पूरा नाप लेकर एकदम सुडौल अनुपात में बनायी हो ऐसा जान पड़ता था। घुटनों के निचे की पिंडी और उसके निचे के पॉंव के तलवे भी रंगीले और लुभावने मन मोहक थे। अपर्णा ने सोचा की इतनी प्यारी और लुभावनी कामिनी श्रेया भला यदि उसके के पति को भा गयी तो उसमें उस बेचारे का क्या दोष?
मालिश करने वाले तेल को हाथोँ पर लगा कर अपर्णा ने श्रेया के पॉंव की मालिश करनी शुरू की। श्रेया जी के करारे बदन के माँसल अंग अंग को छु कर जब अपर्णा को ही इतना रोमांच हो रहा था तो अगर उसके पति रोहित को श्रेया के करारे नंगे बदन को छूने का मौक़ा मिले तो उनका क्या हाल होगा यह सोच कर अपर्णा का भी मन किया की वह भी कभी ना कभी अपने पति की इस कामिनी को चोदने की मनोकामना पूरी करने लिए सहायता करना चाहेगी। फिर अपर्णा सोचने लगी की अगर उसने ऐसा करने की कोशिश की तो फिर श्रेया जी भी चाहेगी की अपर्णा को खुद को भी तो जीतूजी से चुदवाना पडेगा। जीतूजी से चुदवाने का यह विचार ही अपर्णा के रोंगटे खड़ा करने के लिये काफी था। फिलहाल अपर्णा ने श्रेया जी की मालिश पर ध्यान देना था। धीरे धीरे अपर्णा के हाथ जब श्रेया के कूल्हों को मलने लगे और वह उनके कूल्हों के गालों को दबाने और सहलाने लगी तो श्रेया के मुंहसे हलकीसी "आह्हह..." निकल पड़ी। अपर्णा के हाथोँ का स्पर्श श्रेया की चूत में हलचल करने के लिए पर्याप्त था। श्रेया ने लेटे लेटे अपर्णा से कहा, "मेरी चद्दर गीली करवाएगी क्या? तेरे हाथों में क्या जादू है? मेरी चूत से पानी ऐसे रिस रहा है जैसे मैं क्या बताऊं? मेरे पॉंव जकड से गए थे। अब हलके लग रहे हैं।"
अपर्णा ने कहा, "मैंने मसाज करने की ट्रैनिंग ली है दीदी। आप बस देखते जाओ। आप रुकिए, क्या मैं आप के निचे यह प्लास्टिक का कपड़ा रख दूँ? इस से चद्दर गीली या तेल वाली नहीं होगी। वरना चद्दर और भी गीली हो सकती है।"
"अब आप चुपचाप उलटी लेट जाइये।" अपर्णा ने अपना अधिकार जताते हुए कहा।
श्रेया आज्ञाकारी बच्चीकी तरह पलंग पर उलटी लेट गयी। श्रेया के मादक कूल्हे और उनकी गाँड़ के दो गाल और उनके बिच की हलकी सी की दरार अपर्णा ने देखि तो देखती ही रह गयी। श्रेया का पूरा बदन पिछवाड़े से भी कितना आकर्षक और कमनीय लग रहा था! श्रेया जी की पीठसे सिकुड़ती हुई कमर और फिर अचानक ही कमर के निचे कूल्हों का उभार का कोई जवाब नहीं। गाँड़ की दरार श्रेया की दोनों जाँघों के मिलन के स्थान पर बदन के निचे ढकी हुई चूत का अंदेशा दे रही थी। श्रेया की जाँघे जैसे विश्वकर्मा ने पूरा नाप लेकर एकदम सुडौल अनुपात में बनायी हो ऐसा जान पड़ता था। घुटनों के निचे की पिंडी और उसके निचे के पॉंव के तलवे भी रंगीले और लुभावने मन मोहक थे। अपर्णा ने सोचा की इतनी प्यारी और लुभावनी कामिनी श्रेया भला यदि उसके के पति को भा गयी तो उसमें उस बेचारे का क्या दोष?
मालिश करने वाले तेल को हाथोँ पर लगा कर अपर्णा ने श्रेया के पॉंव की मालिश करनी शुरू की। श्रेया जी के करारे बदन के माँसल अंग अंग को छु कर जब अपर्णा को ही इतना रोमांच हो रहा था तो अगर उसके पति रोहित को श्रेया के करारे नंगे बदन को छूने का मौक़ा मिले तो उनका क्या हाल होगा यह सोच कर अपर्णा का भी मन किया की वह भी कभी ना कभी अपने पति की इस कामिनी को चोदने की मनोकामना पूरी करने लिए सहायता करना चाहेगी। फिर अपर्णा सोचने लगी की अगर उसने ऐसा करने की कोशिश की तो फिर श्रेया जी भी चाहेगी की अपर्णा को खुद को भी तो जीतूजी से चुदवाना पडेगा। जीतूजी से चुदवाने का यह विचार ही अपर्णा के रोंगटे खड़ा करने के लिये काफी था। फिलहाल अपर्णा ने श्रेया जी की मालिश पर ध्यान देना था। धीरे धीरे अपर्णा के हाथ जब श्रेया के कूल्हों को मलने लगे और वह उनके कूल्हों के गालों को दबाने और सहलाने लगी तो श्रेया के मुंहसे हलकीसी "आह्हह..." निकल पड़ी। अपर्णा के हाथोँ का स्पर्श श्रेया की चूत में हलचल करने के लिए पर्याप्त था। श्रेया ने लेटे लेटे अपर्णा से कहा, "मेरी चद्दर गीली करवाएगी क्या? तेरे हाथों में क्या जादू है? मेरी चूत से पानी ऐसे रिस रहा है जैसे मैं क्या बताऊं? मेरे पॉंव जकड से गए थे। अब हलके लग रहे हैं।"
अपर्णा ने कहा, "मैंने मसाज करने की ट्रैनिंग ली है दीदी। आप बस देखते जाओ। आप रुकिए, क्या मैं आप के निचे यह प्लास्टिक का कपड़ा रख दूँ? इस से चद्दर गीली या तेल वाली नहीं होगी। वरना चद्दर और भी गीली हो सकती है।"