26-12-2019, 10:49 AM
जब घर का सारा काम ख़तम कर श्रेया बैडरूम में आयी तो उनके पति जीतूजी टीवी पर समाचार देख रहे थे। हर चैनल पर थोड़ा ही सही पर कहीं ना कहीं उनकी और अपर्णा की तस्वीर या इंटरव्यू जरूर आया था। श्रेया ने बिस्तरे में आते हुए अपने पति जीतूजी को कहा, "आज तो तुमने अपना कमाल दिखा ही दिया। हर जगह तुम्हारी चेली अपर्णा तुम्हारे ही गुण गाया करती थी। मानना पड़ेगा। अपर्णा तुम्हारी पक्की चेली है। वह तुम्हारे अहसानों के निचे इतनी दबी है की तुम जो चाहो उससे ले सकते हो।"
जीतूजी ने टेढ़ी नज़रों से अपनी बीबी की और देख कर पूछा, "तुम कहना क्या चाहती हो?"
श्रेया ने कहा, "अनजान मत बनो. मैं तुम्हारी बीबी हूँ। तुम्हारी नस नस पहचानती हूँ। क्या मैं नहीं जानती तुम्हारे मन में अपर्णा के लिए क्या भाव हैं? अरे मुझसे मत छुपाओ। मैंने तुम्हें शादी के पहले वचन दिया था की अगर तुम्हें कोई सुन्दर औरत पसंद आ गयी तो मैं उसे तुम्हारे बिस्तर तक लाने में तुम्हारी पूरी मदद करुँगी। मैं आज भी मेरे उस वचन पर कायम हूँ। पर जीतूजी मैं एक बात से हैरान हूँ।"
कर्नल साहब ने पूछा, "क्या?"
श्रेया ने कहा, "आजतक कई लड़कियों और औरतों को मैंने आप पर मरते हुए देखा है। इनमें से मैं भी एक हूँ। पर आज तक मैंने आपको कोई औरत के लिए इतना तड़पते हुए नहीं देखा। पर आज आपकी आँखों में अपर्णा के लिए आपकी वह चाहत या यूँ कहिये कामुकता जो मैंने देखि है वैसी मैंने पहले कभी किसी औरत के लिए नहीं देखि? मैं जानती हूँ की अगर आपको मौक़ा मिलेगा तो आप उसे चोदना भी चाहेंगे। पतिदेव, सच बोलना। मेरी बात ठीक है ना? इस बात को ले कर मैं आप से कत्तई भी नाराज नहीं हूँ। जैसा की हमने एक दूसरे से वादा किया है, मैं आपकी ही बीबी रहूंगी। पर तुम्हारे मन में उस लड़की के लिए कुछ ना कुछ है ना? आखिर बात क्या है इस औरत में?"
जीतूजी ने अपनी बीबी को अपनी बाहों में लिया और उसके बूब्स की निप्पलोँ पर अपना हाथ फिराते हुए बोले, "मैं जानता हूँ। मैं मानता हूँ की मैं अपर्णा की और काफी आकर्षित हूँ। तुम्हारी बात गलत नहीं है की मैं कहीं ना कहीं मेरे मन में अपर्णा के लिए सिर्फ गुरु शिष्या के ही भाव नहीं है। देखो मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगा। पर मैं चाहता हूँ की वह मेरे पास अपनी मर्जी से आये। और दूसरी बात तुमने तो तुम्हारे सवाल का जवाब खुद ही दे दिया।"
जीतूजी ने टेढ़ी नज़रों से अपनी बीबी की और देख कर पूछा, "तुम कहना क्या चाहती हो?"
श्रेया ने कहा, "अनजान मत बनो. मैं तुम्हारी बीबी हूँ। तुम्हारी नस नस पहचानती हूँ। क्या मैं नहीं जानती तुम्हारे मन में अपर्णा के लिए क्या भाव हैं? अरे मुझसे मत छुपाओ। मैंने तुम्हें शादी के पहले वचन दिया था की अगर तुम्हें कोई सुन्दर औरत पसंद आ गयी तो मैं उसे तुम्हारे बिस्तर तक लाने में तुम्हारी पूरी मदद करुँगी। मैं आज भी मेरे उस वचन पर कायम हूँ। पर जीतूजी मैं एक बात से हैरान हूँ।"
कर्नल साहब ने पूछा, "क्या?"
श्रेया ने कहा, "आजतक कई लड़कियों और औरतों को मैंने आप पर मरते हुए देखा है। इनमें से मैं भी एक हूँ। पर आज तक मैंने आपको कोई औरत के लिए इतना तड़पते हुए नहीं देखा। पर आज आपकी आँखों में अपर्णा के लिए आपकी वह चाहत या यूँ कहिये कामुकता जो मैंने देखि है वैसी मैंने पहले कभी किसी औरत के लिए नहीं देखि? मैं जानती हूँ की अगर आपको मौक़ा मिलेगा तो आप उसे चोदना भी चाहेंगे। पतिदेव, सच बोलना। मेरी बात ठीक है ना? इस बात को ले कर मैं आप से कत्तई भी नाराज नहीं हूँ। जैसा की हमने एक दूसरे से वादा किया है, मैं आपकी ही बीबी रहूंगी। पर तुम्हारे मन में उस लड़की के लिए कुछ ना कुछ है ना? आखिर बात क्या है इस औरत में?"
जीतूजी ने अपनी बीबी को अपनी बाहों में लिया और उसके बूब्स की निप्पलोँ पर अपना हाथ फिराते हुए बोले, "मैं जानता हूँ। मैं मानता हूँ की मैं अपर्णा की और काफी आकर्षित हूँ। तुम्हारी बात गलत नहीं है की मैं कहीं ना कहीं मेरे मन में अपर्णा के लिए सिर्फ गुरु शिष्या के ही भाव नहीं है। देखो मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगा। पर मैं चाहता हूँ की वह मेरे पास अपनी मर्जी से आये। और दूसरी बात तुमने तो तुम्हारे सवाल का जवाब खुद ही दे दिया।"


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