26-12-2019, 11:08 AM
अपर्णा आश्चर्य से श्रेया की और देखने लगी। श्रेया ने अपर्णा का एक हाथ अपनी चूत पर रख दिया। अपर्णा ने महसूस किया की श्रेया की चूत से भी उनका स्त्री रस रिस रहा था। अब अपर्णा की मर्यादा और झिझक का बाँध टूटने लगा था। वह अपने आप पर नियत्रण नहीं रख पा रही थी। अपर्णा ने श्रेया के पास पड़े तौलिये को हटाकर उनकी चूँचियों को चूसते हुए कहा, "दीदी सच बोलिये, रात को जीतूजी और आपने मिलकर खूब सेक्स किया था ना?"
श्रेया जी ने अपर्णा के भरे हुए स्तनों को सहलाते और निप्पलोँ को अपनी उँगलियों में दबाते हुए कहा, "अरे पगली बहन, सेक्स सेक्स मत बोल। पूछ की क्या तुम्हारे जीतूजी ने मुझे जम कर चोदा था या नहीं? हाँ अरे बहन उन्होंने तो मेरी जान निकाल ली उतना चोदा l मैं क्या बताऊँ? इसी लिए तो आज सुबह से मैं थकी हुई हूँ। वह जब चोदते हैं तो माँ कसम, इतने सालों के बाद भी मजा आ जाता है। चुदाई में जीतूजी का जवाब नहीं। पर तू बता, रोहित जी तुम्हें कैसे चोदते हैं?" अपर्णा श्रेया की बात सुन कर थोड़ा असमंजस में पड़ गयी। पर तब तक वह काफी रिलैक्स्ड महसूस कर रही थी।
अपर्णा ने कहा, "दीदी मुझे अब भी थोड़ी सी झिझक है पर मैंने आप से वादा किया है तो मैं खुलमखुल्ला बताउंगी की सेक्स, सॉरी मतलब, चुदाई करने में रोहित भी बड़े माहिर हैं। मुझे पता नहीं की उनका वह मतलब लण्ड जीतूजी के जितना बड़ा है या नहीं, पर फिर भी काफी बड़ा है। बखूबी की बात यह है की जब वह चोदते हैं तो मैं जब तक झड़ ना जाऊं तब तक चोदते ही रहते हैं।"
श्रेया ने अचम्भे से अपर्णा की और देखा और बोली, "अच्छा? इसका मतलब रोहित जी भी कर्नल साहब से कुछ कम नहीं है।"
अपर्णा ने श्रेया से पूछा "दीदी आप कह रही थीं ना की आपको बदन में काफी दर्द है तो आप अब लेट जाओ, मैं आपका थोड़ा हल्का फुल्का मसाज कर देती हूँ। "
अपर्णा की प्यार भरी बात सुनकर श्रेया बड़ी खुश हुई और बोली, "हाँ बहन अगर थोड़ी वर्जिश हो जायेगी तो बेहतर लगेगा। मैं सोचतो रहीथी की तुझे कहूं की थोड़ी मालिश करदे पर हिचकिचा रही थी।"
अपर्णाने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, " जाइये, मैं आपसे बात नहीं करती। एक तरफ तो आप मुझे छोटी बहन कहती हो और फिर ऐसे छोटी सी बात के लिए हिचकिचाती हो? देखिये दीदी, जिस तरह से आपने मुझमें इतना विश्वास जताया है (अपर्णा ने श्रेया के नंगे बदन की और इशारा किया), की अब हम ना सिर्फ सहेलियां और बहनें हैं बल्कि हमारा रिश्ता उससे भी बढ़ कर है जिसका कोई नाम नहीं है। अब मुझसे ऐसी छोटी सी बात के लिए हिचकिचाना ठीक नहीं लगता दीदी।"
श्रेया जी ने अपर्णा के भरे हुए स्तनों को सहलाते और निप्पलोँ को अपनी उँगलियों में दबाते हुए कहा, "अरे पगली बहन, सेक्स सेक्स मत बोल। पूछ की क्या तुम्हारे जीतूजी ने मुझे जम कर चोदा था या नहीं? हाँ अरे बहन उन्होंने तो मेरी जान निकाल ली उतना चोदा l मैं क्या बताऊँ? इसी लिए तो आज सुबह से मैं थकी हुई हूँ। वह जब चोदते हैं तो माँ कसम, इतने सालों के बाद भी मजा आ जाता है। चुदाई में जीतूजी का जवाब नहीं। पर तू बता, रोहित जी तुम्हें कैसे चोदते हैं?" अपर्णा श्रेया की बात सुन कर थोड़ा असमंजस में पड़ गयी। पर तब तक वह काफी रिलैक्स्ड महसूस कर रही थी।
अपर्णा ने कहा, "दीदी मुझे अब भी थोड़ी सी झिझक है पर मैंने आप से वादा किया है तो मैं खुलमखुल्ला बताउंगी की सेक्स, सॉरी मतलब, चुदाई करने में रोहित भी बड़े माहिर हैं। मुझे पता नहीं की उनका वह मतलब लण्ड जीतूजी के जितना बड़ा है या नहीं, पर फिर भी काफी बड़ा है। बखूबी की बात यह है की जब वह चोदते हैं तो मैं जब तक झड़ ना जाऊं तब तक चोदते ही रहते हैं।"
श्रेया ने अचम्भे से अपर्णा की और देखा और बोली, "अच्छा? इसका मतलब रोहित जी भी कर्नल साहब से कुछ कम नहीं है।"
अपर्णा ने श्रेया से पूछा "दीदी आप कह रही थीं ना की आपको बदन में काफी दर्द है तो आप अब लेट जाओ, मैं आपका थोड़ा हल्का फुल्का मसाज कर देती हूँ। "
अपर्णा की प्यार भरी बात सुनकर श्रेया बड़ी खुश हुई और बोली, "हाँ बहन अगर थोड़ी वर्जिश हो जायेगी तो बेहतर लगेगा। मैं सोचतो रहीथी की तुझे कहूं की थोड़ी मालिश करदे पर हिचकिचा रही थी।"
अपर्णाने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, " जाइये, मैं आपसे बात नहीं करती। एक तरफ तो आप मुझे छोटी बहन कहती हो और फिर ऐसे छोटी सी बात के लिए हिचकिचाती हो? देखिये दीदी, जिस तरह से आपने मुझमें इतना विश्वास जताया है (अपर्णा ने श्रेया के नंगे बदन की और इशारा किया), की अब हम ना सिर्फ सहेलियां और बहनें हैं बल्कि हमारा रिश्ता उससे भी बढ़ कर है जिसका कोई नाम नहीं है। अब मुझसे ऐसी छोटी सी बात के लिए हिचकिचाना ठीक नहीं लगता दीदी।"